Close

हास्य कथा: तिलचट्टा- एक अनोखी प्रेम कथा (Short Story: Tilchatta- Ek Anokhi Prem Katha)

तिल्लाट ने उसके ठीक सामने आ कर अपनी कंपाउंड आइज़ से (लेखिका द्वारा बायोलॉजी में पढ़े ज्ञान को जबरन ठूंसने की चेष्टा) तिल्लष्का की आंखों में देखते हुए कहा, "क्या तुम मेरी संगिनी बन गंदगी फैलाने में मेरा साथ दोगी?" तिल्लष्का एक पल को सोच में पड़ गई, लेकिन तुरंत संभल कर बोली, "तिल्लाट झोली किसी काक्रोचनी को प्रपोज करे और वो मना कर दे, ऐसा तो हो ही नहीं सकता… तुम्हारी बल्ला लहराने की अदा की तो हर काक्रोचनी दीवानी है. तिल्लाट मैं तुमसे शादी करने को तैयार हूं, लेकिन मेरी एक शर्त है!"

वो चुपके-चुपके कदम बढ़ाती आगे बढ़ रही थी. सामने बिस्कुट का चूरा पड़ा था और रात के दो बजे वो मम्मी को बता कर स्पेशल ट्रेनिंग के लिए निकली थी.
उसके पापा अपने ज़माने के मशहूर काक्रोच रहे थे. ना जाने कितने ही हिट के स्प्रे और वो क्या होती है दवाई जिसे खाकर काक्रोच बेवड़े से लड़खड़ाते हुए खड़खड़ा जाते हैं. खैर जो भी है उन सभी अस्त्रों-शस्त्रों को मात देते हुए रसोई में अपना साम्राज्य स्थापित किए हुए थे. उनके जैसा कोई दूसरा था भी नहीं. बिरादरी में उन्हें ख़ासतौर से सम्मानित करने की बात चल ही रही थी कि उस रात… जब वो आटे के कनस्तर में एंट्री लेने ही वाले थे, तब दुश्मन ने हमला कर दिया. ताबड़तोड़ चप्पलों की बरसात से उनका शरीर फ़र्श से चिपक गया और आत्मा उड़ गई. हालांकि मरणोपरांत उन्हें 'शहीद-ए-काक्रोच' प्रदान किया गया.
उसी महातिलचट्टे की बेटी थी वो, नाम था तिल्लष्का! जैसे ही तिल्लष्का बिस्कुट के चूरे के पास पहुंची उसकी नज़र सामने खड़े काक्रोच तिल्लाट झोली पर पड़ी. तिल्लाट सजीला, बांका काक्रोच जिसकी वीरता के क़िस्से आम होने लगे थे. उम्र का तकाज़ा कहो या फिज़ाओं में गूंजते काक्रोचनी संगीत का असर कि दोनों एक-दूसरे को देखते ही रह गए. तिल्लष्का शर्मा कर दो कदम पीछे हट गई. उसका बित्ते भर का कलेजा धक से रह गया.

यह भी पढ़ें: व्यंग्य- डाॅगी कल्चर (Satire Story- Doggy Culture)


तिल्लाट ने उसके ठीक सामने आ कर अपनी कंपाउंड आइज़ से (लेखिका द्वारा बायोलॉजी में पढ़े ज्ञान को जबरन ठूंसने की चेष्टा) तिल्लष्का की आंखों में देखते हुए कहा, "क्या तुम मेरी संगिनी बन गंदगी फैलाने में मेरा साथ दोगी?" तिल्लष्का एक पल को सोच में पड़ गई, लेकिन तुरंत संभल कर बोली, "तिल्लाट झोली किसी काक्रोचनी को प्रपोज करे और वो मना कर दे, ऐसा तो हो ही नहीं सकता… तुम्हारी बल्ला लहराने की अदा की तो हर काक्रोचनी दीवानी है. तिल्लाट मैं तुमसे शादी करने को तैयार हूं, लेकिन मेरी एक शर्त है!"
"शर्त!.. कैसी शर्त?"
"मुझे अपने पापा की मौत का बदला लेना है. जब तक मैं उस क़ातिल चप्पल को सबक ना सिखा दूं, शादी नहीं करुंगी." अपने दोनों आगे के पंजों को आपस में रगड़ती हुई तिल्लष्का बोली.
"ऐसा है तो तुम्हारा बदला आज से मेरा बदला है." अपने दोनों एंटीनों को हवा में लहराता तिल्लाट झोली वहां से चला गया.
चिनॉय सेठ ने अपने सीधे हाथ से उल्टे पैर की चप्पल निकाली होगी. हम्म! इसका मतलब मेरा टार्गेट उल्टे पैर की क़ातिल चप्पल है. अब तिल्लाट के सामने सारी तस्वीर साफ़ थी. उसने रात के साढ़े तीन बजे अपनी झिन्नीयाती आवाज से सारे दोस्तों को अर्जेंट मीटिंग के लिए बुलाया.

