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शादियों को आजकल हुआ क्या है? (What has happened to marriages these days?)

शादी न सिर्फ़ हमारे पारिवारिक, बल्कि सामाजिक ढांचे का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है. आज भी शादी पर हमारे देश में लोग काफ़ी पैसा खर्च करते हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से शादी को लेकर ऐसा माहौल बन रहा है, जिससे लोगों का इस रिश्ते से विश्‍वास उठता जा रहा है, क्योंकि शादी में वो पहले जैसी ईमानदारी और कमिटमेंट नहीं रहा. ऐसा क्यों हो रहा है? क्या वजहें हैं और शादी की प्रासंगिकता पर क्यों सवाल उठ रहे हैं, आइए जानें.

शादी में डिमांड्स बहुत बढ़ती जा रही है, लेकिन एडजस्टमेंट्स और कमिटमेंट्स कम होते जा रहे हैं. किसी को सरकारी नौकरी वाला लड़का चाहिए, तो किसी को गोरी-सुंदर कमाऊ बहू, जो घर भी संभाले और घर के काम में भी निपुण हो. किसी लड़की को फैमिली से अलग रहने को तैयार होनेवाला लड़का चाहिए, तो किसी को पारंपरिक लड़की. इस विषय पर आगे बढ़ने से पहले एक नज़र इन ख़बरों पर...

अलीगढ़ में एक महिला अपने होनेवाले दामाद के साथ भाग गई. शादी से 9 दिन पहले ही दोनों भाग गए. इतना ही नहीं, महिला घर से तीन लाख कैश और बेटी की शादी के लिए तैयार पांच लाख के गहने भी साथ ले गई. महिला के पति ने जब होनेवाले दामाद से फोन पर बात की, तो पहले वो मुकर गया, पर फिर धमकी देखकर कहा कि 20 साल रह लिए न उसके साथ, अब भूल जाओ. पुलिस में रिपोर्ट करने पर पता चला दोनों उत्तराखंड की वादियों में छिपे हैं, लेकिन पुलिस के वहां पहुंचने तक दोनों ठिकाना बदल चुके थे.

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बनारस की वैष्णवी का ब्याह बीकानेर के रवि से तय हुआ था. पहले कोर्ट में शादी हुई, फिर रीति-रिवाज़ से दुल्हन विदा भी हुई. कार से रवि और उसके रिश्तेदार वैष्णवी को लेकर घर के लिए निकले, लेकिन रास्ते में ही दुल्हन को जब पता चला कि अभी सफ़र लंबा है, तो वो कहने लगी मुझे इतनी दूर नहीं जाना है. मुझे अपने घर वापस जाना है. सात घंटे के सफ़र के बाद वो लोग पेट्रोल पंप पर चाय-नाश्ते के लिए रुके, तो वैष्णवी ने पुलिस वैन देखी और फिर वो ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी. पुलिस को शक हुआ कि लड़की के साथ कुछ ग़लत तो नहीं हो रहा. पूछने पर वैष्णवी ने बताया कि हमको शादी के वक्त बताया गया था कि ये लोग प्रयागराज में रहते हैं, लेकिन अब ये मुझे बीकानेर ले जा रहे हैं. मैं थक गई हूं और आगे सफर नहीं कर सकती. मुझे इतनी दूर नहीं जाना. मैं अपनी मां के पास वापस जाना चाहती हूं. मुझे ये शादी तोड़नी है. खैर, थाने में पूछताछ के दौरान रवि ने कोर्ट मैरिज के पेपर्स दिखाए और कहा कि इनको पूरी जानकारी थी कि हम बीकानेर के हैं. लड़की की मां को फ़ोन लगाया तो वो बोली, हमको यही पता था कि ये लोग प्रयागराज से हैं, लेकिन मेरी बेटी अब इतनी दूर नहीं जाना चाहती, तो उसको वापस भेज दो, हम शादी तोड़ देंगे. पुलिसवालों ने लड़की को समझाने की कोशिश की, पर वो नहीं मानी तो आपसी समझौते से लड़की को उसकी मां के पास भेज दिया गया और दूल्हा बिना दुल्हन के वापस आ गया.

