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मूवी रिव्यू: दो अलग कॉन्सेप्ट वाली फिल्में हैं ‘102 नॉट आउट’ और ‘ओमेर्टा’ (102 Not Out And Omerta Movie Review)

आज फिल्मी फ्राइडे है और सिनेमा घरों में दो अलग कॉन्सेप्ट वाली फिल्में रिलीज़ हुई हैं. एक तरफ है सदी के महानायक अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर की फिल्म '102 नॉट आउट' है तो वहीं दूसरी तरफ इस फिल्म को टक्कर दे रही है अभिनेता राजकुमार राव की फिल्म 'ओमेर्टा'. अमिताभ की यह फिल्म बुजुर्गों के एकाकीपन की कहानी बयां करती है तो राजकुमार राव की फिल्म एक आतंकी की कहानी को अलग अंदाज़ में दर्शकों के सामने पेश करती है.

फिल्म- 102 नॉट आउट
निर्देशक- उमेश शुक्ला
स्टार कास्ट- अमिताभ बच्चन, ऋषि कपूर, जिमित त्रिवेदी
अवधि- 1 घंटा 45 मिनट
रेटिंग- 3.5/5
फिल्म की कहानी-
निर्देशक उमेश शुक्ला की फिल्म '102 नॉट आउट' बुजुर्गों के एकाकीपन की त्रासदी की कहानी है. इस फिल्म में 75 साल के बाबूलाल वखारिया (ऋषि कपूर) घड़ी की सुईयों के हिसाब से चलनेवाले एक सनकी बुजुर्ग हैं. जो अपने एनआरआई बेटे और उसके परिवार से पिछले 17 सालों से नहीं मिले हैं. हालांकि उनका बेटा हर साल मिलने का वादा तो करता है पर मिलता नहीं है.
उधर, बाबूलाल के 102 साल के पिता दत्तात्रेय वखारिया (अमिताभ बच्चन) एक ऐसे 102 साल का जवान हैं जो ज़िंदगी को ज़िंदादिली के साथ जीना पसंद करते हैं. एक दिन दत्तात्रेय अपने बेटे बाबूलाल के सामने कुछ शर्ते रखते हुए उसे वृद्धाश्रम भेजने की धमकी देते हैं. दरअसल वो अपने 75 साल के बेटे की जीवनशैली और सोच में इन शर्तों के ज़रिए बदलाव लाना चाहता हैं, लेकिन क्यों इसके लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी.
कैसी है फिल्म?
इस फिल्म के ज़रिए निर्देशक उमेश शुक्ला ने विदेश में रहने वाले एनआरआई बच्चों से मिलने के लिए तड़पने वाले माता-पिता तक एक भावनात्मक संदेश भी पहुंचाने की कोशिश की है. इस फिल्म का पहला हिस्सा थोड़ा धीमा है, लेकिन इसके दूसरे हिस्से में फिल्म अपनी रफ्तार पकड़ लेती है और क्लाइमेक्स आपको इमोशनल करने के साथ-साथ जीत की खुशी का एहसास भी करा जाता है.
एक्टिंग
इस फिल्म में अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर की जोड़ी क़रीब 27 साल बाद पर्दे पर साथ नज़र आ रही है. एक तरफ जहां दत्तात्रेय की भूमिका में अमिताभ बच्चन किरदार के नब्ज़ को पकड़ते हुए कभी दर्शकों को लुभाते तो कभी चौंकाते हुए नज़र आ रहे हैं तो वहीं बाबूलाल की भूमिका अदा कर रहे ऋषि कपूर ने भी अपने किरदार को बेहद सहजता और संयम के साथ निभाया है. एकाकीपन से लड़ते दो बुजुर्गों की मज़ेदार नोकझोंक आपको बेहद पसंद आएगी.
फिल्म- ओमेर्टा
निर्देशक- हंसल मेहता 
स्टार कास्ट- राजकुमार राव, टिमोथी रायन, केवल अरोड़ा, राजेश तेलांग
अवधि- 1 घंटा 36 मिनट
रेटिंग- 3.5/5
फिल्म की कहानी- 
राजकुमार राव लीक से हटकर बनी फिल्मों में काम करने से बिल्कुल भी पीछे नहीं हटते हैं. एक बार फिर निर्देशक हंसल मेहता की फिल्म में राजकुमार राव का अलग अंदाज़ देखने को मिल रहा है. फिल्म 'ओमेर्टा' के ज़रिए एक आतंकी की कहानी को कुछ अलग ढंग से पेश करने की कोशिश की गई है. बता दें कि ओमेर्टा एक इटैलियन शब्द है और ऐसे आतंकी के लिए इस शब्द का प्रयोग किया जाता है जो पुलिस के बेइंतहां ज़ुल्म के बाद भी नहीं टूटता.
फिल्म की कहानी साल 2002 की है. जब लंदन में रह रहा अहमद ओमार सईद शेख (राजकुमार राव) पत्रकार डेनियल पर्ल (टिमोथी रायन) की हत्या की कहानी को अपने शब्दो में बयां करता है. इस कहानी के ज़रिए हंसल मेहता ने यह दिखाने की सराहनीय कोशिश की है कि आखिर क्यों आज की भटकी हुई युवा पीढ़ी आंतकवादी संगठनों की ओर आकर्षित हो रही है. उन्हें आईएसआई जैसे आतंकवादी संगठनों में ऐसा क्या नज़र आता है जो वो अपने सिर पर कफ़न बांधकर इसमें शामिल हो जाते हैं.
फिल्म की शूटिंग-
फिल्म की कहानी के अनुसार, इसकी सारी शूटिंग आउटडोर लोकेशन्स पर की गई है. लंदन और भारत की लोकेशन्स पर शूट की गई इस फिल्म में पाकिस्तान दवारा चलाए जा रहे आतंकी कैंपेन को भी अच्छी तरह से पेश किया है. इस फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर भी ठीक ठाक है. इस फिल्म को देखने के बाद आप भी यही महसूस करेंगे कि एक खूंखार आतंकवादी को आपने बेहद क़रीब से समझा है.
एक्टिंग-
अगर एक्टिंग की बात करें तो एक आंतकी के किरदार को राजकुमार राव ने अपने लाजवाब अभिनय से जीवंत कर दिखाया है. इस फिल्म में दमदार अभिनय करके एक बार फिर राजकुमार राव ने ख़ुद को एक बेहतरीन और बेमिसाल एक्टर साबित किया है. वहीं टिमोथी रायन, केवल अरोड़ा, राजेश तेलांग जैसे कलाकारों ने अपने-अपने किरदार को बेहतरीन ढंग से पेश किया है.
बहरहाल, अगर आप इस वीकेंड भावनात्मक संदेश देनेवाली पारिवारिक फिल्म देखना चाहते हैं तो '102 नॉट आउट' देख सकते हैं और अगर लीक से हटकर एक आतंकी की कहानी से रूबरू होना चाहते हैं तो फिर 'ओमेर्टा' आपके लिए एक बेहतर विकल्प है.

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