यदा क्रूर ग्रहों वक्री अतिचार तु सौमयक:
पीड़ा व्याधि भयं तत्र दुर्भिक्षम राज्य विग्रहम
कहते हैं, कोई पापी ग्रह वक्री हो जाए तो और पापी हो जाता है. 11 मई 2020 को शनि देव वक्री होकर 29 सितंबर 2020 को मार्गी होंगे. ये चार महीने शनि देव अपने स्वभाव को और उग्र करेंगे. बता दें कि मई महीने में शनि, गुरु और शुक्र ग्रह वक्री होने जा रहे हैं. ये ग्रह चाल भारत के लिए कैसी होगी? क्या इस ग्रह दशा में कोरोना वायरस का अंत होगा? क्या भारत बनेगा सुपर पावर? 11 मई 2020 को जब शनि देव वक्री होंगे, तो इसका क्या परिणाम होगा, इसके बारे में जानने के लिए हमने ज्योतिष शिरोमणि पंडित राजेंद्र जी से बात की. पंडित राजेंद्र जी के अनुसार, शनि देव के वक्री होने से होंगे ये परिणाम.
11 मई 2020 को जब शनि देव वक्री होंगे, तो इसका क्या परिणाम होगा? किन 5 राशियों पर पड़ेगा इसका अशुभ प्रभाव
बता दें कि 11 मई 2020 को शनि देव वक्री होकर 29 सितंबर 2020 को मार्गी होंगे. ये चार महीने शनि देव अपने स्वभाव को और उग्र करेंगे. मई महीने में शनि, गुरु और शुक्र ग्रह वक्री होने जा रहे हैं. 14 मई से गुरु के वक्री होने से देश में अराजकता का माहौल बन सकता है. केंद्रीय एवं राज्य सरकारों को उपद्रव, हिंसा, आंदोलन आदि का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही जनता में अशांति भी देखने को मिल सकती है. शनि के वक्री होने से राजनीतिक टकराव बढ़ेंगे, मंहगाई बढ़ेगी, देश में असंतोष और असुरक्षा का माहौल बनेगा. साथ ही कहीं-कहीं प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, भूकंप आदि की संभावना भी है. बता दें कि पूरे वर्ष शनि देव अपने शत्रु रवि के नक्षत्र उत्तराषाढ़ा में रहने वाले हैं, जिसके कारण देश में हालात को पूरी तरह से ठीक होने में समय लगेगा. शनि के वक्री होने का सबसे ज़्यादा असर उन लोगों पर पड़ेगा, जिनकी राशि पर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है. इस समय धनु, मकर और कुंभ राशियों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. साथ ही मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है. ऐसी स्थिति में शनि के वक्री होने का अशुभ प्रभाव इन पांच राशियों पर सबसे ज़्यादा पड़ेगा.
कब होगा कोरोना वायरस का अंत?
भारतीयों का ढांचा शनि के अधीन होने के कारण ही हम अन्य देशों के मुकाबले करोना वायरस से बहुत कम मात्रा में संक्रमित हुए हैं. शनि देव अनुसाशन और न्याय के लिए जाने जाते हैं इसलिए हम भारतीय यदि अनुसाशन का पालन करेंगे, तो कोरोना वायरस से बहुत ज़्यादा प्रभावित नहीं होंगे. 14 मई 2020 से गुरु के वक्री होने से इस वायरस का प्रभाव कम होने लगेगा. फिर 30 जून 2020 को गुरु वक्री अवस्था में फिर से धनु राशि में प्रवेश करेंगे और 20 नवंबर तक वहां रहेंगे. ऐसे में ये संभावना है कि मई से सितंबर के बीच वायरस की काफी रोकथाम हो जाएगी. हां, लेकिन हम पहले जैसा जीवन वर्ष 2021 में ही जी सकेंगे. 2020 में हमें अपनी ज़िंदगी को पटरी पर लाने के लिए बहुत मेहनत और जद्दोज़ेहर करनी पड़ेगी. हमारे देश के लिए आने वाला समय बहुत अच्छा है और इसके लिए हम सभी देशवासियों को बहुत मेहनत करनी होगी, तभी हम अपने देश को सुपर पावर बना सकते हैं. शनि देव जब से मकर राशि में आए हैं तब से नियम, क़ानून, भौतिक लोभ आदि के प्रति लोगों का नज़रिया बदलने लगा है. लोग भौतिक सुख के परे जीवन के सच्चे सुख और जीवन के सही अर्थ को समझने लगे हैं. अतः हम भारतीयों को घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है. यदि हम सब ख़ुद को कर्म की भट्टी में तपाएंगे, तो ये बात निश्चित है कि हमारा आनेवाला भविष्य सोने से निखर जाएगा. कड़ी मेहनत और योग, ध्यान, सत्संग के मार्ग पर चलकर ही हम अपनी अलग पहचान बना सकते हैं और भारत को सुपर पावर बना सकते हैं.
