हममें अधिकतर लोग मेटाबॉलिज़्म की तरफ़ बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मेटाबॉलिज़्म के सही तरह से काम न करने पर सेहत संबंधी अनेक बीमारियां हो सकती हैं. अच्छे स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है कि मेटाबॉलिज़्म का ख़ास ख़्याल रखा जाए. आज हम आपको लाइफस्टाइल (Lifestyle Bad Habits) से जुड़ी कुछ ऐसी ही ग़लत आदतों के बारे में बता रहे हैं, जिनकी वजह से मेटाबॉलिज़्म धीमी गति से काम करने लगता है.
- तय समय पर भोजन न करना
मेटाबॉलिज़्म के स्लो होने का कारण है निर्धारित समय पर खाना न खाकर जब मन किया तब भोजन करना, जिसकी वजह से हमारा पाचन तंत्र गड़बड़ा जाता है. हमारा पाचन तंत्र भी भ्रमित हो जाता है कि कितने घंटे बाद अगला भोजन होगा. आगे चलकर इस आदत से कैंसर होने का ख़तरा भी बढ़ सकता है. एक्सपर्ट्स के अनुसार अगर आप अपना मेटाबॉलिक रेट उच्च रखना चाहते हैं, तो कोशिश करें कि प्रतिदिन नियत समय पर थोड़ा-थोड़ा और संतुलित भोजन करें. जो महिलाएं और पुरुष शिफ्ट में काम करते हैं, उनके खाना खाने का समय तय नहीं होता है, जिसके कारण उनका मेटाबॉलिज़्म धीमी गति से काम करता है. इतना ही नहीं शोधों के अनुसार भी यह बात सिद्ध हुई है कि नियत समय पर खाना खाने से शरीर भी भोजन करने और कैलोरी बर्न करने के लिए ट्रेंड हो जाता है. - हायर ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड का सेवन करना
हायर ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड खाने से मेटाबॉलिज़्म स्लो होता है और मेटाबॉलिज़्म सुचारु रूप से काम भी नहीं करता है. आहार विशेषज्ञों का मानना है कि लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स, जैसे- साबुत अनाज, हरी सब्ज़ियां, बीन्स, फल, अंडे, मीट, फिश खाने से मेटाबॉलिज़्म फास्ट होता है. लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड को पचने के लिए बॉडी को ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे शरीर अधिक कैलोरी बर्न करता है. - डायट में कम प्रोटीन और अधिक कार्बोहाइड्रेट्स लेना
शारीरिक और मानसिक विकास अच्छी तरह से हो, इसके लिए आवश्यक है कि डायट में सही मात्रा में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट्स लिया जाए. कई बार डायट में कम प्रोटीन और अधिक कार्बोहाइड्रेट्स लेने से मेटाबॉलिज़्म धीमा हो जाता है. सही मात्रा में प्रोटीन लेने से शरीर का विकास सही ढंग से होता है, साथ ही मेटाबॉलिक रेट भी बढ़ता है.
4. शारीरिक गतिविधियां न करना
क्या आप जानते हैं कि एक ही जगह पर 20 मिनट से ज़्यादा देर तक बैठे रहने से मेटाबॉलिज़्म स्लो होता है. इसलिए अच्छे मेटाबॉलिज़्म के लिए ज़रूरी है कि नियमित रूप से कोई-न-कोई शारीरिक गतिविधि की जाए. एक्सपर्ट्स के मुताबिक,रोज़ाना कोई भी फिज़िकल एक्टिविटी करने से मेटाबॉलिक रेट बढ़ता है. एक्सरसाइज़ न करने पर मांसपेशियां शिथिल हो जाती है और शरीर में फैट्स भी अधिक जमा होने लगता है. इसके कारण मेटाबॉलिक रेट कम होने लगता है. अच्छे मेटाबॉलिज़्म के लिए रोज़ाना योगा, वॉक, स्विमिंग, डांस और एरोबिक्स जैसी कोई भी फिज़िकल एक्टिविटी करना बेहद ज़रूरी है. मेटाबॉलिज़्म में सुधार करने के लिए दिन में दो बार 30-30 मिनट की ब्रिस्क वॉक करें.