यह भी पढ़ें: हास्य कथा- दर्द-ए-दांत (Short Story- Dard-E-Dant)


अगली सुबह साइक्लिंग के लिए जाने को तैयार चिनॉय सेठ ने जैसे ही जूते उठाए उनमें सैकड़ों काक्रोच भरे हुए थे. चिनॉय सेठ जूते से काक्रोच को बाहर निकालते और काक्रोच वापस जूते में भर जाते! गुस्से में चिनाॅय सेठ ने जूते एक तरफ़ फेंके और चप्पल पहन कर चल दिए.
कुछ ही देर हुई थी उन्हें साइकिल चलाते अचानक उल्टे पैर के घुटने के पास लोअर के अंदर कुछ चलता हुआ महसूस हुआ… वो तिल्लाट झोली था!
तिल्लाट गबरू जवान काक्रोच फुर्ती से पूरे पैर पर दौड़ने लगा… चिनॉय सेठ बेचैन हो उठे. साइकिल के अनियंत्रित होते ही चिनाॅय सेठ एक तरफ़ जा कर गिरे और उनके पैर से छिटक कर कातिल चप्पल दूसरी तरफ़ सड़क के ठीक बीचोंबीच पड़ी थी… असहाय, दर्द से कराहती,मदद को तड़पती तभी तिल्लाट झोली उसके ठीक सामने आ कर खड़ा हो गया और दूसरी तरफ़ से तिल्लष्का आ गई. चप्पल को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि ये क्या हो रहा है. इससे पहले कि वो कुछ सोच पाती धड़धड़ाते हुए ट्रकों का काफ़िला उसके ऊपर से गुज़र गया. चप्पल सड़क पर चिपक गई और उसकी आत्मा उड़ गई थी. तिल्लाट ने तिल्लष्का की और मुस्कुरा कर देखा, तो तिल्लष्का शर्मा गई.

यह भी पढ़ें: कीप स्माइलिंग प्लीज़ (Keep Smiling Please)


चिनॉय मैडम की ड्रेसिंग टेबल से अपने पंजों में भर कर लाए सिंदूर से तिल्लाट ने तिल्लष्का के बिना बालों वाले सिर की मांग भर दी… और वो दोनों हमेशा के लिए एक हो गए.

- संयुक्ता त्यागी

अधिक कहानियां/शॉर्ट स्टोरीज़ के लिए यहां क्लिक करें – SHORT STORIES

अभी सबस्क्राइब करें मेरी सहेली का एक साल का डिजिटल एडिशन सिर्फ़ ₹599 और पाएं ₹1000 का कलरएसेंस कॉस्मेटिक्स का गिफ्ट वाउचर.

Share this article

https://www.perkemi.org/ Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Situs Slot Resmi https://htp.ac.id/ Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor https://pertanian.hsu.go.id/vendor/ https://onlineradio.jatengprov.go.id/media/ slot 777 Gacor https://www.opdagverden.dk/ https://perpustakaan.unhasa.ac.id/info/ https://perpustakaan.unhasa.ac.id/vendor/ https://www.unhasa.ac.id/demoslt/ https://mariposa.tw/ https://archvizone.com/