क्या अगले पांच सालों में भारत बनेगा सुपर पावर?
यदि हम आनेवाले समय की बात करें, तो गुरु ग्रह पूरे दो वर्ष तक निर्बल है, लेकिन शनि ग्रह पूरे पांच वर्ष तक बलवान है और ये हम भारतीयों के लिए अच्छी ख़बर है. भारतीयों का ढांचा शनि के अधीन होने से एक बात हो पक्की है कि आने वाले समय में भारत में रोज़गार में बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगी. देश में आने वाले समय में निवेश बढ़ेगा, जिसके कारण अगले पांच सालों में भारत सुपर पावर बनेगा. आने वाले पांच सालों में शनि देव सभी भारतीयों को भौतिक मोह से ऊपर ले आएंगे. सभी देशवासियों को कर्म की भट्टी में तपना और सोना बनकर निखरना सिखाएंगे. भारतीयों की कड़ी मेहनत के कारण ही आनेवाले पांच सालों में देश सुपर पॉवर बनने वाला है.
आने वाले समय में चीन की स्थिति क्या होगी?
गुरु ग्रह चीन का प्रतिनिधित्व करता है और अगले पूरे दो वर्ष तक गुरु ग्रह निर्बल है, इसके कारण अगले दो वर्षों में चीन को बदनामी, निवेश में कमी, युद्ध का संकट जैसी स्थितियों का सामना करना पडेगा. कहना गलत नहीं होगा कि आने वाला समय चीन पर बहुत भारी रहने वाला है, चीन को कहीं से भी राहत नहीं मिलेगी, उसे हर तरफ से मुसीबतों का सामना करना पडेगा.
गुरु की शरण में जाकर ही जीवन सफल होता है
पांच तत्व के ऊपर है छठा तत्व और वो है गुरुतत्व, जो सबसे ऊपर है, उनका ध्यान, उनके चरणो में पूर्ण समर्पण ही हमारे तन-मन और आत्मा को पवित्र बनाता है और हमारे जीवन को सुरक्षा प्रदान करता है. इसीलिए कहते हैं-
गुरु की महिमा कोई ना जाने
ना ही पंडित ना ही सयाने
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वक्री शनि देव को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय
* प्रत्येक शनिवार के दिन शनि देव की उपासना करें और हो सके तो शनि देव का उपवास भी रखें. * शनिवार के दिन काले कुत्ते, गाय या कौवे को रोटी खिलाएं.
* प्रत्येक शनिवार के दिन शाम को पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाएं और सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
* शनिवार के दिन दान करें. रोगियों की सेवा करें. बुज़ुर्गों की सेवा करें. ज़रूरतमंदों को अन्न-वस्त्र का दान करें.
* प्रत्येक शनिवार के दिन शनि के बीज मंत्र 'ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः' का 108 बार जाप करें.
* शनिवार के दिन हनुमानजी की भी पूजा करें.
* शनिवार के दिन उड़द की दाल से बनी वस्तुओं, तेल से बनी वस्तुओं का भोग लगाएं और इनका दान करें.
* अनुसाशन में रहें, झूठ न बोलें, बेईमानी न करें. शनि देव न्याय के देवता हैं. यदि आप न्याय के साथ रहेंगे, तो शनि देव कभी आपका नुक़सान नहीं होने देंगे.
- कमला बडोनी