संजय और मिनी के पूरे फ्रेंड सर्कल को पता था कि हमारा वीज़ा इंटरव्यू है. सबकी सलाहें लेने में दोनों काफ़ी व्यस्त दिखते. मैंने अपनी किसी फ्रेंड को बताना ज़रुरी नहीं समझा था, इसलिए मैं ख़ुश और फ्री सी थी. मुझे ख़ुश और शांत देखकर दोनों की उलझन और बढ़ जाती.
जैसे-जैसे वीज़ा इंटरव्यू का दिन पास आ रहा था, हमारे घर में ऐसे तनाव घिर आया था, जैसे कोई रिज़ल्ट निकलनेवाला हो. मैं, संजय और मिनी जब साथ बैठते, इंटरव्यू में क्या होता है.. यह डिसकस होने लगता. हम दोनों का तो ऐसे ही वीज़ा बन रहा था मिनी के साथ. असल में हमारी शौकीन, अपने पैसे, अपने शौक पर खुले हाथ से लुटाती बेटी, जिसका उसूल है, 'मम्मी, पैसे तो होते ही ख़र्च करने के लिए हैं..' ऑफिस से छुट्टी लेकर हैरी स्टाइल्स का कॉन्सर्ट देखने अमेरिका जा रही थी. मैं अपने आपको अमिताभ बच्चन की बड़ी फैन मानती हूं, पर मिनी ने मुझे पीछे छोड़ दिया है. वह मशहूर (सबको पता भी नहीं कि हैरी है कौन? मेरी और उसकी बहस चलती है कि कम-से-कम अमिताभ बच्चन का नाम तो सबने सुना है) पॉप सिंगर का शो देखने अमेरिका में रहनेवाली अपनी फ्रेंड्स के पास जा रही है.
मिनी को आजकल बड़ी टेंशन है कि वीज़ा इंटरव्यू ख़राब हो गया, तो उसके पैसों का बड़ा नुक़सान हो जाएगा. जब भी मैं आदतन उससे हंसी-मज़ाक करती, वह कहती, "मम्मी, कोई मूड नहीं है मज़ाक का. बहुत टेंशन हो रही है.''
''मगर क्यों? सारे पेपर्स रेडी हैं. इतनी टेंशन की बात थोड़े ही है? इंटरव्यू ही तो है, कोई आफ़त थोड़े ही आ रही है, जो तुम इतनी सीरियस बैठी रहती हो."
''ओह मम्मी, आप नहीं जानती. रजत बता रहा था कि एक सेकंड में अटका देते हैं. बहुत ग्रिल करते हैं जान-बूझकर. अगर उन्होंने पासपोर्ट रख लिया, तो मतलब सब ठीक है, नहीं तो दोस्त बता रहे हैं कि आजकल वीज़ा बहुत अटक रहा है.''
वहीं बैठे संजय ने भी अपनी जानकारी शेयर करने में देर नहीं लगाई, "वैसे तो हम कई जगह घूम चुके हैं. प्रॉब्लम होनी तो नहीं चाहिए, पर हां, यूएस का थोड़ा मुश्किल रहता है. आज ऑफिस में अनिल ने भी बताया कि सब सवालों के जवाब रेडी रखना. कहां-कहां घूमे, क्या-क्या देख चुके हो. फिर मुझे कहा, ''सुमन, चलो बताओ, कितने देश देख चुकी हो? मुझे तो रोम याद आया."
मैंने कहा, "रोम, वहां इंडियन खाना बहुत बढ़िया था. खाना स्विट्ज़रलैंड में भी बढ़िया था." बात मुंह से निकलते ही अचानक मैं होनेवाले हमले के लिए तैयार हो गई.
मिनी गुर्राई, ''एक तो आपसे परेशान हो गई हूं मैं. (आजकल वह मुझे बात-बात पर यह कहती है. मुझे अपनी मां याद आ जाती है) घूम-फिर कर आपकी बात खाने पर आ जाती है."
मैं हंस दी. भूल जो गई थी, आजकल हंसना नहीं है. मिनी को टेंशन जो है. मिनी ने कहा, ''बस, आप हंस दिया करो, किसी भी बात को सीरियसली नहीं लेती.''
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"अच्छा मम्मी, आरती ने कहा है कि बहुत वेलड्रेस्ड जाना है. थोड़ा-बहुत मेकअप भी कर लेना. क्या पहनोगी?''
''तुम ही बता दो.''
''व्हाइट शर्ट और पिंक पैन्ट्स पहन लेना."
''अच्छा, तुम क्या पहनोगी?''
''अपना तो मैं देख लूंगी. मुझे बस आपका देखना पड़ता है."
मुझे हंसी आ गई, ''मैं क्या बच्ची हूं?''
''मुझे तो यही लगता है. अब देख लो, पापा और मैं सारी तैयारी कर रहे है और आपको ज़रा भी चिंता नहीं.''
