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शरद पूर्णिमा की शुभकामनाएं! (Happy Sharad Purnima!)

* शरद पूर्णिमा अश्‍विन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. * इसे कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा भी कहते हैं. * ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पूरे सालभर में इसी पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है, जिससे चंद्रमा की हीलिंग प्रॉपर्टी भी बढ़ जाती है. * हिंदुओं द्वारा इसी दिन कोजागर व्रत, जिसे कौमुदी व्रत भी कहते हैं, रखा जाता है. * इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के संग महारास रचाया था. यह भी पढ़े: धार्मिक कार्यों में शंख बजाने की परंपरा क्यों है? * शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा धरती के बेहद क़रीब होने के कारण उसके प्रकाश में मौजूद रासायनिक तत्व सीधे धरती पर गिरते हैं. * इस दिन रात्रि को मां लक्ष्मी देखती हैं कि कौन जाग रहा है और जो मां की भक्ति में लीन होकर जागरण करते हैं, उन्हें वे धन-वैभव से भरपूर कर देती हैं. * इसलिए इस दिन रात को मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है और उन्हें प्रिय चावल के खीर का भोग लगाया जाता है. * मान्यता अनुसार, शरद पूर्णिमा में चंद्रमा द्वारा अमृत किरणों की बरसात होती है, इसलिए चांदनी रात में चावल की खीर बनाकर रखने और खाने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है. साथ ही इससे कई तरह की बीमारियों भी दूर होती हैं. यह भी पढ़े: गणेशजी से जुड़े रोचक तथ्य

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