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महीनेभर पहले दिखने लगते हैं हार्ट अटैक के ये लक्षण ( Heart Attack Early Signs and Symptoms in Women & Men)
आपको पता है कि हार्ट अटैक का ख़तरा महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों को ज्यादा होता है और इसे पुरुषों में होनेवाली मौतों का सबसे बड़ा कारण भी माना जाता है. कुछ मरीज़ों को तो हार्ट अटैक के बारे में पता ही नहीं चलता, लेकिन अगर थोड़ी एहतियात बरती जाए तो इससे होने वाली मौतों से बचा जा सकता है. आपको बता दें कि हार्ट अटैक के लक्षण एक महीने पहले (Heart Attack Early Signs) दिखने लग जाते हैं. अगर आपको भी ये लक्षण नज़र आने लगें तो सावधान हो जाइए, क्योंकि आप हार्ट अटैक के शिकार हो सकते हैं.
शारीरिक थकानः ज़्यादा मेहनत या वर्कआउट किए बिना थकान महसूस करना इस बात की ओर इशारा करता है कि आपका दिल स्वस्थ नहीं है. दरअसल, दिल की बाएं वेंट्रिकल में कमज़ोरी की वज़ह से शारीरिक थकान महसूस होती है. अगर वेंट्रिकल रक्त को सही तरी़के से पंप नहीं करता है तो सोने के बाद भी व्यक्ति को थकान महसूस होती है, क्योंकि हृदय शरीर के टीशूज तक ताज़ा और ऑक्सीजन युक्त रक्त पहुंचाने में असमर्थ होता है. अगर यह वेंट्रिकल काम करना बंद कर दे, तो हृदय शरीर में रक्त पहुंचाना बंद कर देता है, जो हार्ट अटैक का कारण बन सकता है.
पैरों और कूल्हों में ऐंठनः चलते समय जांघों और कूल्हों में ऐंठन या जलन महसूस होना इस बात का संकेत है कि आपकी धमनियां अस्वस्थ हैं. ऐसा तब होता है जब धमनियां संकरी हो जाती हैं, जिससे पेट और सिर जैसे अंगों में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है. रक्त का प्रवाह धीमी गति से और कम होने की वजह से पैरों और कूल्हों में तकलीफ़ महसूस होती है. अगर समय रहते इस समस्या पर ग़ौर नहीं किया गया तो भविष्य में यह दिल के रोगों का कारण बन सकता है.
सांस की समस्याः अगर व्यायाम या किसी और वजह से आपको सांस लेने में समस्या हो रही है और आप हमेशा थका-थका महसूस कर रहे हैं तो सावधान हो जाइए और अपने डॉक्टर को दिखाइए. अक्सर हार्ट अटैक से कई दिन पहले ही यह समस्या शुरू हो जाती है. सांस की तकलीफ़ दिल पर अधिक तनाव का एक लक्षण है.
ज़रूरत से ज़्यादा पसीना आना: गर्मी के दिनों में पसीना आना आम बात है. इसके अलावा आप कहीं से दौड़कर आ रहे हैं या कसरत की है तो पसीना आ सकता है, लेकिन यूं ही बिना किसी वजह के बहुत अधिक पसीना आना हार्ट अटैक की निशानी हो सकती है. सामान्य से ज़्यादा पसीना आपकी ब्लॉक्ड आर्टरीज़ का एक लक्षण हो सकता है, जिसका सीधा मतलब है कि आपका दिल ख़तरे में है. दरअसल, ब्लॉक्ड आर्टरीज़ के ज़रिए ख़ून को दिल तक पहुंचाने में आपके शरीर को बहुत मेहनत करनी पड़ती है. इस प्रेशर में शरीर का तापमान सामान्य बनाए रखने के लिए ज़्यादा पसीना निकलता है.