''अरे, तुम दोनों को बहुत पैनिक करने की आदत है. मैं वही काम शांति से कर लेती हूं. बस, यही फ़र्क है."
संजय और मिनी के पूरे फ्रेंड सर्कल को पता था कि हमारा वीज़ा इंटरव्यू है. सबकी सलाहें लेने में दोनों काफ़ी व्यस्त दिखते. मैंने अपनी किसी फ्रेंड को बताना ज़रुरी नहीं समझा था, इसलिए मैं ख़ुश और फ्री सी थी. मुझे ख़ुश और शांत देखकर दोनों की उलझन और बढ़ जाती.
मिनी सिर हिला देती, "आप ही रिलैक्सड रह सकती हैं इतनी टेंशन में."
संजय कहते, "कितनी लकी हो. सब किया कराया मिल जाता है. पति और बेटी सब पेपर्स रेडी कर ही देंगें. तुम बस अमेरिका घूम आना."
इंटरव्यू की पहली शाम जब दोनों ऑफिस से आए, मिनी बोली, "पापा, एक बार सब पेपर्स देख लो."
और टेबल पर दरबार सज गया. तीनों का एक-एक डॉक्यूमेंट दोबारा नहीं. कई बार देखा गया. मैंने पूछा, ''सुबह कितने बजे निकलना है?''
संजय ने कहा,"सात बजे. साढ़े आठ का टाइम मिला है."
''नहीं, सवा सात बजे निकलेंगे.''
संजय ने उसे घूरा, "ट्रैफिक हो सकता है. ऑफिस का टाइम है." हमेशा की तरह इस विषय ने बीस मिनट लिए. असल में हम ठाणे में जहां रहते हैं, वहां हमारे घर से एयरपोर्ट दूर है और संजय को काफ़ी पहले जाने की आदत. मिनी को इस आदत से हर बार परेशानी. यह सालों से चल रहा है और मैं अब इस दृश्य में रूचि ही नहीं रखती. आराम से काम करती हूं.
मिनी ने कहा, "एक तो मेरी मां इतनी चिल रहती है कि क्या करूं. कोई कितना भी उलझा हो, मेरी मां शांत रहती है." कहते-कहते उसने मेरे गाल चूम लिए. ऐसी ही तो होती हैं बेटियां. मुझे तो सचमुच यही लगता है कि एक समय बाद मां और बेटी की भूमिकाएं बदल जाती हैं.
संजय ने मुझसे पूछा, "तुम सुबह कितने बजे उठोगी?''
"साढ़े पांच."
मिनी ने हैरी स्टाइल्स के गाने सुने. तभी उसका मन शांत होता है, पर आज उसकी बेचैनी कम नहीं हो रही थी. फिर बोली,"मम्मी, आओ, आपकी तैयारी करवा देती हूं."
''किस चीज की."
उसने मुझे घूरा, "इंटरव्यू की. आपको पता है कि मेरे कितने दोस्तों का वीज़ा रिजेक्ट हुआ है, इसलिए मुझे डर लग रहा है.''
मैंने कहा, "मुझे बस इस बात की चिंता है कि उनके एक्सेंट मुझे समझ आ जाएं." मैंने ईमानदारी से इस बार उसे अपनी चिंता बताई.
''डोंट वरी, हम साथ ही होंगे. मैं बता दूंगी आपको.''
''ठीक है."
सुबह सब चुपचाप अपनी-अपनी तैयारी करते रहे. मेरी सफ़ेद शर्ट मिनी ने चेंज करवा दी, ''मम्मी, दूसरी पहन लो और लिपस्टिक डार्क लगा लो."
मुझे बेवक़्त हंसी आ गई, "मेरी लिपस्टिक पर ही डिपेंड करता है क्या वीज़ा?''
दोनों को ब्रेकफास्ट देकर मैं भी खाने बैठी. चाय पीने में मुझे टाइम लगता है. दोनों मुझे बार-बार देखकर घड़ी देखने लगे, तो मैंने चाय छोड़ ही दी. दोनों ने बेमन से कहा तो, "अरे चाय पी लो.''
मैंने कहा, ''नहीं, रहने दो."
संजय को कहीं जाने से पहले पार्किंग की टेंशन होने लगती है, इसलिए हमने सवा सात बजे टैक्सी ही ली.
सवा आठ पहुंच गए. बहुत दूर तक लम्बी लाइन पर नज़र पड़ी.
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मिनी बोली, "इन सबको अमेरिका जाना है क्या? बाप रे, इतनी भीड़." रोड़ पर दोनों तरफ़ लोग. हमने हर चीज टैक्सी में छोड़ दी थी. यह टैक्सी ड्राइवर हमारी जान-पहचान का था और हमारे सामान के साथ हमारा इंतज़ार करता रहेगा. हमारे काम होने पर वापस भी ले जानेवाला था.
