बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और फिल्म प्रोड्यूसर मनोज कुमार देशभक्ति पर आधारित फिल्मों के लिए मशहूर थे. उन्होंने देशभक्ति से लबरेज एक से बढ़कर एक फिल्में न सिर्फ बनाईं, बल्कि उनमें एक्टिंग भी किया. उनकी शहीद, रोटी कपड़ा और मकान, उपकार, पूरब और पश्चिम, क्रांति जैसी फिल्में आज भी लोगों की पसंदीदा फिल्मों में शुमार होती हैं. इन फिल्मों में निभाए अपने किरदार की वजह से ही उन्हें लोगों ने 'भारत कुमार' नाम से दिया था. वैसे तो उनकी हर फिल्म को लेकर दिलचस्प किस्से हैं, लेकिन आज हम बात करेंगे उनकी फिल्म 'उपकार' की, जिसकी मेकिंग से बेहद दिलचस्प किस्सा जुड़ा हुआ है.
मनोज कुमार की फिल्म उपकार सुपरहिट साबित हुई थी. फ़िल्म का एक गाना 'मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती..' ने तो पूरे देश में धूम ही मचा दी थी और आज भी देशभक्ति के गाने की बात आती है तो यही गाना बजाया जाता है. लेकिन इस फिल्म से जुड़ा एक ऐसा दिलचस्प वाकया है, जिसके बारे में अनू कपूर ने एक रेडियो शो में बताया था.
'जय जवान जय किसान' के नारे पर बनाई फिल्म
तो वो दिलचस्प बात ये है कि ये फ़िल्म मनोज कुमार ने तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कहने पर बनाई थी. हुआ यूं था कि शास्त्री जी भी मनोज कुमार की फिल्मों के फैन थे और उनकी फिल्में देखा करते थे. 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद जब मनोज कुमार किसी फिल्म के सिलसिले में शास्त्री जी से मिलने पहुंचे तो शास्त्री जी ने उनसे कहा कि मैंने नारा दिया है 'जय जवान जय किसान'. इस पर फिल्म बनानी चाहिए, ताकि लोगों को किसानों की मेहनत के साथ साथ देशभक्ति से भी रूबरू कराया जा सके. बस मनोज कुमार ने तय कर लिया कि अब वो इस नारे पर फ़िल्म बनाकर रहेंगे.
ट्रेन में लिखी 'उपकार' फिल्म की कहानी
शास्त्री जी से मुलाकात के बाद जब मनोज कुमार ने वापस लौटने का तय किया तो उनके दिमाग में एक ही ख्याल था कि इस नारे पर फ़िल्म कैसे बनाई जाए. उन्होंने शास्त्री जी का आर्शीवाद लिया और निकल दिए. तब 4 बजे वहां से डीलक्स ट्रेन चलती थी. मनोज कुमार ने दो डायरी और पेन लिया और ट्रेन में बैठ गए. ट्रेन चल रही थी और वो खेतों को और उसमें काम करनेवाले किसानों को देख रहे रहे थे, लेकिन कोई कहानी दिमाग में नहीं आ रही थी. उन्होंने पहली लाइन लिखी, ये धरती एक ऐसी हथेली है, जिस पर किसान हल चलाकर किसान की तकदीर की लकीरें लिखता है. इसके बाद वो लिखते रहे और जब ट्रेन मुंबई पहुंची तो 'उपकार' की कहानी तैयार थी.
राज कपूर ने ताना मारा तो एक्टिंग भी कर ली
इस फ़िल्म से जुड़ा एक यादगार किस्सा और भी है. दरअसल जब मनोज कुमार ने 'उपकार' की घोषणा की तो सिर्फ फ़िल्म को डायरेक्ट करनेवाले थे. लेकिन इसी दौरान राजकपूर से उनकी मुलाकात हुई तो राज कपूर ने उन्हें कह दिया कि यदि आपमें काबलियत हो तो इस फिल्म को डायरेक्ट करने के साथ खुद इसके हीरो बन जाओ, क्योंकि हर कोई राजकपूर नहीं होता जो हर काम सफलतापूर्वक कर सके. बस मनोज कुमार को यह बात लग गई और उन्होंने इस फिल्म को डायरेक्ट करने के साथ इसमें खुद एक्टिंग भी की और नतीजा सबके सामने है. ये फिल्म सुपरहिट साबित हुई. उन्हें इस फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला.