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मूवी रिव्यू- ऐतिहासिक पद्मावत… बेहतरीन अभिनय (Movie Review- Padmaavat)

Movie Review, Padmaavat

* बधाई हो, संजय लीला भंसाली ने पद्मावत के ज़रिए एक लाजवाब फिल्म बनाई है. * राजपूत की आन-बान-शान, रानी पद्मावती की ख़ूबसूरती, भव्य सेट, ज़बर्दस्त संवाद, उमंदा अदाकारी फिल्म को बेहद ख़ास बना देती है. * दीपिका पादुकोण अपनी भाव-भंगिमाओं के साथ बेपनाह सौंदर्य, साहस, कुशल धनुर्धर- हर रंग-रूप में बेहतरीन लगी हैं. कह सकते हैं कि दीपिका के बगैर फिल्म की कल्पना भी नहीं की जा सकती. * शाहिद कपूर ने राजपूत राजा के रूप में अपनी वीरता, शौर्यता, सौम्यता, बड़प्पन- सभी को बख़ूबी निभाया है. उनके आदर्श व सहज अभिनय को देख मान-सम्मान देने के साथ ख़ुशी भी होती है. * रणवीर सिंह हर बार की तरह अपने क़िरदार में जान फूंक दी है. मानो खिलजी की भूमिका को उन्होंने आत्मसात कर लिया हो. इंसान प्यार को पाने के लिए किस हद तक ग़ुजर सकता है. तब साम-दंड-भेद, छल-कपट, क्रूरता सब कुछ जायज़ सी लगने लगती है, इन बातों को आकर्षक ढंग से चित्रण किया गया है. रणवीर हर सीन में उत्कृष्ट रहे. * वैसे सभी कलाकार दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर, रणवीर सिंह, अदिति राव हैदरी, रज़ा मुराद, जिम सरभ ने लाजवाब अभिनय किया है. कलाकारों से ख़ूबसूरत व जीवंत अदाकारी कराने के लिए भंसालीजी बधाई के पात्र हैं. * फिल्म का गीत-संगीत पहले ही हिट हो चुका है, विशेषकर घूमर सॉन्ग. * यह फिल्म मलिक मोहम्मद जायसी द्वारा 1540 में अवधी में दोहा, चौपाई छंद द्वारा लिखे गए महाकाव्य पद्मावत से प्रेरित है. * फिल्म में थ्रीडी तकनीक का बड़ी ख़ूबसूरती से इस्तेमाल किया गया, जिससे कई बार हमें ऐसा लगने लगता है कि हम किले की भव्य आंगन, मैदान, उस जगह पर हैं या उसके क़रीब हैं. * फिल्म लंबी होने के बावजूद कहीं पर भी बोरियत महसूस नहीं होने देती. दर्शक हर दृश्य से ख़ुद को बंधे हुए महसूस करते हैं. * प्रेम, रोमांस, फैंटेसी, राजस्थानी लोक गीत-संगीत, युद्ध, तलवारों की गूंज, ड्रामा, रंग बदलती इंसानी फ़ितरत- सब कुछ फिल्म को भव्य बना देती है. * फिल्म की कथा-पटकथा, एडिटिंग सशक्त है. * यूं तो फिल्म के सभी गाने कर्णप्रिय हैं, पर घूमर, एक दिल एक जान, नैनोवाले ने, खली बली गीत ख़ूबसूरत हैं. * श्रेया घोषाल, स्वरूप ख़ान, शिवम पाठक, शैल हदा, नीति मोहन, रिचा शर्मा, अरिजीत सिंह सभी ने गीतों को अपनी सुमधुर आवाज़ से यादगार बना दिया है. * फिल्म में तुर्क व अफगानी संगीत का भी अच्छा मिश्रण किया गया है. * संजय लीला भंसाली ने कथा-पटकथा, संगीत, निर्देशन हर विभाग में न्याय किया है और अब तक की अपनी अविस्मरणीय फिल्म दर्शकों को दी है. रेटिंगः 5 स्टार

- ऊषा गुप्ता

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