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दुर्गा अष्टमी: श्वेतांबरी महागौरी (Navratri- Devi Mahagauri)

या देवी सर्वभूतेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

मां की श्रद्धापूर्वक पूजा, ध्यान-आराधना करने से सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं. अष्टमी के दिन महिलाएं अपने सुहाग के लिए मां को चुनरी भेंट करती हैं.

Devi Mahagauri

अष्टम नवरात्रि- एस्ट्रोलॉजर मनीषा कौशिक के अनुसार

मां दुर्गा का अष्टम स्वरूप है मां महागौरी.
गौर वर्ण एवं श्वेत युक्त आभूषणों के कारण इन्हें श्वेतांबरी भी कहा जाता है.
मां के दो हाथों में त्रिशूल व डमरू सुशोभित है.
बैल पर सवार मां अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं.

पूजा विधि

मां को सफ़ेद और लाल रंग के वस्त्र अर्पित करें.

मां गौरी को पांच प्रकार के मिष्ठान एवं फल का भोग लगाएं.

मां को नारियल का भोग अवश्य लगाएं.

सौभाग्य प्राप्ति के लिए कन्या पूजन करने का विशेष महत्व है.

उपाय
आज मां के लिए भोजन बनाते समय गायत्री मंत्र का जाप करें या उसे सुनते रहें, इससे घर में तृप्ति बढ़ेगी व पूजन अमृत से कम नहीं होगा.

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ध्यान

वन्दे वांछित कामार्थे चन्द्रार्घकृत शेखराम्।
सिंहरूढ़ा चतुर्भुजा महागौरी यशस्वनीम्॥

पूर्णन्दु निभां गौरी सोमचक्रस्थितां अष्टमं महागौरी त्रिनेत्राम्।
वराभीतिकरां त्रिशूल डमरूधरां महागौरी भजेम्॥

पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालंकार भूषिताम्।
मंजीर, हार, केयूर किंकिणी रत्नकुण्डल मण्डिताम्

प्रफुल्ल वंदना पल्ल्वाधरां कातं कपोलां त्रैलोक्य मोहनम्।
कमनीया लावण्यां मृणांल चंदनगंधलिप्ताम्॥

Devi Mahagauri

स्तोत्र

सर्वसंकट हंत्री त्वंहि धन ऐश्वर्य प्रदायनीम्।
ज्ञानदा चतुर्वेदमयी महागौरी प्रणमाभ्यहम्॥

सुख शान्तिदात्री धन धान्य प्रदीयनीम्।
डमरूवाद्य प्रिया अद्या महागौरी प्रणमाभ्यहम्॥

त्रैलोक्यमंगल त्वंहि तापत्रय हारिणीम्।
वददं चैतन्यमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्॥

कवच

ओंकारः पातु शीर्षो मां, हीं बीजं मां, हृदयो।
क्लीं बीजं सदापातु नभो गृहो च पादयो॥

ललाटं कर्णो हुं बीजं पातु महागौरी मां नेत्रं घ्राणो।
कपोत चिबुको फट् पातु स्वाहा मा सर्ववदनो॥

महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।

Devi Mahagauri

शारदीय नवरात्रि के चमत्कारी उपाय

डॉ. मधुराज वास्तु गुरु का मानना है कि गुप्त नवरात्रि में मनचाही सफलता के लिए विशेष उपाय होते हैं.

