
आज कृष्ण जन्माष्टमी पर अभिनेता विवेक ओबेरॉय बहुत ही सुंदर तरीक़े से इस दिन के महत्व और भगवान श्रीकृष्णजी के जीवन और उनके प्रेम को सरलता व गहराई से परिभाषित किया.

इसमें कोई दो राय नहीं कि कृष्णजी की लीला से लेकर उनका पूरा जीवन विविधताओं और प्रेरणाओं से भरा है.

बचपन से लेकर महाभारत के युद्ध तक उन्होंने समय-समय पर जीवन के प्रति हमारे नज़रिए, सोच और व्यवहार को लेकर एक नई दिशा और प्रेरणा दी है.

विवेक ओबेरॉय ने कृष्ण-सुदामा की मित्रता और कन्हैया की सुदामा के प्रति प्रेम भाव के बारे में संक्षेप में बताते हुए कहा कि इससे हमें भी प्रेरणा लेनी चाहिए. सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए इस वीडियो को लोगों ने बेहद पसंद किया.
वे कहते हैं-
आज जन्माष्टमी पर हम सिर्फ़ श्रीकृष्ण के जन्म को ही नहीं, बल्कि उनकी दिव्य सोच और ज्ञान को याद कर रहे हैं. जो आज भी ज़िंदगी समझने का एक सही नज़रिया देती है. हम सब ने उनकी युद्ध नीति के क़िस्से सुने हैं.

गीता में दी गई उनकी दिव्य शिक्षा जानी है और उनकी लीला तो निराली है ही. और उन्हीं में से एक लीला मुझे हमेशा बहुत ख़ूबसूरत लगती है- श्रीकृष्ण-सुदामा की कहानी.
दो बचपन के दोस्त, जो सादगी और प्यार के रिश्ते में बंधे थे. सालों बाद जब वो मिले तो सुदामा के पास भले ही कुछ धन-दौलत नहीं थी, लेकिन श्रीकृष्ण ने उन्हें उतने ही प्यार और आदर से अपनाया.

उन्होंने हमें सिखाया कि असली दौलत पैसा या महंगी चीज़ों में नहीं होती. असली दौलत होती है ऐसे सच्चे व साफ़ दिल के रिश्तों में. आज जन्माष्टमी के इस पर्व पर बस इतना याद रखें कि रिश्ते तभी ख़ूबसूरत लगते हैं, जब उनमें प्यार, ईमानदारी, सच्चाई हो...

और शायद इसीलिए जब हम दिल से किसी के साथ खड़े होते हैं. तब सही मायने में श्रीकृष्ण को याद करते हैं.
जय श्रीकृष्ण!

विवेक ओबेरॉय के इतने भावपूर्ण बातों नेे लोगों के दिलों को इस कदर भाव-विव्हल कर दिया कि फैंस ने इस पर अपनी सुंदर, भावपूर्ण प्यारी-प्यारी प्रतिक्रियाएं दीं.

सभी को कृष्ण जन्माष्टमी की ढेर सारी बधाइयां और शुभकामनाएं!
हैप्पी जन्माष्टमी!..


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