5. बहुत अधिक तनाव होना
तनाव के कारण न केवल मेटाबॉलिज़्म धीमा हो जाता है, बल्कि सेहत संबंधी अनेक परेशानियां भी खड़ी हो जाती हैं. अनेक अध्ययनों से यह बात साबित हुई है कि बहुत अधिक तनाव का बुरा असर शरीर और मन पड़ता है. आजकल की व्यस्त जीवनशैली में थोड़ा बहुत तनाव होना आम बात है, लेकिन यदि तनाव ज़्यादा दिनों तक रहता है, तो इसकी वजह से पाचन तंत्र में गड़बड़ी आती है और मेटाबॉलिज़्म धीमा हो जाता है. बहुत अधिक तनाव होने पर शरीर में कार्टिसोल (स्ट्रेस हार्मोन) और इंसुलिन का निर्माण अधिक होने लगता है, जिससे शरीर में फैट अधिक जमा होता है और वज़न भी बढ़ता है.
6. पर्याप्त नींद न लेना
8-10 घंटे की अच्छी नींद न लेने से मेटाबॉलिज़्म धीमा तो होता हो है, साथ ही सेहत भी ख़राब हो जाती है. दिनभर चिड़चिड़ापन और सिर भारी रहता है. थकान महसूस होती है. अच्छी नींद लेना चाहते हैं, तो बिस्तर पर जाने से कम-से-कम 2 घंटे पहले फैटी फूड, चाय, कॉफी और अल्कोहल का सेवन न करें.
7. डायट में तरल पदार्थों कम मात्रा में लेना
शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करना आवश्यक है. तरल पदार्थ का सेवन करने से पूरा सिस्टम सुचारू तरी़के से काम
करता है और मेटाबॉलिक रेट भी बढ़ता है. अगर शरीर में पानी की कमी होती है, तो मेटाबॉलिक रेट भी कम होता है. कोशिश करें कि पर्याप्त मात्रा में पानी पीने के साथ-साथ डायट में ताज़े फल और सलाद खाएं.
8. ब्रेकफास्ट न करना
ज़्यादातर लोगों की आदत होती है कि वे सुबह उठकर ब्रेकफास्ट नहीं करते हैं. उनकी यही बुरी आदत उनके मेटाबॉलिज्म को स्लो कर देती है. जानकारी के लिए बता दें कि ब्रेकफास्ट दिन का सबसे अहम मील होता है. हैवी ब्रेकफास्ट करने से दिनभर एनर्जी रहती है. आहार विशेषज्ञों के अनुसार, जो लोग ब्रेकफास्ट स्किपकरते हैं, उनका मेटाबॉलिज़्म स्लो होता है. मेटाबॉलिज़म को फास्ट करने के लिए ब्रेकफास्ट में प्रोटीन रिच फूड और ताज़े फलों का सेवन करें. यदि आप ब्रेकफास्ट नहीं करते हैं, तो अगली बार आप ओवरईटिंग करने लगेंगे.
9. शक्कर को कहें ना
शक्कर का सेवन शरीर में इंसुलिन का लेवल बढ़ाता है और यह ब्लड में भी तेजी से अवशोषित हो जाती है. इसका ज़रूरत से ज़्यादा सेवन मेटाबॉलिज़्म को धीमा करता है, जिससे वज़न बढ़ता है.
10. कैलोरी बर्न करना
अधिकतर लोग को यह भ्रम होता है कम खाने से वज़न घटेगा, जो कि सरासर ग़लत है. आपको जानकार आश्चर्य होगा कि शरीर में कैलोरी की मात्रा कम होने से मेटाबॉलिज़्म धीमा हो जाता है. वज़न घटाने के लिए शरीर में कैलोरी की मात्रा कम करने की ज़रूरत नहीं हैं. ऐसा करने से शरीर को नुकसान होता है.
- देवांश शर्मा