आज उसकी शादी है… वो वाक़ई आगे बढ़ चुका है अपनी ज़िंदगी में… और मैं? कहने को तो मैं भी मूव ऑन कर चुकी हैं, लेकिन मेरा दिल जानता है कि ये सच नहीं है.
एक कॉमन फ्रेंड के ज़रिए हमारी पहली मुलाक़ात हुई थी और तभी लग गया था कि ये मुलाक़ातें और बढ़ेंगी और हमारा रिश्ता भी… उसको यू एस में जॉब मिला था और मैं अभी स्टूडेंट थी, मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी. हमने फ़ोन नम्बर्स लिए एक-दूसरे के और कब थोड़े ही समय में दोस्त से हमसफ़र बनने का फ़ैसला हमने ले लिया उसका एहसास ही नहीं हुआ.
वो जब भी इंडिया आता तो सबसे पहले मेरे घर जयपुर आता, मेरी फ़ैमिली भी उसको पसंद करती थी और उसकी फ़ैमिलीभी खुले विचारों की थी. वो अक्सर अमेरिका में मेरे लिए चॉकलेट्स और गिफ़्ट्स कलेक्ट करके रखता था. हमने साथ मेंबहुत अच्छा वक़्त गुज़ारा, गोवा से लेकर मुंबई तक हॉलिडे मनाई. लेकिन कहते हैं ना जब सब कुछ इतना परफेक्ट लगे तो समझ जाना चाहिए कि कहीं न कहीं कुछ सही नहीं है.
विकास को लेकर मैं ज़्यादा ही पज़ेसिव होती जा रही थी. अगर मेरा फ़ोन नहीं उठाता या मैसेज का जवाब नहीं देता तो मैंलड़ पड़ती. धीरे-धीरे हमारे झगड़े बढ़ने लगे. मैं हर बात पर उससे सवाल करती और वो यही कहता कि रितु काम में बिज़ी रहता हूं तो ज़रूरी नहीं कि हमेशा जिस वक़्त तुम फ़ोन करो मैं कॉल ले सकूं, इतना तो समझो इंडिया और अमेरिका काटाइम अलग-अलग है!
लेकिन मैं समझने को ही तैयार नहीं थी, हम जितने क़रीब थे अब उतने ही दूर होते जा रहे थे. मेरे इस तरह के बर्ताव से विकास भी मुझसे उखड़ा-उखड़ा रहने लगा था. उसका मानना था कि मेरे और उसके मैच्योरिटी लेवल में बहुत फ़र्क़ है, मैं स्टूडेंट वाली टीन एज की सोच और व्यवहार से बाहर ही नहीं आ रही थी, तो ऐसे में वो मानसिक रूप से डिस्टर्ब रहने लगाथा और खुद इसका असर उसके नेचर और बर्ताव पर पड़ने लगा था.
विकास और मैंने यही निर्णय लिया कि हमको ब्रेकअप कर लेना चाहिए. हालांकि मैं नहीं चाहती थी कि हम अलग हों, लेकिन वो निर्णय ले चुका था. मैंने कहा कि हम दोस्त तो रह सकते हैं ना, उसने भी हामी भर ली, लेकिन मैं खुद को सम्भाल नहीं पा रही थी, दोस्ती का रिश्ता मुझे दर्द दे रहा था और इसीलिए विकास ने मुझे सोशल मीडिया पर ब्लॉक कर दिया ये कहकर कि इस तरह हम आगे नहीं बढ़ पाएंगे और न ही इस रिश्ते में भी रह पाएंगे!
उसके निर्णय का मैं सम्मान करती हूं और आज जब एक कॉमन फ्रेंड ने उसकी शादी की खबर दी तो मैं टूट गई, लगा कोई अपना अब हमेशा के लिए किसी और का हो गया है… मैं भी अपनी ज़िंदगी में आगे बढ़ रही हूं, लेकिन दिल के किसी कोने में उसका प्यार आज भी दबा हुआ है जो वक़्त-वक़्त पर दस्तक दे ही देता है… विकास और मुझे लगा था कि हमारी लॉन्ग डिसटेंस रिलेशनशिप एक बड़ा कारण था हमारे बीच मनमुटाव और ग़लतफहमियों का, लेकिन आज सोचती हूं कि मेरी ज़्यादा क़रीब रहने की कोशिश ही हमारी दूरियों का कारण बन गई थी. मैं अपने दिल और प्यार को सम्भाल ही नहीं पाई… और उसको हमेशा के लिए खो दिया!
दूरियों से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता, लेकिन प्यार के रिश्ते में महज़ प्यार का होना ही काफ़ी नहीं, विश्वास और धीरज होना भी उतना ही ज़रूरी है! मुझे नहीं पता अब कभी मैं प्यार कर पाऊंगी भी या नहीं, लेकिन अपनी भूलों से सबक़ लेकर आगे के रिश्तों को यूं खोने नहीं दूंगी!
- रितु भारद्वाज