आप अपने कमरे में अकेले चाहे जैसे रहें या एकांत में अपने मित्र से चाहे जैसे बातें करें, लेकिन समूह में रहने और बातें करने के कुछ सामाजिक कायदे होते हैं, जिनका पालन करना पड़ता है. कई यूथ अति उत्साह या जोश-जोश में वाट्सऐप, फेसबुक या ग्रुप मैसेजिंग जैसे सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म पर नितांत व्यक्तिगत, अश्लील या आपत्तिजनक मैसेज, तस्वीरें या टिप्पणियां पोस्ट कर देते हैं, जो ग़लत है.

सोचें, समझें फिर टाइप करेंः किसी भी लिखित संदेश की भाषा बेहद संयत, संतुलित ओर शिष्ट होनी चाहिए. मैसेज टाइप या कॉपी पेस्ट करने से पहले उसकी भाषा और सामग्री पर गौर करें. किसी का अपमान करने, नीचा दिखाने, मज़ाक उड़ाने या अश्लील भाषा वाले संदेश कत्तई पोस्ट या शेयर न करें. इससे आप दूसरे ग्रुप मेंबर्स की नज़र में नीचे तो गिरेंगे ही, आप पर क़ानूनी कार्यवाही भी संभव है.
ग्रुप मेंबर की निजता का सम्मान करेंः हर ग्रुप में एक-दो मेंबर ऐसे भी होते हैं, जो ज़्यादा एक्टिव नहीं होते. ऐसा उनके अंतर्मुखी होने, व्यस्त होने या संकोची होने की वजह से हो सकता है. ऐसे मेंबर्स का सार्वजनिक रूप से मखौल उड़ाने या उनकी व्यक्तिगत बातों के दूसरे मेंबर्स को बताने की ग़लती न करें. आप भले ही ऐसा करके खुद को बहादुर समझें, मगर दूसरे मेंबर आपसे सहम जाएंगे और आपसे घुलने-मिलने से बचेंगे.

ऊबाऊ मेंबर न बन जाएंः कई मेंबर लम्बे-लम्बे टेक्स्ट मैसेज, लिंक या इमेज पोस्ट करते रहते हैं. जल्दी ही ऐसे लोगों से ग्रुप के व्यस्त मेंबर ऊबने लगते हैं, क्योंकि वाट्सऐप में इमेज या लिंक खुलने में वक्त लगता है और वैसे भी ज़्यादा लम्बे मैसेज या घिसे-पिटे चुटकुले पढ़ने, देवी-देवताओं और फूल-पत्तों की ईमेज डाउनलोड करने या तरह-तरह के लिंक खोलने में हर व्यक्ति की दिलचस्पी नहीं होती.
मैसेज की बौछार न कर देंः मिनट-मिनट में तस्वीरें, चुटकुले या मैसेज पोस्ट करने की प्रवृत्ति से बचें. बार-बार नोटिफिकेशन आने और एक ही व्यक्ति के मैसेज आने से लोगों को झुंझलाहट होती है. विशेषतया जब कोई व्यक्ति किसी मीटिंग में व्यस्त हो या ड्राइविंग कर रहा हो और बार-बार आपके मैसेज आएं, तो उसके मन में झट से एक ही बात आती है- यार! इसे कोई दूसरा काम-धाम नहीं है क्या? दिन भर फालतू ही बैठा रहते हैं क्या?
ग्रुप में समान पेशे या रुचि के लोगः अगर आप ग्रुप एडमिनिस्ट्रेटर हैं, तो ग्रुप बनाते समय ध्यान रखें कि उसमें एक समान पेशे वाले, एक जैसी हॉबी वाले या फिर ईष्टमित्र और रिश्तेदार हों. ग्रुप मेंबर एक-दूसरे को जाननेवाले होने चाहिए. अगर ग्रुप के कई मेंबर एक-दूसरे को जाननेवाले नहीं हों या खुले हुए न हों, तो ऐसे ग्रुप में औपचारिक मैसेज ही भेजने चाहिए.
कहीं ऐसे ग्रुप मेंबर तो नहीं आप?