दांपत्य सुख के लिए उपाय
यदि जीवनसाथी से अनबन होती रहती है, तो नवरात्रि में प्रतिदिन नीचे लिखी चौपाई को पढ़ते हुए 108 बार अग्नि में घी से आहुतियां दें. अब हर रोज़ सुबह उठकर पूजा के समय इस चौपाई को 21 बार पढ़ें. यदि संभव हो, तो अपने जीवनसाथी से भी इस चौपाई का जाप करने के लिए कहें-
चौपाई
सब नर करहिं परस्पर प्रीति।चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीति।

धन लाभ के लिए उपाय
नवरात्रि के समय कम से कम 5 दिन सभी कार्यों से निवृत्त होकर उत्तर दिशा की ओर मुख करके पीले आसन पर बैठ जाएं. अपने सामने तेल के 9 दीपक जला लें. ये दीपक साधनाकाल तक जलते रहने चाहिए. दीपक के सामने लाल चावल (चावल को रंग लें) की एक ढेरी बनाएं. फिर उस पर एक श्रीयंत्र रखकर उसका कुंकुम, फूल, धूप तथा दीप से पूजन करें. उसके बाद एक प्लेट पर स्वस्तिक बनाकर उसे अपने सामने रखकर उसका पूजन करें. श्रीयंत्र को अपने पूजा स्थल पर स्थापित कर लें और शेष सामग्री को नदी में प्रवाहित कर दें. इस प्रयोग से आपको अचानक धन लाभ होने के योग बन सकते हैं.

इंटरव्यू में सफलता का उपाय
नवरात्रि में मंगल, गुरु और शुक्र के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद सफ़ेद रंग का सूती आसन बिछाकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके उस पर बैठ जाएं. अब अपने सामने पीला कपड़ा बिछाकर उस पर 108 दानों वाली स्फटिक की माला रख दें और इस पर केसर व इत्र छिड़ककर इसका पूजन करें. इसके बाद धूप, दीप और अगरबत्ती दिखाकर मंत्र का 31 बार उच्चारण करें. इस प्रकार 11 दिन तक करने से वह माला सिद्ध हो जाएगी. जब भी किसी इंटरव्यू में जाएं, तो इस माला को पहनकर जाएं. ये उपाय करने से इंटरव्यू में सफलता की संभावना बढ़ सकती है.
मंत्र
ऊँ ह्लीं वाग्वादिनी भगवती मम कार्य सिद्धि कुरु कुरु फट् स्वाहा।

Devi Mahagauri

मां अम्बे की आरती

ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
तुम को निशदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिवरी. ॐ जय अम्बे…

मांग सिंदूर विराजत टीको मृगमद को
उज्जवल से दो नैना चन्द्र बदन नीको. ॐ जय अम्बे…

कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजे
रक्त पुष्प दल माला कंठन पर साजे. ॐ जय अम्बे…

केहरि वाहन राजत खड़्ग खप्पर धारी
सुर-नर मुनिजन सेवत तिनके दुखहारी. ॐ जय अम्बे…

कानन कुण्डल शोभित नासग्रे मोती
कोटिक चन्द्र दिवाकर राजत सम ज्योति. ॐ जय अम्बे…

शुम्भ निशुम्भ विडारे महिषासुर धाती
धूम्र विलोचन नैना निशदिन मदमाती. ॐ जय अम्बे…

चण्ड – मुंड संहारे सोणित बीज हरे
मधु कैटभ दोऊ मारे सुर भयहीन करे.ॐ जय अम्बे…

ब्रह्माणी रुद्राणी तुम कमला रानी
आगम निगम बखानी तुम शिव पटरानी. ॐ जय अम्बे…

चौसठ योगिनी मंगल गावत नृत्य करत भैरु
बाजत ताल मृदंगा और बाजत डमरु. ॐ जय अम्बे…

तुम ही जग की माता तुम ही हो भर्ता
भक्तन की दुःख हरता सुख सम्पत्ति कर्ताॐ जय अम्बे…

भुजा चार अति शोभित वर मुद्रा धारी
मन वांछित फ़ल पावत सेवत नर-नारी. ॐ जय अम्बे…

कंचन थार विराजत अगर कपूर बाती
श्रीमालकेतु में राजत कोटि रत्न ज्योति. ॐ जय अम्बे…

श्री अम्बे जी की आरती जो कोई नर गावे
कहत शिवानंद स्वामी सुख संपत्ति पावे. ॐ जय अम्बे…

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