एक अन्य केस में दाल में नमक कम होने पर पति ने पत्नी से तलाक ले लिया. कहीं पति ने बर्थडे पर महंगा गिफ्ट नहीं दिया तो पत्नी ने तलाक की

मांग कर डाली. एक अन्य मामले में पत्नी ने पति को पानी नहीं दिया, तो पति ने उसे छोड़ दिया. इस तरह के कई मामले हैं जहां छोटी-छोटी बातों पर अलगाव हो रहे हैं.

यूपी के फतेहपुर इलाके में वैलेंटाइन डे पर नई-नवेली दुल्हन अपने प्रेमी के साथ भाग निकली. इस युवती की शादी को स़िर्फ एक महीना हुआ था, लेकिन वो मौक़ा पाते ही अपने प्रेमी संग बाइक पर सवार होकर फरार हो गई. इतना ही नहीं, उस युवती ने फ़ोन करके शादी के दौरान मिला सामान और दहेज भी वापस मांगा. साथ ही कहा कि अगर वो लोग दहेज वापस नहीं करेंगे, तो वो ससुरालवालों को झूठे मामले में फंसा देगी. उस युवती ने बताया कि उसने अपने प्रेमी संग कोर्ट मैरिज कर ली है और वो जल्द ही अपना दहेज का सामान लेने आएगी.

हरियाणा के एक गांव में एक संपन्न परिवार में एक लड़की शादी करके आई. परिवार भी बड़ा नहीं था. लड़का भी काफ़ी नेक और सुंदर था, लेकिन शादी के कुछ ही समय बाद उस लड़की ने अपने ससुरालवालों पर झूठे आरोप लगाने शुरू कर दिए और अलग होने की बात कहने लगी. उस लड़की ने इसके बदले 10 लाख रुपयों की मांग की. आख़िरकार 5 लाख रुपए लेकर उसने तलाक दिया.

मेरठ में शादी के 10 दिन बाद ही दुल्हन घर के ज़ेवर और नकद लेकर फरार हो गई. युवक ने अपनी शादी में 8 लाख खर्च किए थे. एक बिचौलिए के ज़रिए शादी तय हुई थी. उस बिचौलिए ने कहा कि उसके भाई की बेटी है, उसके लिए भी लड़का देख रहे हैं. शादी की बात करते वक्त उस बिचौलिए के साथ और भी दो लोग थे. बिचौलिए ने बताया कि लड़कीवालों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, इसलिए शादी का खर्च लड़के को ही उठाना पड़ेगा. फिर क्या था, शादी हो गई और मौक़ा पाते ही दुल्हन गहने और पैसे लूटकर भाग गई. इस लूट में वो बिचौलिया और उसके दोनों साथी भी शामिल थे.

खैर ये तमाम ख़बरें काफ़ी हैरान कर देनेवाली हैं, लेकिन आजकल ये आम बात हो गई है. सेलिब्रिटीज़ भी इससे अछूते नहीं, वहां भी शादियां टूटती हैं और एलिमनी के नाम पर काफ़ी मोटी रकम ली जाती है.

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आम हो या ख़ास सभी इसमें शामिल हैं. एक मामला ऐसा भी आया था, जहां एक महिला ने हर महीने गुज़ारे भत्ते में मिलनेवाले 20 हज़ार रुपए को बेहद कम बताकर एक करोड़ हर महीने की मांग की. कोर्ट में उसने कहा कि उसकी बेटियों की पढ़ाई और शादी का खर्च भी है, तो उसको एक करोड़ हर महीने दिए जाएं. कुल मिलाकर बात यह है कि शादी अब सात जन्मों का साथ नहीं, बस हंसी-मज़ाक बन गई है. लेकिन ऐसा क्यों हो रहा है?

एक्सपर्ट्स की मानें तो सहनशक्ति की कमी हो गई है लोगों में. छोटी-छोटी बातों को नज़रअंदाज़ करने की बजाय लोग उन्हें ईगो का इशू बना लेते हैं. पार्टनर बर्थडे या एनीवर्सरी भूल जाए तो क्लेश हो जाता है. इंसान हैं, इतना स्ट्रेस और प्रेशर रहता है आजकल, तो भूल भी गए तो क्या हुआ?

