गौतम का गंभीर शॉट: पाक के साथ खेल नहीं, गंभीर होना पड़ेगा (Gambhir shot of Gautam: country comes first game is secondry)
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सोशल नेटवर्किंग से लेकर बाज़ारों के चौपाल तक, टीवी न्यूज़ रूम से लेकर घरों की चार दीवारी तक, ऑफिस डेस्क से लेकर कॉलेज कैंपस तक, हर जगह आजकल बस एक ही मुद्दा अहम् है और वो है पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को सहयोग करना. देश के बीच ही दो गुट बन गए हैं. एक वो, जो भारत सरकार, भारतीय सोल्जर और भारतीय विचारों का मान रहे हैं और एक वो छोटा-सा तबका, जो ऐसा मानता है कि आतंकवाद तो पाकिस्तान फैला रहा है, लेकिन उसमें उस देश के खिलाड़ियों, कलाकरों की क्या ग़लती.
पाकिस्तानी खिलाड़ियों और कलाकारों को सपोर्ट करनेवालों में देश के कई सेलेब हैं, लेकिन देश का एक ऐसा भी खिलाड़ी है, जो देश से ऊपर किसी को नहीं मानता. एक सच्चा देशभक्त कह लें या फिर सच्चा खिलाड़ी. जी हां, हम बात कर रहे हैं गौतम गंभीर की. हाल ही में इंडियन क्रिकेट टीम में वापसी करनेवाले गौतम गंभीर ने मीडिया के सामने देशभक्ति का ऐसा नमूना पेश किया, जिसने उन लोगों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया, जो आमतौर पर ख़ुद को एक अलग ज़ोन का मानते हैं. गौतम ने मीडिया से बात करते हुए कहा, मैं पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने के बारे में सोच भी नहीं सकता. भारतीयों का जीवन खेल से अधिक महत्वपूर्ण है. राजनीति और खेलों को अलग रखने की बात करनेवालों को पहले ख़ुद को सैनिकों की जगह रखकर देखना चाहिए. जब तक सीमा पार आतंकवाद ख़त्म नहीं होता, तब तक पाकिस्तान के साथ कोई रिश्ते नहीं होने चाहिए. लोगों को ख़ुद को सेना की जगह रखकर सोचना चाहिए, जिन्होंने अपने बच्चे गंवाए हैं. किसी ने अपना पिता, बेटा गंवाया है.
जब गंभीर ने उठाया था फिल्म पर सवाल
इससे पहले भी सर्जिकल स्ट्राइक के बाद गंभीर ने सेना की तारीफ़ की थी. इतना ही नहीं महेंद्र सिंह धोनी पर बनी फिल्म की लगभग आलोचना करते हुए कहा था कि क्रिकटरों के जीवन पर फिल्म बनाने से अच्छा होगा कि देश की सीमा की रक्षा करनेवाले जवानों पर फिल्म बनाई जाए. गंभीर के इस बयान का कुछ लोगों ने विरोध किया, लेकिन ग़ौर फ़रमाया जाय तो पता चलेगा कि गौतम किसी व्यक्ति विशेष की आलोचना नहीं करते, बल्कि देश हित में बात करते हैं.
सो कॉल्ड पाक समर्थकों को गौतम गंभीर के बयान से सबक लेना चाहिए. देश विरोध में बयानबाज़ी करने से किसी की गरिमा मेें चार चांद नहीं लग जाते, हां, ये अलग बात है कि कुछ समय के लिए अपने फ़ालतू से बयान की ख़ातिर वो मीडिया में ज़रूर बना रहता है. जिस तरह से गंभीर ने देश के गौरव की बात करते हुए देश हित में बात की है, ठीक उसी तरह से बाकी लोगों को भी करना चाहिए.