टीबी क्या है?
टीबी अर्थात ट्यूबरक्लोसिस एक संक्रामक रोग होता है, जो बैक्टीरिया की वजह से होता है. यह बैक्टीरिया शरीर के सभी अंगों में प्रवेश कर जाता है. हालांकि ये ज्यादातर फेफड़ों में ही पाया जाता है. मगर इसके अलावा आंतों, मस्तिष्क, हड्डियों, जोड़ों, गुर्दे, त्वचा तथा हृदय भी टीबी से ग्रसित हो सकते हैं.टीबी के लक्षण
- तीन हफ़्ते से ज़्यादा खांसी
- बुखार (जो शाम को बढ़ जाता है)
- छाती में तेज दर्द
- वजन का अचानक घटना
- भूख में कमी आना
- बलगम के साथ खून का आना
- बहुत ज्यादा फेफड़ों का इंफेक्शन
ऐसे होता है टीबी का संक्रमण
टीबी से संक्रमित रोगियों के कफ से, छींकने, खांसने, थूकने और उनके द्वारा छोड़ी गई सांस से वायु में बैक्टीरिया फैल जाते हैं, जोकि कई घंटों तक वायु में रह सकते हैं. जिस कारण स्वस्थ व्यक्ति भी आसानी से इसका शिकार बन सकता है. हालांकि संक्रमित व्यक्ति के कपड़े छूने या उससे हाथ मिलाने से टीबी नहीं फैलता. जब टीबी बैक्टीरिया सांस के माध्यम से फेफड़ों तक पहुंचता है तो वह कई गुना बढ़ जाता है और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है. हालांकि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता इसे बढ़ने से रोकती है, लेकिन जैसे-जैसे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ती है, टीबी के संक्रमण की आशंका बढ़ती जाती है.जांच के तरीक़े
टीबी की जांच करने के कई माध्यम होते हैं, जैसे छाती का एक्स रे, बलगम की जांच, स्किन टेस्ट आदि. इसके अलावा आधुनिक तकनीक के माध्यम से आईजीएम हीमोग्लोबिन जांच कर भी टीबी का पता लगाया जा सकता है. अच्छी बात तो यह है कि इससे संबंधित जांच सरकार द्वारा निशुल्क करवाई जाती हैं.बचने के उपाय
• दो हफ्तों से अधिक समय तक खांसी रहती है, तो डॉक्टर को दिखाएं. • बीमार व्यक्ति से दूर रहें. • आपके आस-पास कोई बहुत देर तक खांस रहा है, तो उससे दूर रहें. • अगर आप किसी बीमार व्याक्ति से मिलने जा रहे हैं, तो अपने हाथों को ज़रूर धोलें. • पौष्टिक आहार लें जिसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन्स , मिनेरल्स , कैल्शियम , प्रोटीन और फाइबर हों क्योंोकि पौष्टिक आहार हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है. • अगर आपको अधिक समय से खांसी है, तो बलगम की जांच ज़रूर करा लें. ये भी पढ़ेंः पैरासिटामॉल या आईब्रू़फेन? क्या है बेहतर
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