इंफेक्शन व कई गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए एंटीबायोटिक का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन अगर एंटीबायोटिक्स का लगातार इस्तेमाल कई तरह के हेल्थ कॉम्प्लीकेशन का कारण बन सकता है. इसलिए बेहतर होगा कि नेचुरल एंटीबायोटिक्स (Best Natural Antibiotics) का इस्तेमाल किया जाए.

लहसुन
-लहसुन नेचुरल पेनकिलर होने के साथ-साथ एंटी-बायोटिक, एंटी-वायरल, एंटी-पैरासाइटल, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-फंगल और एंटी-ऑक्सीडेंट भी है. - अपनी इन्हीं ख़ूबियों के कारण यह लभगभ हर तरह के दर्द से छुटकारा दिलाता है. - यह हृदय के लिए बहुत लाभकारी होता है, इसीलिए हार्ट प्रॉब्लम्स में डॉक्टर रोज़ाना 2 लहसुन की कलियां खाने की सलाह देते हैं.हल्दी

लौंग
- नेचुरल पेनकिलर की ख़ूबियों से भरपूर लौंग में एंटीबायोटिक, एंटी-सेप्टिक, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-फंगल और एंटी-वायरल जैसे कई गुण होते हैं. - यह घर का ऐसा वैद्य है, जो दांत के दर्द, सिरदर्द, अस्थमा, पाचन संबंधी समस्याओं और रक्त में मौजूद अशुद्धियों को दूर करता है. - यह बहुत तेज़ होता है, इसलिए सेंसिटिव स्किनवालों को इसे इस्तेमाल करने की सलाह नहीं दी जाती.शहद
- रिसर्च में यह बात साबित हो चुकी है कि शहद मुंह के छालों से डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब क्रीम के मुक़ाबले 43 प्रतिशत जल्दी राहत दिलाता है. - इसके अलावा पेटदर्द, कटने, जलने आदि में बहुत कारगर सिद्ध होता है. - आयुर्वेद में शहद को पुरुषों में होनेवाली इंफर्टिलिटी को दूर करने के लिए इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है. - जिन पुरुषों का स्पर्म काउंट लो है, उन्हें रोज़ाना गुनगुने दूध में शहद मिलाकर पीने की सलाह दी जाती है.अदरक
- एक बेहतरीन पेनकिलर होने के साथ-साथ यह ऐसा एंटीबायोटिक्स है. - शरीर में पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करता है. - सांस संबंधी बीमारियों में भी काफ़ी कारगर हैै.
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