बच्चे का मन अगर पढाई में नहीं लगता है, तो इसका एक कारण स्टडी रूम का भी वास्तु भी हो सकता है. ऐसी स्थिति में ज़रूरी है कि बच्चे की पढाई पर ध्यान देने के साथ-साथ स्टडी रूम के वास्तु पर भी ध्यान दें. हम यहां पर कुछ आसान से टिप्स बता रहे हैं, जिनको अपनाकर आप अपने बच्चे के स्टडी रूम के वास्तु को ठीक कर सकते हैं.
आज के समय में अधिकतर पैरेंट्स को यह शिकायत रहती है कि बच्चे का मन पढाई में नहीं लगता है या फिर बच्चा पढ़ने के लिए बहाने बनाता है, या फिर पढ़ने के बाद उसके अच्छे मार्क्स नहीं आते हैं- इन सब शिकायतों के पीछे की वजह स्टडी रूम का वास्तु भी हो सकता है.
स्टडी रूम का वास्तु ठीक न होने पर बच्चे का मन पढाई में नहीं लगता है. स्टडी रूम में वास्तु दोष होने से नकारात्मकता बढ़ती है और ऐसे स्थिति में पढाई करने के लिए बच्चा अपने मन को एकाग्र नहीं कर पाता है. इन सब वास्तु दोषों को दूर करने के लिए जरुरी है कि पैरेंट्स बच्चे के स्टडी रूम में बदलाव करें। जैसे-
1. बच्चे के स्टडी टेबल का मुख पूर्व या उत्तर दिशा में हो. क्योंकि वास्तु के अनुसार पढाई के पूर्व और उत्तर दिशा उत्तम मानी जाती है.
2. भूलकर भी स्टडी टेबल पर किताबों के ढेर न लगाएं. कुछ बच्चे किताबों के ढेर देखकर पढाई को बोझ समझने लगते हैं.
3. किताबों को स्टडी टेबल पर रखने की बजाय सेल्फ में रखें.
4. स्टडी टेबल पर पूर्व की ओर देवी सरस्वती की तस्वीर रखें.
5. बच्चे का मन पढाई में नहीं लगता है, तो वास्तु के अनुसार स्टडी टेबल पर पूर्व की ओर देवी सरस्वती की तस्वीर रखें.
6. . स्टडी टेबल पर एक क्रिस्टल का ग्लोब भी रख सकते हैं.
7. गलती से भी स्टडी रूम में जूते-चप्पल नहीं रखें.
8. स्टडी रूम के पूर्वी उत्तर या दक्षिणी दिशा में मोमबत्ती जलाने से बच्चे का मन पढ़ाई में लगता है और उसकी बौद्धिक क्षमता बढ़ती है.
9. स्टडी टेबल के ठीक सामने शीशा न लगाएं. टेबल के सामने शीशा होने पर बच्चे का ध्यान पढ़ाई से भटकता है.
10 स्टडी रूम में रखा हुआ पुराना सामान- पुरानी किताबें, रद्दी पुराने खिलौने आदि हटा दें.
- पूनम शर्मा