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INTERVIEW- आप किसकी औलाद हैं, इससे फ़र्क़ नहीं पड़ता- अभिषेक बच्चन

''आप चाहे किसी की भी औलाद हों इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता. अगर आपकी फिल्म फ्लॉप हो जाती है तो लोग फोन उठाना बंद कर देते हैं.''4यह कहना है भारतीय सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन के बेटे अभिषेक बच्चन का. साल 2000 में 'रिफ्यूजी' फिल्म से अपने अभिनय करियर की शुरुआत करने वाले अभिषेक के करियर में कई उतार-चढ़ाव आए. जहां 'गुरु', 'धूम', 'बंटी और बबली', 'दोस्ताना' और 'बोल बच्चन' जैसी फिल्मों में उनके अभिनय की सराहना की गई, वहीं कई फिल्मों के लिए उन्हें आलोचनाओं का शिकार भी होना पड़ा.1अभिषेक ने बताया, "मैं फिल्म उद्योग में 16 साल पूरे कर चुका हूं और इस बीच उतार-चढ़ाव दोनों देखे हैं. मैंने काफ़ी कुछ सीखा है और अब भी सीखना चाहता हूं. यह एक शानदार यात्रा रही है और मुझे ख़ुशी और गर्व है कि मैं इस उद्योग का हिस्सा हूं."5अभिषेक ने यह भी कहा, "मुझे लगता है कि असफलता का दौर ज़रूरी था. यह आपको काफ़ी कुछ सिखाता है. मुझे लगता है कि असफलता के बिना कोई सफलता नहीं मिलती. यह आपको ज़मीन से जोड़े रखती है और चीजों की प्रशंसा करना सिखाती है. अगर हमारी फिल्म फ्लॉप हो जाती है, तो लोग फोन उठाना बंद कर देते हैं. फिर इस बात से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता कि आप किसकी औलाद हैं. यह सच है कि फिल्म का फ्लॉप होना दुनिया का सबसे बुरा एहसास है." सोशल मीडिया में कई बार उनकी फिल्मों के चुनाव को लेकर उनका मज़ाक उड़ाया जाता रहा है, लेकिन अभिषेक इन चीज़ों से ज़्यादा प्रभावित नहीं होते हैं. अभिषेक कहते हैं, "अगर आप सोशल प्लेटफॉर्म पर हैं, तो आप इस पर सभी के लिए मौजूद होते हैं. यह सब हंसी-मज़ाक में और मज़े के लिए किया जाता है." हालांकि उन्होंने कहा कि जिस क्षण भी उन्हें लगता है कि सोशल मीडिया पर पैरखिंचाई की सीमा पार हो रही है, तब वह प्रतिक्रिया करना बंद कर देते हैं.

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