लाइन में मेरे पीछे एक यंग लड़का खड़ा था. मैंने उस पर नज़र डाली. ब्लैक शर्ट, ब्लैक पैंट, साफ़ रंग. मैंने आंखों ही आंखों में मिनी को कहा, 'लड़का स्मार्ट है.' उसने मुझे घूरा और आंखें तरेर कर ठीक से रहने के लिए कहा. हमारे बीच लड़कों को लेकर मज़ाक सहेलियों की तरह होते रहते थे.
हमारे आगे एक फैमिली खड़ी थी. ठीक हमारी तरह, एक बेटी और पैरेंट्स. पत्नी अपने पति को धीरे-धीरे ग़ुस्सा कर रही थी, "ठीक से खड़े नहीं हो सकते? कभी इधर देख रहे हो, कभी उधर."
मिनी धीरे-धीरे संजय को समझाने लगी, "पापा, रिया ने कहा है, जो डॉक्यूमेंट मांगें, वही दिखाने हैं. जितना पूछें, उतना ही जवाब देना है. कुछ भी पूछेंगे, मुझे ही जवाब देने देना. हैरी स्टाइल्स के कॉन्सर्ट के बारे में आप लोगों को जानकारी भी नहीं है.''
फिर मुझे कहा, ''बस, वीज़ा मिल जाए. हैरी स्टाइल्स, ओह मम्मी, मुझे उसके सारे गाने याद हैं. मैं भी उसके साथ गाऊंगी. मेरा सपना पूरा होनेवाला है. बस, आज कोई अड़चन न आए. सुमित का तीन बार वीज़ा कैंसिल हो गया था मम्मी."
मुझे ज़बर्दस्त शरारत सूझी, कहा, ''तुम्हे उसके साथ गाना है? उसे सुनने जा रही हो या ख़ुद गाने?'' उसने मेरी तरफ़ पीठ कर ली. मैंने उसकी कमर में हाथ डाल दिया. मना भी लिया ये तो चलता है न. हम घर में हों या भीड़ में या किसी लाइन में, मां-बेटियां अक्सर हर जगह टाइमपास कर ही लेती हैं.
लाइन बढ़ती जा रही थी और मिनी की टेंशन भी. कई जगह पेपर्स दिखाते हुए हम एक काउंटर पर गए, जहां एक विदेशी महिला बैठी हुई थी. उसने मिनी से पूछा, "क्यों जाना है."
मिनी ने बताया कि हैरी स्टाइल्स का कॉन्सर्ट देखने. मिनी को आशा थी कि वह हैरी स्टाइल्स के नाम पर कोई रिएक्शन देगी, पर शायद उसने हैरी स्टाइल्स का नाम भी नहीं सुना था. मुझे बाद में मिनी को तंग करने का एक शगूफा मिल गया. उसने उसी से पूछा कि और कहां-कहां घूम चुकी है. संजय से पूछा कि वे क्या काम करते हैं. मैं बड़ी ख़ुश हुई, जब उसने मुझसे कुछ भी नहीं पूछा. उसने हम सबके पासपोर्ट रख लिए. मिनी ने मेरा हाथ पकड़ा और हम उसे थैंक्स कहते हुए वहां से हटने लगे, तो मैंने मिनी से पूछा, "हमारे पासपोर्ट?''
"पासपोर्ट मुझे बाद में यहां से लेना होगा. किसी दिन ऑफिस से सीधे आकर ले जाऊंगी. हो गया मम्मी, सब बढ़िया."
मैं हैरान, "हमारा इंटरव्यू?’’
‘’हो तो गया."
"ये और क्या था?''
''अरे, ये इंटरव्यू था?''
''हां मम्मी.''
''मैं तो सोच रही थी कि एक रूम होगा.वहां तीन-चार लोग बैठे होंगें. वे सब सवाल पूछेंगे, जो तुम लोग मुझे रटवा रहे थे और ख़ुद भी पैनिक कर रखा था. ये इंटरव्यू था? काउंटर पर?''
''ओह मम्मी, सब ठीक हो गया. अब मैं हैरी स्टाइल्स को देखने जाऊंगी.''
पति-बेटी दोनों ने हाफ डे लिया था. मिनी का ऑफिस वहां से पास था. मैं इतनी आसानी से मिनी को कैसे जाने देती. मैंने उसके निकलने से पहले उसे छेड़ा, ''मिनी, तुमने देखा. उस लेडी ने हैरी स्टाइल्स के नाम पर कोई रिएक्शन नहीं दिया? वो तो बहुत फेमस पॉप सिंगर है न?'' उसने भी मुझे कोई रिएक्शन नहीं दिया. और वह टैक्सी से अपना सामान लेकर ऑफिस चली गई. हम घर की तरफ़ चल दिए.
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