एक शोध से यह बात सामने आई है कि यदि कोई व्यक्ति रोज एक घंटे से अधिक समय तक 80 डेसीबेल या उससे अधिक तेज़ आवाज में ईयरफोन या हेडफोन लगाकर सुनता है, तो उसे कान सुनने से संबंधित कई प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. कुछ गंभीर मामलों वह हमेशा के लिए बहरा भी हो सकता है.
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि…
कान, नाक और गला विशेषज्ञों के अनुसार, कोरोना महामारी के कारण पिछले एक साल से लोग कई-कई घंटों तक ईयरफोन और हेड फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं ,जिसकी वजह से अस्पतालों में कान, नाक और गला विभाग (ईएनटीडिपार्टमेंट) में रोजाना पांच से दस मामले सामने आ रहे हैं. औसतन अधिकतर लोग काम करने के लिए आठ घंटे से ज़्यादा समय तक हेडफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे कानों पर काफी जोर पड़ता है और कानों में दर्द, चक्कर आना और संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ रहा है. इससे बचने का यही उपाय है कि ईयरफोन और हेडफोन का इस्तेमाल कम-से-कम करें. विशेषज्ञों के अनुसार कान में जमा ईयर वैक्स की वजह से कीटाणु प्राकृतिक तौर पर मरते हैं और जिससे कानों के संक्रमण होने की संभावना कम हो जाती है. लेकिन कान साफ करने पर रूई के इस्तेमाल से यह रक्षात्मक कवच (ईयर वैक्स) हट जाता है और कान के आंतरिक हिस्से पर कीटाणुओं के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए ईयरफोन और हेडफोन और हेडफोन के इस्तेमाल में सावधानी बरतें.
1. ईयरफोन का इस्तेमाल कम-से-कम करने की आदत डालें.
2. अच्छी और उच्च क्वालिटी वाले ईयरफोन का इस्तेमाल करें.
3. अगर आपका काम इस तरह का है कि आपको घंटों तक कानों में ईयरफोन और हेडफोन लगाकर बैठना पड़ता है, तो प्रत्येक घंटे में 5-10 मिनट का ब्रेक लें.
4. न तो अपना ईयरफोन या हेडफोन किसी को दें और न अन्य लोगों का ईयरफोन या हेडफोन उपयोग करें.
5. अधिक देर मोबाइल पर बात करना है, तो ईयरफोन की जगह स्पीकर का इस्तेमाल करें.
6. ईयरफोन और हेडफोन का उपयोग करते समय अपने गैजेट का वॉल्यूम लेवल अधिकतम 40 प्रतिशत तक ही रखें.
7. अगर आप वर्चुअल मीटिंग्स में व्यस्त रहते हैं, तो ईयरफोन के बजाय हेडफोन इस्तेमाल करें. क्योंकि ईयरफोन के इस्तेमाल कान के अंदर मौजूद नाजुक कोशिकाओं के क्षतिग्रस्त होने की आशंका बढ़ जाती है.
8. दोनों का जरुरत से ज़्यादा प्रयोग कानों को ही नहीं सेहत को भी हानि पहुंचाता है. कोशिश करें कि इनका उपयोग कम से कम करें. अगर करना ही है, तो ईयरफोन की जगह हेडफोन का प्रयोग करें, क्योंकि यह सिर के ऊपर और कान के बाहरी हिस्से पर लगे होते हैं.
9. ज़्यादा देर तक और ज़्यादा तेज आवाज़ से कान के परदे पर बहुत अधिक दबाव पड़ता है, जिससे कान के परदों को नुकसान पहुंचता है.
ईयरफोन और हेडफोन से जुड़े तथ्य
- ईयरफोन और हेडफ़ोन से हाई डेसिबल ध्वनि तरंगों निकलती हैं, जो कानों को नुक़सान पहुंचाती है.
- जब आप ईयरफोन और हेडफ़ोन में हाई वॉल्यूम पर म्यूजिक सुनते हैं, तो इनमें से निकलनेवाली ध्वनि तरंगे 90 डेसिबल के बराबर या अधिक की होती हैं.
- ईयरफोन के लगातार प्रयोग करने से सुनने की क्षमता 40-50 डेसीबल तक कम हो जाती है
- इनका लगातार एक घंटे से अधिक इस्तेमाल करना कानों के लिए खतरनाक हो सकता है.
- ईयर फोन और हेडफोन से कानों को होनेवाला नुकसान इस बात पर निर्भर करता है कि आप लगातार कितनी देर और कितनी ऊंची आवाज़ में सुनते हैं.
- देवांश शर्मा