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फिल्म समीक्षा: ‘जयेशभाई जोरदार’ गंभीर विषय पर बनी जोरदार फिल्म (Movie Review- Jayeshbhai Jordaar)

अक्सर किसी गंभीर विषय पर या भ्रूण हत्या पर कोई फिल्म बनती है, तब उसकी प्रतिक्रिया बहुत कम ही सटीक देखने को मिल पाती है, यही 'जयेशभाई जोरदार' फिल्म के साथ हो रहा है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि निर्देशक दिव्यांग ठक्कर ने सामाजिक सोच और भ्रूण हत्या को लेकर एक सार्थक फिल्म बनाने की कोशिश की है. गुजराती फिल्मों का जाना-माना नाम है दिव्यांग ठक्कर.


फिल्म में जयेशभाई के किरदार में रणवीर सिंह ने अपनी भूमिका के साथ पूरा न्याय किया है. पूरी फिल्म में रणवीर छाए रहते हैं और उनकी भाव-भंगिमाएं और संवाद काबिल-ए-तारीफ़ है.
गुजरात की पृष्ठभूमि पर बनी इस फिल्म में गुजराज गांव की कहानी है. यहां पर पुरुषों का बोलबाला है और गांव के सरपंच बोमन ईरानी है, जो एक रूढ़िवादी संकीर्ण सोच रखते हैं. उन्हें अपने वंश को आगे बढ़ाने की चिंता है, जिसके लिए अपने बेटे जयेशभाई यानी रणवीर पर बराबर दबाव बनाए रहते हैं. इसका नतीजा यह होता है की बहू मुद्रा जिसकी भूमिका शालिनी पांडे ने निभाई है के गर्भ में बेटी होने का पता चलने पर उसका कई बार गर्भपात कराया जाता है. बेटे की चाह में सरपंच का साथ उनकी पत्नी रत्ना पाठक भी देती है.


जयेशभाई अपने पिता से डरते हैं, लेकिन अपने बेटियों से भी बहुत प्यार करते हैं. जब जयेश को पता चलता है कि पत्नी फिर से गर्भवती है और पिता के दबाव में एक बार फिर से सोनोग्राफी कराई जाती है और पता चलता है कि इस बार भी बेटी है, तो अपनी बेटी को बचाने के लिए जयेशभाई जोरदार कोशिशें शुरू कर देते हैं. दरअसल, अब एक और बेटी होनेवाली है, तो वे नहीं चाहते कि बेटी होने के कारण एक बार फिर पत्नी का एबॉर्शन हो. इसलिए वे इसे बचाने के लिए भागते फिरते हैं. वे अपने मक़सद में कितने कामयाब हो पाते हैं… क्या वह अपने पिता के कहर से अपने होनेवाली बेटी को बचा पाते हैं… उनकी मां कितना साथ देती हैं… गांव के लोगों की सोच, पिता की रूढिवादी सोच में कुछ परिवर्तन होता है… यह सब जानने के लिए फिल्म को देखना ज़रूरी है. भूण हत्या पर बनी सराहनीय प्रयास है जयेशभाई जोरदार.

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आज भी हमारे देश में बेटा-बेटी को लेकर भेदभाव बना हुआ है. फिल्म बेटी बचाओ जैसे सार्थक मुद्दे को लेकर केंद्रित है और इसमें कई बातें ऐसी भी है जो गले नहीं उतरती, जैसे- यह कहना कि लड़कियां साबुन से न नहाए, जिस कारण लड़के छेड़छाड़ करते हैं.. हर बात के लिए लड़कियों को दोषी ठहराया जाता है और लड़कों को पूरी छूट दी जाती है कि वह कुछ भी कर सकते हैं.


यशराज फिल्म्स के बैनर तले निर्माता मनीष शर्मा की यह फिल्म बहुत कुछ सोचने को मजबूर करती है. फिल्म के लेखक-निर्देशक दिव्यांग ठक्कर का हिंदी फिल्म में यह पहली कोशिश ठीक है. माना वे उम्मीद से बेहतर नहीं कर पाए, लेकिन लोगों की मन में एक सोच बनाने में ज़रूर कामयाब रहे. अंकित-संचित बल्‍हारा, विशाल शेखर का गीत-संगीत ठीक-ठाक है. रणवीर सिंह से लेकर बोमन ईरानी, रत्ना पाठक और नवोदित अभिनेत्री शालिनी पांडे ने बढ़िया काम किया है.

फिल्म- जयेशभाई जोरदार
कलाकार- रणवीर सिंह, बोमन ईरानी, रत्ना पाठक, शालिनी पांडे
निर्देशक- दिव्यांग ठक्कर
रेटिंग- 3 ***

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Photo Courtesy: Instagram

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