सीने में दर्द और जलनः चाहे महिला हो या पुरुष, दोनों के सीने में दर्द और जलन को हार्ट अटैक का सबसे सामान्य लक्षण माना जाता है. हालांकि सीने में दर्द और जलन की समस्या अन्य कारणों से भी हो सकती है, लेकिन किसी तनावपूर्ण स्थिति में अगर आपको यह समस्या होती है तो यह हार्ट अटैक का लक्षण हो सकता है. इसके अलावा बहुत ज़्यादा तनाव और चिंता भी दिल की हालत को नाज़ुक बना सकती है. इससे रक्त वाहिनियां सिकुड़ सकती हैं और हार्ट अटैक का ख़तरा बढ़ सकता है.
बदहज़मी: अगर आपको लगातार बदहज़मी या पाचन तंत्र से जुड़ी दूसरी शिकायतें हो रही हैं तो इसे नज़रअंदाज न करें. यह हृदयाघात का एक लक्षण हो सकता है.
तेज़ हार्टबीट: अगर आपकी नब्ज़ असामान्य रूप से तेज़ चल रही है तो इस पर ध्यान देने की ज़रूरत है. कभी-कभार पल्स की गति में बदलाव बड़ी समस्या नहीं है, लेकिन अगर यह कई बार हो चुका है और धड़कन बहुत तेज़ भाग रही है तो डॉक्टर को ज़रूर दिखाएं.
चक्कर आनाः यदि आपको बार-बार चक्कर आ रहे हैं या आंखों के सामने अंधेरा छा रहा है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं, क्योंकि यह हार्ट अटैक आने का शुरुआती लक्षण हो सकता है.
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ख़ुद में लाएं सकारात्मक बदलाव
प्लाक यानी पट्टियों का निर्माण सालों से धीमी गति से होता है, लेकिन जीवनशैली में कुछ सकारात्मक परिवर्तन इसे रोकने में मददगार साबित हो सकता है.
1. योग और एक्सरसाइज़ से व्यक्ति ख़ुद को सेहतमंद बनाए रख सकता है. भविष्य में होनेवाले हार्ट अटैक के ख़तरे को रोकने के लिए नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम करना ज़रूरी है.
2. अनहेल्दी और फैट बढ़ानेवाली चीज़ों को अपने आहार का हिस्सा न बनाएं. हरी और ताज़ी सब्ज़ियों के साथ ही हेल्दी चीज़ों को अपने डायट में शामिल करें.
3. अगर आपका वज़न ज़्यादा है तो वज़न कम करने के लिए सकारात्मक कदम उठाएं, क्योंकि वज़न को नियंत्रित करके आप प्लाक को बढ़ने से रोक सकते हैं.
4. शराब और सिगरेट का सेवन न करें और ख़ुद को तनावमुक्तरखने की कोशिश करें.
5. डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीज़ सही जीवनशैली अपनाकर हार्ट अटैक के ख़तरे को कम कर सकते हैं.
ध्यान रखने वाली बातें
1. हार्ट अटैक आने पर मरीज़ को इमरजेंसी ट्रीटमेंट की ज़रूरत होती है. अगर आपको सीने में दर्द या दबाव जैसी कोई समस्या हो तो तुरंत डॉक्टरको दिखाएं.
2. जिन लोगों को एक बार दिल का दौरा पड़ चुका है, उन्हें भविष्य में फिर से हार्ट अटैक आने का ख़तरा ज्यादा होता है. शरीर में मौजूद एक भी क्लॉट धमनियों में ब्लॉकेज का कारण बन सकता हैै.
3. उपचार के विकल्पों की बात करें तो दिल के मरीज़ को इलाज के लिए ऐसी दवाएं दी जाती हैं जो ख़ून को पतला करके रक्त वाहिकाओं को खोलने में मदद करती हैं, ताकि दिल पर पड़नेवाले लोड को कम किया जा सके.
4. स्टेंट का इंप्लान्टेशन बंद रक्त वाहिकाओं को खोलने के लिए किया जाता है. इसके अलावा पेसमेकर दिल की धड़कन को स्थिर रखने में मदद करता है.
बहरहाल, अगर आपको अपने शरीर में इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं तो इसे नज़रअंदाज करने के बजाय डॉक्टर को दिखाएं, ताकि समय रहते आप हार्ट अटैक के जोख़िम को कम कर सकें.
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