लॉकडाउन के दौरान सोनू सूद का अलग ही व्यक्तित्व उभरकर आया और वो बन गए ग़रीबों के मसीहा. जब जहां से जो भी मदद मांगता सोनू उनकी मदद के लिए आगे हाथ बढ़ा देते. सोनू को इस काम के लिए काफ़ी वाहवाही और लोगों का प्यार भी मिला. इसके बाद भी सोनू कई तरह के समाजिक काम करते रहे, कभी किसी बच्चे के इलाज के लिए आगे आए तो कभी किसी की अन्य मदद के लिए... लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें सोनू की नेकी रास नहीं आ रही और वो इसे शक की निगाह से देख रहे हैं.
ऐसा ही एक बंदा ट्वीटर पर सोनू से सवाल करने लगा और उनकी मंशा पर संदेह जताने लगा. उसने लिखा- एक नया ट्विटर अकाउंट, सिर्फ 2 या 3 ही फॉलोअर, एक ही ट्वीट, कभी सोनू को टैग भी नहीं किया... कोई लोकेशन नहीं, कोई कॉन्टैक्ट डीटेल, इमेल एड्रेस नहीं, पर फिर भी सोनू ने इस ट्वीट को ढूंढ लिया और मदद की पेशकश की. पीआर टीम इसी तरह काम करती है.
पहले भी जो हैंडल्स मदद मांगने आए थे, वे सब अपने ट्वीट डिलीट कर चुके हैं. कुल मिलाकर इस बंदे ने सोनू की मदद को पीआर स्टंट बता दिया.
सोनू ने भी इसे जवाब देने में देर नहीं की, सोनू ने रसीद और टेस्ट्स की रिपोर्ट्स के स्क्रीन शॉट शेयर करते हुए लिखा- ये सही है भाई, मैंने ज़रूरतमंद को खोजा और उन्होंने ने भी किसी तरह मुझे ढूँढ लिया, ये सब इरादों की बात है जो तुम नहीं समझोगे! आगे सोनू ने लिखा कि वो मरीज़ कल अस्पताल में होगा बेहतर होगा उसके लिए कुछ फल भेज दें, 2-3 फॉलोअर वाला व्यक्ति भी बहुत खुश होगा, जब उसे कई फॉलोअर्स वाले व्यक्ति से कुछ प्यार मिलेगा...
लेकिन हैरानी की बात यह है कि यह व्यक्ति इसके बाद भी बाल की खाल निकालते हुए सोनू पर सवाल उठाता रहा और अपनी बात को सही साबित करने के लिए मदद माँगने की तारीख़, मदद की पेशकश की तारीख़ ढूँढता रहा और कहता रहा कि आपने पहले से इलाज करवा रहे किसी व्यक्ति को मदद का आश्वासन दिया. यह सब पीआर स्टंट ही है और आप फ़र्ज़ी काम कर लोगों को धोखा दे रहे हैं.