अच्छी और गहरी नींद टेस्टोस्टेरॉन के लेवल को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. ग़ौरतलब है कि यह एक प्रमुख मेल हार्मोन है, जो पुरुषों की यौन क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है. कई अध्ययनों से यह सिद्ध हो चुका है कि सबसे ज़्यादा टेस्टोस्टेरॉन सोते समय बनता है. जी हां, टेस्टोस्टेरॉन का सबसे ज़्यादा उत्पादन गहरी नींद के दौरान होता है. जब किसी व्यक्ति को नींद नहीं आती और काम के कारण वो पूरी नींद नहीं ले पाता तो उसके टेस्टोस्टेरॉन का उत्पादन 70 फ़ीसदी तक घट जाता है. एक अध्ययन से यह सिद्ध हुआ है कि पूरी नींद न मिलना या स्लीप एप्निया (सोते समय रुक-रुक कर सांस आना) 60 फ़ीसदी से ज़्यादा पुरुषों में नुपंसकता(Habit Can Make You Impotent) का कारण बनता है.
इसके साथ ही कम सोने से मूड ख़राब होता है और थकान व शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस होती है, जिससे सेक्स क्षमता प्रभावित होती है. इसके कारण शीघ्रपतन की समस्या भी होती है. जो पुरुष काम के दबाव या अन्य किसी कारण से कम सोते हैं, वे आक्रामक और असहनशील हो जाते हैं, जिसका नकारात्मक प्रभाव उनके घनिष्ठ संबंधों पर पड़ता है यानी पार्टनर से दूरी बढ़ती जाती है.
अगर किसी व्यक्ति को लगातार बहुत दिनों तक कम नींद आती है तो उसे इस समस्या को हल्के में नहीं लेना चाहिए. ऐसे में जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें. इस तरह के मामलों में इलाज के बाद पुरुषों के सोने के तरी़के में सुधार देखने को मिला है और इससे उनकी यौन गतिविधियां भी काफ़ी बढ़ी हैं. टेस्टोस्टेरॉन के उत्पादन के लिए कम से कम 7-8 घंटे की नींद आवश्यक है. पर्याप्त यौन गतिविधियों को बरकरार रखने के लिए गहरी नींद लेना बहुत ज़रूरी है.
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