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भारत-पाक युद्ध के दौरान छोड़ी फिल्में, पहनी फौजी की वर्दी, भारतीय सेना के साथ फ्रंटलाइन पर दी सेवाएं, हर भारतीय के लिए प्रेरणा हैं नाना पाटेकर (When Nana Patekar quit films to fight Indo-Pak war, served on the frontline with the Indian Army, Actor is an inspiration for every Indian)

बॉलीवुड के बेहतरीन एक्टर्स में से एक नाना पाटेकर (Nana Patekar) एक्टर होने के साथ साथ लेखक और फ़िल्म प्रोड्यूसर भी हैं. इंडस्ट्री में उन्हें दमदार अभिनय, भारी भरकम आवाज़ और अलग अंदाज़ के लिए जाना जाता है. लेकिन शायद बहुत कम लोगों को ही पता है कि बेहतरीन एक्टर होने के साथ ही नाना सच्चे देशभक्त भी हैं और इस बात की मिसाल उन्होंने कारगिल युद्ध (Kargil war) के दौरान दी थी, जब पाक के साथ युद्ध मे उन्होंने भी फौजी की वर्दी पहनी और LOC पर तैनात (Nana Patekar quit films to fight Indo-Pak war) हुए. आइए सुनाते हैं नाना पाटेकर से जुड़ा ये इंटरेस्टिंग किस्सा.

ये बात है साल 1999 की, जब भारत- पाकिस्तान (India Pak war) के बीच कारगिल युद्ध (Kargil war) हुआ था. पूरा देश उबल रहा था और भारतीय फौजियों का हौसला बढ़ा रहा था. लेकिन नाना पाटेकर को सिर्फ हमारे फौजियों का हौसला नहीं बढ़ाना था, वो उनके साथ फ्रंट पर जाकर दुश्मनों के खिलाफ युद्ध में शामिल होना चाहते थे. वो इंडियन आर्मी का हिस्सा बनना चाहते थे.

उस समय के रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस थे. नाना पाटेकर फर्नांडिस से मिले और सेना में शामिल करने की रिक्वेस्ट की. नाना ने उन्हें बताया कि वह नेशनल लेवल के शूटर रह चुके हैं और उन्होंने तीन साल तक मराठा लाइट इन्फैंट्री के साथ आर्मी ट्रेनिंग भी ली है. उन्होंने कहा, इस आधार पर उन्हें वॉर फ्रंट पर सेवा करने की परमिशन दें. आखिरकार नाना पाटेकर की रिक्वेस्ट को मंजूरी मिल गई.

नाना पाटेकर को भारतीय सेना में मानद कैप्टन का दर्जा दिया गया. कारगिल युद्ध में उनकी तैनाती एलओसी (LoC) पर की गई. वे द्रास, मुगलपुरा, लेह, कुपवाड़ा, बारामूला और सोपोर जैसे संवेदनशील इलाकों में तैनात रहे. इसके अलावा उन्होंने सेना के अस्पताल बेस में भी काम किया. नाना पाटेकर ने एक इंटरव्यू में एलओसी पर तैनाती का अपना अनुभव शेयर किया था. उन्होंने बताया था कि उनके लिए ये अनुभव बेहद इमोशनल था. उन्होंने ये भी बताया था कि जब वे श्रीनगर गए थे, तब उनका वजन 76 किलो था, लेकिन जब वो वहां से लौटे तो उनका वजन 56 हो गया था. ये युद्ध के दौरान मुश्किल हालात के चलते हुआ था. 

इसके बाद 62 की उम्र में उन्होंने हॉनरी कैप्टन के पद से रिटायरमेंट ले लिया था और अब अपना ज़्यादातर समय खेती और चैरिटी के कामों में लगाते हैं. लेकिन देश के प्रति उनका ये जज़्बा आज भी लोगों को प्रेरणा देता है.

पहलगाम टेरर अटैक के बाद एक बार फिर देशभर का खून खौल रहा था. कल रात आपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. 9 ठिकानों पर एयर स्ट्राइक (India Air Strike on Pakistan) की गई है. ऐसे हालात में एक बार फिर नाना पाटेकर का देश के प्रति जज़्बे को बेशक याद किया जाना चाहिए.

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