हर वाट्सऐप ग्रुप में कुछ खास तरह के लोग ज़रूर होते हैं. ज़रा देखिए तो, आप भी कहीं ऐसे मेंबर तो नहीं-
गुड मॉर्निंग टाइपः ज़्यादातर ग्रुप मेंबर्स की नींद इन्हीं बंदों की बीप-बीप से खुलती है. ये भले ही खुद बिस्तर में पड़े रहते हों, लेकिन आपको जो जागेगा वो पाएगा, सोएगा सो खोएगा... गुड मॉर्निंग बॉस! अब उठ भी जाओ जैसे मैसेज भेजकर जगाने का ठेका लेकर रखते हैं. इसके बाद दिन भर इनका कोई अता-पता भी नहीं रहता.
घड़ी-घड़ी बदलें डीपीः ऐसे लोगों को कन्फ्यूजन कुछ ज़्यादा ही रहता है. कभी अपनी डिस्प्ले पिक्चर में भगवान जी, कभी पशु-पक्षी, कभी फूल, कभी अपनी ही अलग-अलग फोटो तो कभी सामाजिक संदेश लगाते रहेंगे, लेकिन ये कभी अपनी डीपी से संतुष्ट नहीं होते. ये आपको भी कन्फ्यूज कर देते हैं.
ज्ञानवाणी के प्रसारकः रेलवे के टोल फ्री नंबर, प्रधानमंत्री कार्यालय का डायरेक्ट ईमेल आई डी, एक कप पानी को दे मिनट से ज़्यादा गर्म न करें, अमुक रोग के ये लक्षण हैं... ये ना खाएं... ये न पीएं.....ज्ञानवाणी के प्रसारक दिन भर ऐसे ही मैसेज फॉरवर्ड करते रहते हैं. ये बात अलग है कि ये खुद ही इन्हें नहीं पढ़ते, बस आते ही फॉरवर्ड करके भूल जाते हैं.
नाक पर गुस्साः ये साहब ग्रुप मेंबर्स की हर बात में अपनी टांग ज़रूर अड़ाएंगे. टीका-टिप्पणी करेंगे, मीनमेख निकालेंगे, आलोचना करेंगे... लेकिन इन्हें कोई पलटकर माफिक जवाब दे दे, तो कपड़ों से बाहर हो जाएंगे और फिर कोई तीखी-सी टिप्पणी करते हुए ग्रुप को अलविदा कह देंगे. हां! ये अलग बात है कि एडमिन उन्हें अगली सुबह फिर से जोड़ लेगा, तोे चुपचाप जुड़ जाएंगे.
चुप्पा महाराजः ये मूक मेंबर होते हैं. इनके होने या न होने का पता महीने भर में कभी एकाध बार ही चलता है. इन्हें किसी अच्छे से अच्छे चुटकुले पर भी हंसना या स्माइली भेजना नहीं आता और न ही किसी अच्छे मैसेज पर प्रतिक्रिया देना आता है.
गंदे बंदेः इनमें संभवतः परिपक्वता की कमी होती है. भरे-पूरे ग्रुप में ये अश्लील, नॉनवेज जोक्स, न्यूड पिक्स या पोर्न वीडियो भेजने में ज़रा भी नहीं हिचकते. अक्सर ग्रुप मेंबर्स को इनकी वजह से शर्मसार होना पड़ता है. शिकायत करने या डपटने पर ये एकाध दिन ठीक रहते हैं, लेकिन फिर अपनी पुरानी पटरी पर चल पड़ते हैं.
ये तो वाट्सऐप एडिक्शन है
अगर आप वाट्सऐप का इस्तेमाल उपयोगी मैसेज या तस्वीरों के आदान-प्रदान के लिए करती हैं या अपने मित्रों व परिजनों के साथ जुड़े रहने के लिए करती हैं, तो अच्छी बात है. नई तकनीक और नए संवाद माध्यमों से वाकिफ रहना और उनका उपयोग करना ज़रूरी भी है, लेकिन अगर आपको इसका नशा लग गया है, तो एलर्ट हो जाएं, वरना आप अनजाने में ही अपना ढेर सारा क़ीमती और प्रोडक्टिव टाइम बरबाद कर बैठेंगी. निम्नलिखित लक्षण से आप जान सकती हैं कि कहीं आपको वाट्सऐप एडिक्शन तो नहीं है.
- आप सुबह वाट्सऐप नोटिफिकेशन के साथ उठती हैं.
- आप कई ग्रुप्स की मेंबर हैं और कभी-कभी ग़लती से दूसरे ग्रुप को मैसेज भेज देती हैं.
- कोई आपके मैसेज का एक-दो मिनट में जवाब न दे, तो आप परेशान हो उठती हैं.
- आपने वाट्सऐप नोटिफिकेशन को वाइब्रेटर पर भी सेट कर रखा है और हर दस सेकंड में बीप-बीप की आवाज़ भी आती रहती है.
- किसी परिचित के पास वाट्सऐप नहीं है, तो आप उसे पिछड़ा मानती हैं और उसके पिछड़ेपन का मज़ाक उड़ाती हैं और खीझ उठती हैं.
- आपने अपने होम स्क्रीन, दूसरे ऐप्स और फोल्डर्स तक में वाट्सऐप का शॉर्टकट डाल रखा है.
- जब भी आप कोई तस्वीर लेती हैं, तो उसे वाट्सऐप पर ज़रूर शेयर करती हैं.
- नज़दीक बैठे फ्रेंड्स या परिजनों को भी वाट्सऐप पर मैसेज भेजती हैं.
- शिखर चंद जैन