पति राज कुंद्रा की पोर्नोग्राफी मामले में गिरफ्तारी के बाद चल रही खबरों पर रोक लगाने के लिए शिल्पा शेट्टी ने कोर्ट में अर्जी दी थी. शिल्पा ने 29 मीडिया हाउसेस के खिलाफ मानहानि का केस दाखिल किया था, लेकिन इस मामले में अब कोर्ट ने शिल्पा को फटकार लगाई है और खरी खरी सुना दी है. कोर्ट ने कहा कि मीडिया को रोके जाने की मांग करने वाले अनुरोध का प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
शिल्पा का रोना मानहानि का मामला कैसे हो सकता है?
शिल्पा शेट्टी की याचिका पर शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने शिल्पा के वकील से कहा कि पुलिस सूत्र ने जो कहा है, उस पर मीडिया में आई कोई रिपोर्ट कभी भी मानहानि नहीं होती है. कायदे से ऐसा मानने की कोई वजह नहीं है. कोर्ट ने कहा कि आपकी मुवक्किल (शिल्पा शेट्टी) का रोना कैसे एक मानहानि करने वाली खबर है?
नहीं बन सकता है मानहानि का मामला?
कोर्ट ने कहा कि शिल्पा के पति के खिलाफ एक मामला चल रहा है. इस केस को मीडिया कवर कर रहा है और मीडिया को इसकी पूरी आजादी है. हाईकोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगा. आपका क्लाइंट कोई भी हो लेकिन मानहानि को लेकर एक निश्चित कानून है, जिसके तहत अदालत काम करती है. कोर्ट ने आगे कहा कि केस में जिन आर्टिकल्स का जिक्र किया गया हैं, वो पुलिस सूत्रों पर आधारित हैं. पुलिस सूत्रों के आधार पर लिखी गई रिपोर्ट मानहानिकारक नहीं है. यदि यह आपके घर के कमरे में हुआ होता, जहां कोई आसपास नहीं होता तो यह मुद्दा अलग था. लेकिन यह बाहरी लोगों की मौजूदगी में हुआ. फिर यह मानहानि कैसे हो सकती है?" कोर्ट ने ये भी कहा कि प्रेस की आजादी को व्यक्ति के निजता के अधिकार के साथ संतुलित रखना होगा.
यूट्यूब से 3 वीडियो हटाने का निर्देश
साथ ही कोर्ट ने पर्सनल यूट्यूब चैनलों पर अपलोड की गई 3 वीडियोज़ हटाने का निर्देश दिया है और कहा है कि इन्हें फिर से अपलोड नहीं किया जाए, क्योंकि वे दुर्भावना से पूर्ण हैं. कोर्ट द्वारा जिन वीडियोज को हटाने के आदेश दिए गए हैं, उनमें एक्ट्रेस की नैतिकता पर कमेंट किया गया था और एक पैरेंट के तौर पर उनकी भूमिका पर सवाल उठाए गए थे.
शिल्पा ने किया था 25 करोड़ का केस
बता दें कि शिल्पा ने 29 मीडिया हाउस/पत्रकारों के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में मानहानि याचिका दायर की थी. शिल्पा का आरोप है कि जब पुलिस ने राज को गिरफ्तार किया तो कई वेबसाइट, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, चैनल ने उनके खिलाफ झूठी, दुर्भावनापूर्ण, मानहानिकारक जानकारी प्रकाशित की. इन मीडिया संस्थान खबरों को सनसनीखेज बनाने और पाठकों/दर्शकों की संख्या बढ़ाने के लिए उनकी इमेज खराब कर रहे हैं. ऐसे में कोर्ट तुरंत उन्हें झूठी या मानहानिकारक सामग्री का प्रकाशन रोकने का आदेश दे.
शिल्पा की अर्जी में 25 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग करते हुए कहा गया था कि कई मीडिया पब्लिकेशन्स और गूगल, फेसबुक और यूट्यूब जैसी सोशल मीडिया साइटों ने उन्हें वो नुकसान पहुंचाया है, जिसकी कभी भरपाई नहीं हो सकती. फिलहाल इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश पारित करते हुए केस में सभी प्रतिवादियों को अपना हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है और मामले की अगली सुनवाई 20 सितंबर के लिए निर्धारित कर दी.