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हेल्दी रहना है, तो रखें अपने पाचन तंत्र और मेटाबॉलिज़्म को फिट! (Maintaining Digestive Health: Easy Ways To Boost Your Metabolism)

हमारा स्वास्थ्य काफ़ी हद तक हमारे पेट और पाचन तंत्र से जुड़ा रहता है, इसलिए हेल्दी रहने के लिए पाचन तंत्र औरमेटाबॉलिज़्म का सही और हेल्दी रहना बेहद ज़रूरी है. कैसे रखें अपने पाचन तंत्र का ख़्याल आइए जाने.

हो सही शुरुआत: जी हां, दिन की शुरुआत सही होगी तो पूरा दिन सही होगा और सेहत भी दुरुस्त रहेगी. सही शुरुआत केलिए हेल्दी और पौष्टिक नाश्ता ज़रूरी है. नाश्ता पौष्टिक होना ज़रूरी है- फल, ड्राई फ़्रूट्स, दलिया, उपमा, पोहा, कॉर्नफ़्लेक्स, दूध, फ़्रूट जूस, अंकुरित अनाज,दालें, अंडा, पराठे, दही आदि. पौष्टिक नाश्ता आपका दिनभर संतुष्ट रखताऔर इससे पाचन तंत्र संतुलित रहता है. ये दिनभर की ऊर्जा प्रदान करता है. एसिडिटी से राहत दिलाता है, क्योंकि अगरआप नाश्ता नहीं करते हैं, तो ऐसिड बनने लगती है, जो काफ़ी तकलीफ़ देती है.

हेल्दी डायजेशन के लिए प्रोबायोटिक्स ज़रूरी है: क्या आप जानते हैं कि बैक्टीरिया भी हेल्दी और अनहेल्दी होते हैं. हेल्दीबैक्टीरिया पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं और पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं. हेल्दी बैक्टीरिया आपको प्रोबायोटिक्स सेमिलते हैं. आप प्रोबायोटिक्स के प्राकृतिक स्रोतों को भोजन में शामिल करें. दही, ख़मीर वाले प्रोडक्ट्स, छाछ व रेडीमेडप्रोबायोटिक्स ड्रिंक्स का सेवन करें.

Digestive Health Tips

स्ट्रेस से दूर रहें: स्ट्रेस यानी तनाव पूरे शरीर व ख़ासतौर से पाचन तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव डालता है. इससे गैस, ऐसिडिटी, क़ब्ज़ जैसी समस्या हो सकती है. तनाव के कारण पेट में ब्लड व ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है जिससेपेट में ऐंठन, जलन जैसी समस्या होने लगती है, साथ ही पेट में मैजूद हेल्दी बैक्टीरिया में भी असंतुलन आने लगता है. इसके अलावा तनाव से नींद भी नहीं आती और नींद पूरी ना होने से पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं कर पाता. 

प्रोटीन रिच फूड खाएं: ये मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाता है. प्रोटीन के लिए आप पनीर, चीज़ व अन्य डेयरी प्रॉडक्ट्स शामिल करसकते हें. इसके अलावा अंडा, चिकन, फिश भी प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं और ये मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाते हैं.

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सेब, केला और पपीता ज़रूर खाएं: सेब में एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं, जो पेट के स्वास्थ्य के लिए अच्छे माने जाते हैं. सेबफाइबर का अच्छा स्रोत भी है और गुड बैक्टीरिया को पनपाने में भी मदद करता है. पपीते में विटामिन ए, बी और सी औरकई तरह के एन्ज़ाइम्स होते हैं, जो खाने को डायजेस्ट करने में मदद करते हैं. रिसर्च बताते हैं कि पपीता खाने सेडायजेस्टिव सिस्टम में सुधार होता है. केले में फाइबर और पेक्टिन भरपूर मात्रा में होता है, जो आंतों के स्वास्थ्य के लिएबहुत फायदेमंद होता है.

डायट में फाइबर शामिल करें: भोजन में फाइबर जितना ज़्यादा होगा पेट उतना ही स्वस्थ होगा क्योंकि आपको क़ब्ज़ कीसमस्या नहीं होगी. फाइबर कोलोन की कोशिकाओं को स्वस्थ रखता है और पेट साफ़ रखता है. अपने भोजन में साबूतअनाज, दालें, गाजर, ब्रोकोली, नट्स, छिलके सहित आलू, मकई, बींस व ओट्स को शामिल करें.

अदरक का सेवन करें: अदरक पेट के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है. यह पाचन को बेहतर करता है. अदरक के टुकड़ेकरके ऊपर से नींबू का थोड़ा सा रस डालें और भोजन के साथ खाएं. आपका हाज़मा बेहतर होगा. अपच की समस्या नहीं होगी.