ज़िम्मेदारियों को निभाना नहीं चाहते. आज की जनरेशन ज़िम्मेदारियों से दूर भागती है, उसको अपनी लाइफ में सब सॉर्टेड और कूल चाहिए, शादी की

ज़िम्मेदारियों को वो शादी से पहले पहचान नहीं पाते और बाद में पछताते हैं.

वर्क कल्चर और स्ट्रेस भी बड़ा कारण है, जिसके चलते एक-दूसरे के लिए कपल के पास समय ही नहीं होता. कम्युनिकेशन कम होता है, विवाद बढ़ते हैं.

फिज़िकल इंटिमेसी भी कम होती जा रही है. वक्त की कमी और बढ़ते तनाव के बीच सेक्स लाइफ इग्नोर हो रही है, जिससे दूरियां बढ़ रही हैं.

ज़रूरत से ज़्यादा अपेक्षा रखना भी एक वजह है. दोनों पार्टनर्स की भी अपनी-अपनी अलग अपेक्षाएं होती हैं, जिससे विवाद होता है.

सोशल मीडिया पर ज़्यादा रहने से एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर बढ़ रहे हैं. इसके अलावा दिखावा भी बढ़ गया है, जिसका प्रभाव रियल रिश्तों पर पड़ता है.

लड़कियों की आत्मनिर्भरता ने भी कुछ भूमिका निभाई है, क्योंकि अब वो हर बात बर्दाश्त नहीं करतीं और अपनी शर्तों पर जीना चाहती हैं. बराबरी चाहती हैं, लेकिन न तो पति और न ससुरालवाले उसे बराबरी का दर्जा देते हैं. वहीं लड़की भी अपनी ज़िद नहीं छोड़ती, न ही झुकती है, वो रिश्ता तोड़ना बेहतर समझती है. दोनों ही पक्ष कहीं न कहीं ग़लत होते हैं.

देश में क्यों बढ़ रहे हैं तलाक़ के मामले?

- रिसर्च के मुताबिक बड़े शहरों में तलाक की दर 30% से भी अधिक है.

- वहीं गांवों में भी ये मामले बढ़ रहे हैं.

- उत्तरी भारत में ज़रूर डिवोर्स रेट्स कम हैं.

- इसकी कई वजहें हैं- लोग अब शादी को बोझ मानते हैं और अकेले रहना ज़्यादा पसंद करते हैं.

- तलाक को अब समाज और परिवार स्वीकारने लगा है.

- परिवार लड़की के साथ खड़ा रहता है.

- यही वजह है कि ज़्यादातर मामलों में अब महिलाएं ही तलाक की पहल करती हैं.

- संयुक्त परिवार की जगह न्यूक्लीयर फैमिली ने ले ली है, कोई बड़ा समझाने वाला या संभालने वाला नहीं रहता.

- लड़कियां पढ़-लिखकर आर्थिक रूप से सक्षम हो रही हैं.

- रिश्ते में कमिटमेंट नहीं करना चाहते लोग.

- इसके अलावा सोशल मीडिया और बदलते संस्कार भी एक वजह हैं.

- रिश्तों की जगह पैसों ने ले ली है. उसे ही तवज्जो देने लगे हैं लोग.

शादी की प्रथा को गंभीरता से लें

- शादी न करना एक अलग मामला है, लेकिन शादी कर ली है, तो उससे जुड़ी जिम्मेदारियों को स्वीकारें.

- ग़लत वजहों से शादी न करें, जैसे- पिता के घर आज़ादी नहीं मिली तो शादी कर ली.

- शादी मौज-मस्ती या घूमना-फिरना नहीं है.

- अपनी शादी और पार्टनर को सम्मान दें.

- एक-दूसरे की भावनाओं को समझें.

- खुलकर संवाद करें- परेशान हैं, दुखी हैं या कोई भी बात है तो उसे शेयर करें.

- पार्टनर की फैमिली का भी सम्मान करें.

- अगर फिर भी रिश्ता सही नहीं होता, तो एक्सपर्ट की मदद लेने से पीछे नहीं हटें.

- तोड़ने से पहले जोड़े रखने की कोशिश होनी चाहिए.

- गीता शर्मा

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