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KGF पर करन जौहर का बयान- बॉलीवुड ऐसी फिल्म बनाता तो हमारी लिंचिंग हो जाती, कुछ बोले- नेपोटिज़्म का सरदार भी बात करता है, तो कुछ ने कहा- सही बोला ये! (‘If Bollywood Made A Film Like KGF They Would Be Lynched’, Says Karan Johar)

साउथ की फ़िल्में (South Films) इन दिनों धमाल और कमाल कर रही हैं. पुष्पा (Pushpa) से लेकर आरआरआर (RRR) तक या फिर केजीएफ (KGF 2) ये न सिर्फ़ सुपर हिट (super hit) साबित हुई हैं बल्कि इन्होंने रिकॉर्ड कमाई भी की है. इसके बाद बॉलीवुड (Bollywood) भी सोच में पड़ गया और साउथ के साथ अपनी तुलना में लग गया.

अब यश की केजीएफ को लेकर काफ़ी चर्चा हो रही है और फ़िल्म की बंपर कमाई ने लोगों को हिला दिया है. फ़िल्म ने सिनेमाघरों में तो धूम मचाई ही पर ओटीटी पर भी इसे बेहद पसंद किया जा रहा है. अब इस फ़िल्म पर करन जौहर का भी एक चौंकानेवाला बयान आया है. करन ने एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में कहा कि वो फ़िल्म के रिव्यूज़ देख कर हैरान थे. इस फ़िल्म ने अब उनको भी सोचने पर मजबूर कर दिया. करन ने कहा कि ये फ़िल्म उनको भी बेहद पसंद आई लेकिन अगर यही फ़िल्म या इसी तरह की मूवी बॉलीवुड में बनती तो उनकी लिंचिंग हो जाती.

करन ने ये भी कहा कि अब बॉलीवुड को और डारेक्टर्स को ये सोचने की ज़रूरत है कि वो किस चीज़ में माहिर हैं और क्या बेहतर कर सकते हैं बजाय अंधाधुंध किसी को फ़ॉलो या नक़ल करने के. फिल्ममेकर्स को ये सोचना है कि वो क्या बेहतर कर सकते हैं और उनको वही करना चाहिए.

करन का लिंचिंग वाला बयान वायरल हो गया है और अब सोशल मीडिया पर लोग उस पर रिएक्शन भी दे रहे हैं. कुछ करन की बात से सहमत दिखे तो कुछ ने उनको ट्रोल कर दिया. फैंस ने कहा करन की बात में दम है और वो सही कह रहे हैं, जबकि कुछ ने कहा कि ये स्टार किड्स को लॉन्च करता है, वो भी गंदी सी लव स्टोरी के साथ, पुराने गानों को ही रिमिक्स करता है और उम्मीद करता है कि लोग बॉलीवुड को एक्सेप्ट करें या सराहें?

फैंस का ये भी कहना है कि बॉलीवुड में हीरोपंती टाइप की मूवीज़ बनती है और उम्मीद की जाती है कि लोग उसे सराहें, नॉर्थ के लोग भी अब साउथ सिनेमा की तरफ़ जा रहे हैं क्योंकि बॉलीवुड से उनको बेहतर कंटेंट नाहीं मिल रहा, को दिल को छू जाए और भावनाप्रधान हो.

फैंस यही आरोप लगा रहे हैं कि बॉलीवुड में फ़िल्म के नाम पर रॉकी और रानी टाइप की चीज़ें बनती हैं और करन सिर्फ़ स्टार किड्स को बढ़ावा देते हैं, ये नेपोटिज़्म की जड़ बोते हैं और बातें बड़ी-बड़ी करते हैं.

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