मूवी रिव्यू: ठग्स ऑफ हिंदोस्तान- अमिताभ बच्चन और आमिर ख़ान की ज़बर्दस्त जुगलबंदी (Movie Review: Thugs Of Hindostan- A Double Bonanza Of Amitabh Bachchan And Aamir Khan)
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जब दो दिग्गज कलाकार आपस में टकराते हैं, तो धमाका तो होना ही है. दिवाली पर दर्शकों व अमिताभ बच्चन व आमिर ख़ान के प्रशंसकों के लिए ख़ास बंपर ऑफर के रूप में है ठग्स ऑफ हिंदोस्तान. पहली बार इन दो मंजे हुए कलाकारों ने साथ काम किया है. सिल्वर स्क्रीन पर इनकी अदाकारी देख आपका भी दिल कह उठेगा- भई वाह!... बेहतरीन... लाजवाब.
साल 1839 में फिलिप मीडोज टेलर द्वारा लिखे गए उपन्यास कन्फेशंस ऑफ ए ठग पर आधारित है यह फिल्म. कहानी तो ख़ूबसूरत है ही, उस पर विजय कृष्णा आचार्य का निर्देशन काबिल-ए-तारीफ़ है.
फिल्म में उन दिनों के बारे में दिखाया गया है, जब साल 1795 में अंग्रेज़ भारत पर राज़ कर रहे थे और उन्होंने बिज़नेस के साथ-साथ देश पर भी अपना दबदबा बना लिया. उनके इसी घुसपैठ और अत्याचार का विरोध करते हुए उनसे जब-तब मुकाबला करता रहता है आज़ाद यानी अमिताभ बच्चन, जिनका बख़ूबी साथ देती हैं फातिमा शेख. कहानी में मोड़ तब आता है, जब अंग्रेज़ों द्वारा आज़ाद के लिए बिछाए गए जाल में वे ख़ुद ही फंस जाते हैं यानी वे आमिर ख़ान को फिरंगी मल्लाह के रूप में आज़ाद से टक्कर लेने के लिए इस्तेमाल करते हैं. लेकिन शुरू में साथ देने के बाद फिरंगी को अपनी ग़लती का एहसास होता है और वो अंग्रेज़ों को छोड़ आज़ाद का साथ देने लगता है.
अमिताभ बच्चन व आमिर ख़ान की सशक्त अभिनय की जुगलबंदी का अच्छा साथ दिया है कैटरीना कैफ और फातिमा सना शेख ने.
पीरियड फिल्म होने के कारण कलाकारों के परिधान, लोकेशन, संवाद अदायगी सब कुछ बेहद आकर्षित करती है.
फिल्म में अजय-अतुल व जॉन स्टीवर्ट का संगीत सुमधुर होने के साथ कहानी को बांधे रखने में भी मदद करता है. सुखविंदर, विशाल ददलानी, श्रेया घोषाल, सुनिधि चौहान,द्वारा गाए सभी गाने कर्णप्रिय हैं, फिर चाहे वो मंज़ूरे खुदा हो या सुरैय्या...
भारतीय दर्शकों के लिए इस फेस्टिवल के मौसम में सबसे ख़ूबसूरत प्यार भरा तोहफ़ा है यह फिल्म.