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मूवी रिव्यू: दो अलग कॉन्सेप्ट वाली फिल्में हैं ‘102 नॉट आउट’ और ‘ओमेर्टा’ (102 Not Out And Omerta Movie Review)

आज फिल्मी फ्राइडे है और सिनेमा घरों में दो अलग कॉन्सेप्ट वाली फिल्में रिलीज़ हुई हैं. एक तरफ है सदी के महानायक अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर की फिल्म ‘102 नॉट आउट’ है तो वहीं दूसरी तरफ इस फिल्म को टक्कर दे रही है अभिनेता राजकुमार राव की फिल्म ‘ओमेर्टा’. अमिताभ की यह फिल्म बुजुर्गों के एकाकीपन की कहानी बयां करती है तो राजकुमार राव की फिल्म एक आतंकी की कहानी को अलग अंदाज़ में दर्शकों के सामने पेश करती है.
फिल्म- 102 नॉट आउट
निर्देशक- उमेश शुक्ला
स्टार कास्ट- अमिताभ बच्चन, ऋषि कपूर, जिमित त्रिवेदी
अवधि- 1 घंटा 45 मिनट
रेटिंग- 3.5/5
फिल्म की कहानी-
उधर, बाबूलाल के 102 साल के पिता दत्तात्रेय वखारिया (अमिताभ बच्चन) एक ऐसे 102 साल का जवान हैं जो ज़िंदगी को ज़िंदादिली के साथ जीना पसंद करते हैं. एक दिन दत्तात्रेय अपने बेटे बाबूलाल के सामने कुछ शर्ते रखते हुए उसे वृद्धाश्रम भेजने की धमकी देते हैं. दरअसल वो अपने 75 साल के बेटे की जीवनशैली और सोच में इन शर्तों के ज़रिए बदलाव लाना चाहता हैं, लेकिन क्यों इसके लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी.
कैसी है फिल्म?
इस फिल्म के ज़रिए निर्देशक उमेश शुक्ला ने विदेश में रहने वाले एनआरआई बच्चों से मिलने के लिए तड़पने वाले माता-पिता तक एक भावनात्मक संदेश भी पहुंचाने की कोशिश की है. इस फिल्म का पहला हिस्सा थोड़ा धीमा है, लेकिन इसके दूसरे हिस्से में फिल्म अपनी रफ्तार पकड़ लेती है और क्लाइमेक्स आपको इमोशनल करने के साथ-साथ जीत की खुशी का एहसास भी करा जाता है.
एक्टिंग
इस फिल्म में अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर की जोड़ी क़रीब 27 साल बाद पर्दे पर साथ नज़र आ रही है. एक तरफ जहां दत्तात्रेय की भूमिका में अमिताभ बच्चन किरदार के नब्ज़ को पकड़ते हुए कभी दर्शकों को लुभाते तो कभी चौंकाते हुए नज़र आ रहे हैं तो वहीं बाबूलाल की भूमिका अदा कर रहे ऋषि कपूर ने भी अपने किरदार को बेहद सहजता और संयम के साथ निभाया है. एकाकीपन से लड़ते दो बुजुर्गों की मज़ेदार नोकझोंक आपको बेहद पसंद आएगी.