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इनफर्टिलिटी के इलाज के दौरान मानसिक स्वास्थ्य का यूं रखें (How To Protect Your Mental Health During Fertility Treatment)

महिला व पुरुषों के लिए माता-पिता बनने का अनुभव जीवन के सबसे महत्वपूर्ण परिवर्तनों में से एक है. बच्चा होने की इच्छा पूरी न हो पाने का तनाव और प्रभाव भावनात्मक व मानसिक रूप से अधिक होता है. लाखों दंपत्ति इनफर्टिलिटी (बांझपन) से पीड़ित हैं, जिससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर अधिक असर पड़ता है. लेकिन अब टेक्नोलॉजी के चलते इनफर्टिलिटी की समस्या का समाधान करने के अनेक विकल्प उपलब्ध हो गए हैं. हालांकि समस्या केवल इनफर्टिलिटी के इलाज की उपलब्धता की नहीं है, सामाजिक और पारिवारिक सहयोग तथा अनुकूल वातावरण की कमी भी प्राकृतिक गर्भधारण में काफ़ी महत्व रखती है. इस संदर्भ में कंसल्टैंट-बिरला फर्टिलिटी एवं आईवीएफ, डॉ. (प्रो.) विनिता दास ने महत्वपूर्ण जानकारियां दी.

अध्ययनों के मुताबिक़, इनफर्टिलिटी से पीड़ित दंपतियों को काफ़ी घबराहट व मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ता है. जब प्रजनन के कई दौर विफल हो जाते हैं, तो उन्हें दुख की गहरी भावनाएं उत्पन्न होती हैं. इसके अलावा इनफर्टिलिटी की दवाइयों का मानसिक सेहत पर भी असर हो सकता है.
इन साइड इफेक्ट्स के कारण नींद की समस्याएं, यौनच्छा में कमी, अवसाद या घबराहट जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं.

मानसिक स्वास्थ्य को नियंत्रण में कैसे रखें?
इनफर्टिलिटी एक मेडिकल समस्या है, जो जीवन के हर पहलू को प्रभावित करता है. यह दूसरों के साथ आपके संबंधों, जीवन के प्रति दृष्टिकोण, अपने बारे में आपके एहसास को काफ़ी प्रभावित करते हैं. साथ ही आपके व्यक्तित्व व जीवन के अनुभव इन भावनाओं को संभालने की आपकी क्षमता पर भी असर डालते हैं. ऐसे में परिवार, दोस्त और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. इनफर्टिलिटी के लिए सलाह-मशवरा लेने व इसके इलाज के विभिन्न विकल्पों के बारे में विचार करने से भी लाभ मिलता है.
ध्यान रहे, सहयोग किसी भी स्रोत से आ सकता है. जहां किताबें इनफर्टिलिटी के भावनात्मक तत्वों की ज़रूरी जानकारी दे सकते हैं, वहीं आपसी सहयोग अकेलेपन की भावना को कम कर सकते हैं. साथ ही बहुत कुछ सीखने व इन्हीं समस्याओं से गुज़रनेवाले अन्य लोगों के साथ साझा करने के अवसर प्रदान कर सकते हैं.
व्यक्तिगत एवं युगल चिकित्सा अनुभवी विशेषज्ञ के साथ बात करने, अपनी भावनाएं साझा करने, जीवन को फिर से सुचारु करने की रणनीतियां बनाने और अपनी समस्याओं के समाधान के लिए काम करने का अवसर देती हैं. सामूहिक गतिविधियां काफ़ी मददगार होती हैं. इसलिए इनफर्टिलिटी की मुश्किलों का समाधान करते व्यक्ति को केवल गर्भधारण की समस्या पर केंद्रित ना होकर अन्य संबंधों व संवादों पर भी ध्यान देना चाहिए.


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इस बात को स्वीकार करें कि इनफर्टिलिटी का इलाज अकेले नहीं किया जा सकता…
इनफर्टिलिटी के इलाज में अनेक परीक्षण, डॉक्टर के क्लिनिक में अनेक बार आने-जाने और दवाइयों की ज़रूरत होती है. यह ज़रूरी है कि इनफर्टिलिटी के इलाज का सफ़र पति-पत्नी एक साथ तय करें. आईवीएफ जैसे असिस्टेड रिप्रोडक्टिव इलाज के दौरान परिवार व दोस्तों का सहयोग दंपत्तियों के लिए सदैव एक वरदान होता है.

तनाव का समाधान करने के तरीक़े
तनाव इनफर्टिलिटी के किसी भी इलाज का महत्वपूर्ण अंग होता है. गर्भधारण विफल होने, मेडिकल ख़र्चों और भविष्य की अनिश्चितता का तनाव घर व कार्यस्थल पर रोज़मर्रा के संबंधों पर बुरा असर डालता है. दवाइयां लेने व इलाज करवानेवाले लोगों को सेहतमंद आहार, हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, ताज़ा फल भरपूर मात्रा में खाना चाहिए. ढेर सारा पानी पीना चाहिए और व्यक्तिगत समस्याएं अपने नज़दीकी लोगों से साझा करना चाहिए.

एक नियमित दिनचर्या बनाएं
अपनी दिनचर्या बनाकर रखना आवश्यक है. नियमित रूप से एक्सरसाइज और योगा करें. अपनी पसंद की गतिविधि में रोज़ कुछ समय बिताएं.

जीवनसाथी के साथ शौक साझा करें
अपने साथी के साथ एक साझा शौक रखने से घबराहट को दूर करने में मदद मिलती है. उदाहरण के लिए मिलकर किताब पढ़ें, साथ खाएं, साथ वॉक करें या कोई इनडोर या आउटडोर गेम खेलें.

रिलैक्सेशन की तकनीकों का इस्तेमाल करें
योगा, मेडिटेशन, संगीत सुनना आदि गतिविधियां आपके मन को सुकून देंगी, अत: इनका इस्तेमाल करें. इनफर्टिलिटी का इलाज करनेवाले लोगों को मानसिक भार कम करने की तकनीकों के बारे में जानकारी होना ज़रूरी है, जिससे उन्हें इलाज करने में आसानी और सहयोग मिल सके.

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Photo Courtesy: Freepik

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