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लहसुन मेटाबॉलिज़्म को बूस्ट करता है: लहसुन को भी डायट में शामिल करें. यह ना सिर्फ़ मेटाबॉलिज़्म को बेहतर करता है बल्कि वज़न कम करने में भी सहायक है और हार्ट को भी हेल्दी रखता है.

जीरा भी है बेहद हेल्दी: जीरा आंतों को और गर्भाशय को भी साफ़ रखता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं. जीरा भूख भीबढ़ाता है और पेट संबंधी कई समस्याओं से राहत दिलाता है.

ग्रीन टी है मेटाबॉलिज़्म बूस्टर: जी हां, ग्रीन टी ज़रूर लें इससे पाचन बेहतर होता है. यह मेटाबॉलिज़्म बूस्टर मानी जाती हैऔर वज़न भी कम करती है.

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साबूत अनाज और बींस: यह पाचन तंत्र को ठीक रखने में सहायक होते हैं. क़ब्ज़ से बचाते हैं और पेट संबंधी कईसमस्याओं से राहत दिलाते हैं. इसी तरह बींस में भी फाइबर होता है, जो पाचन तंत्र को बेहतर करता है. बींस से गुड़बैक्टीरिया भी बढ़ते हैं और कब्ज़ की समस्या भी नहीं होती.

हरी पत्तेदार सब्ज़ियां: ये प्रोटीन व आयरन का भी अच्छा सोर्स मानी जाती हैं और विटामिंस से भरपूर होती हैं. साथ ही साथये पेट को व पाचन तंत्र को हेल्दी रखती हैं. ये फाइबर का बेहतर स्रोत होती हैं, इनमें ख़ासतौर से पालक और गोभी में कईपोषक तत्व- फोलेट, विटामिन ए, सी और के होता है. शोध बताते हैं कि हरी पत्तेदार सब्ज़ियों में एक ख़ास तरह का शुगरहोता है जो आंतों के हेल्दी बैक्टीरिया (गट बैक्टीरिया) के निर्माण को बढ़ाता है.

रसीले व मौसमी फल व ड्राई फ़्रूट्स खाएं: फल पेट को हेल्दी रखते हैं. क़ब्ज़ की समस्या नहीं होने देते. फाइबर से भरपूरहोते हैं. ड्राई फ़्रूट्स भी फाइबर से भरपूर होते हैं और आंतों को हेल्दी रखते हैं. हाल ही के रिसर्च से पता चला है कि प्रूनयानी सूखा आलूबखारा आंतों, मुंह और वजाइना में पाया जानेवाला ख़ास क़िस्म का बैक्टीरिया के निर्माण में सहायकहोता है जिससे पाचन तंत्र भी मज़बूत होता है. इसी तरह से खजूर भी पेट के लिए काफ़ी हेल्दी माना जाता है.

Boost Metabolism

हाईड्रेटेड रहें: पानी ख़ूब पिएं क्योंकि यह ज़हरीले तत्वों को बाहर करता है और पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है. शरीर मेंपानी व नमी की कमी ना होने पाए. नींबू पानी, नारियल पानी या ताज़ा फल व सब्ज़ी का जूस भी लें. 

एक्टिव रहें, एक्सरसाइज़ व योगा करें: रोज़ाना 30 मिनट एक्सरसाइज़ करें, वॉक करें, एक्टिव रहें. लिफ़्ट की बजायसीढ़ियों का इस्तेमाल करें. योगा भी कर सकते हैं. साइक्लिंग, स्विमिंग भी कर सकते हें. यह रूटीन आपकी मांसपेशियोंको लचीला बनाएगा और पाचन को बेहतर. वरना शारीरिक गतिविधियों की कमी से क़ब्ज़ जैसी समस्या होने लगेगी.

अनहेल्दी चीज़ों से रहें दूर: पाचन तंत्र की हेल्थ के लिए ज़रूरी है कि अनहेल्दी चीज़ों से भी दूरी बनाए रखें. शराब व कैफेनका सेवन कम करें क्योंकि यह भीतर से शरीर को ड्राई करते हैं और डीहाईड्रेट करते हैं. साथ ही ये क़ब्ज़ की समस्या भीपैदा करते हैं. पानी के नाम पर शुगरी ड्रिंक ना पिएं. तला हुआ ज़्यादा ना खाएं. प्रोसेस्ड फूड व शुगर का सेवन कम या नाकरें. मैदा और ज़्यादा मसालेदार भोजन ना करें, क्योंकि ये क़ब्ज़, गैस, एसिडिटी, अपच को बढ़ाकर पाचन को कमज़ोरकरते हैं.

- पूर्वा शर्मा

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