क्या आप भी पीरियड्स के दौरान तेज दर्द से परेशान रहती हैं, तो पेनकिलर खाने के बजाय ये योगासन ट्राई करें. इससे आपको पीरियड के दर्द में तो राहत मिलेगी ही, आप बेहतर भी महसूस करेंगी.
कुछ महिलाओं को पीरियड्स के दौरान असहनीय दर्द होता है. दर्द से राहत पाने के लिए वो पेनकिलर लेती हैं, लेकिन ज़्यादा पेनकिलर्स खाने से पीरियड्स की साइकिल प्रभावित हो सकती है. ऐसे में ये कुछ आसान योगासन हैं जिनकी मदद से पीरियड्स में होने वाले दर्द को कम किया जा सकता है.
1. सुखासन

- सुखासन एक आरामदायक योग आसन है जो दर्द को कम करने में मदद कर सकता है.
- आरामदायक मुद्रा में पालथी मारकर बैठें और सांस लें, पेट से गहरी सांस लें.
- यह शरीर को ताज़गी देता है और दर्द को कम करता है.
2. भ्रामरी प्राणायाम

- भ्रामरी प्राणायाम आसान सांस लेने का एक उपाय है जो दर्द को कम कर सकता है.
- सुखासन या आरामदायक मुद्रा में बैठें.
- आंखें बंद करें. अपनी तर्जनी उंगलियों से अपने कानों को बंद करें और बाकी उंगलियां अपनी आंखों और माथे पर रखें.
- नाक से सांस लें और मुंह से सांस लेते हुए हम्म्म जैसी मधुमक्खी के भिनभिनाहट जैसी आवाज़ निकालें.
- सांस छोड़ने के दौरान ध्वनि पर ध्यान केंद्रित करें और शरीर में होनेवाले कंपन को महसूस करें.
- इससे मस्तिष्क शांत होता है और दर्द से राहत मिलती है.
3. कटिचक्रासन
- कटिचक्रासन एक योग आसन है जो पेट और कमर की मांसपेशियों को मजबूत करता है और दर्द को कम कर सकता है.
- सीधे खड़े हो जाएं और पैरों को कंधे की चौड़ाई जितना खोलें.
- हाथों को सामने की ओर उठाएं और हथेलियों को एक-दूसरे के सामने रखें.
- सांस छोड़ते हुए कमर से दाईं ओर मुड़ें, हाथों को दाईं ओर ले जाएं, और पैरों को स्थिर रखें.
- बाईं हाथ से दाएं कंधे को छूने की कोशिश करें, नजर दाएं हाथ के अंगूठे पर रखें.
- जितनी देर हो सके इस स्थिति में रुकें. सांस लेते हुए धीरे-धीरे पूर्वावस्था में आएं.
- अब बाईं ओर से भी यही प्रक्रिया दोहराएं.
4. वज्रासन

- घुटनों के बल बैठ जाएं, अपनी जांघों को ऊपर उठाएं और पैर की उंगलियों को पीछे की ओर रखें.
- एड़ियों पर बैठें. ध्यान रखें कि पैर की उंगलियां एक-दूसरे को छू रही हैं.
- पीठ को सीधा रखें, छाती को ऊपर उठाएं और ठुड्डी को थोड़ा नीचे करें. अपनी हथेलियों को घुटनों पर रखें, अपनी उंगलियों को फैलाकर रखें.
- अपनी आंखें बंद करें और अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें. जितनी देर हो सके, इस स्थिति में रहें.
- वज्रासन पेट में उत्पन्न होने वाले गैस को कम करता है और दर्द को कम करता है.
- इससे पेट में सूजन कम होती है और दर्द में सुधार होता है.
5. शवासन

- शवासन एक आरामदायक योग आसन है जो दर्द को कम कर सकता है और मानसिक तनाव को दूर कर सकता है.
- सीधे लेट जाएं और आराम से सांस लें.
- इससे शारीरिक और मानसिक ध्यान में सुधार होता है और दर्द कम होता है.
6. उपविष्ट कोणासन

- अपने पैरों को फैलाकर बैठें. पीठ को सीधा रखें.
- धीरे-धीरे आगे झुकें, अपने पैरों को छूने की कोशिश करें.
- अपनी हैमस्ट्रिंग और आंतरिक जांघों को खींचें.
- सांसों पर ध्यान दें और धीरे-धीरे अपने शरीर को मुद्रा में ढीला करें.
- 30 सेकंड से 2 मिनट तक मुद्रा में रहें, या आपकी क्षमता के अनुसार रहें.
- उपविष्ट कोणासन पेट के संक्रमण को दूर करने में मदद करता है और दर्द में राहत दिलाता है.
7. मलासन

- अपने पैरों में थोड़ा गैप करके खड़े हो जाएं.
- अपने घुटनों को मोड़ें और मल त्याग करने की मुद्रा में बैठ जाएं.
- अपने हाथों को छाती के सामने नमस्कार मुद्रा में रखें.
- कुछ देर तक इस मुद्रा में रहें और सांस लें और छो़ड़ें.
- धीरे-धीरे पूर्वावस्था में आ जाएं..
- मलासन पेट की समस्याओं को दूर करता है और दर्द को कम कर सकता है.
- इससे पेट में सूजन कम होती है और दर्द में आराम होता है.
8. मार्जरी आसन

- फर्श पर घुटने टेककर हाथों को कंधों के नीचे रखें, जैसे बिल्ली बैठी हो.
- श्वास लेते हुए सिर को ऊपर उठाएं, रीढ़ की हड्डी को नीचे की ओर झुकाएं और पेट को ढीला छोड़ें.
- श्वास छोड़ते हुए सिर को नीचे की ओर झुकाएं, रीढ़ की हड्डी को ऊपर की ओर उठाएं और पेट को अंदर की ओर खींचें.
- इस प्रक्रिया को कुछ बार दोहराएं.
- मार्जरी आसन पीठ और पेट की मांसपेशियों को मज़बूत करता है और दर्द को कम करता है.
- इससे पीठ मजबूत होती है और दर्द में सुधार होता है.
9. शीर्षासन

- घुटनों के बल समतल जगह पर बैठ जाएं.
- कोहनियों को जमीन पर टिका दें. दोनों हाथों की उंगलियों को इंटरलॉक कर लें.
- सिर को हाथों के बीच में सावधानी से रखें.
- सांस समान्य रखते हुए दोनों पैरों को एक साथ उठाएं.
- शरीर का वज़न सिर पर लें और पूरे शरीर को उठा लें यानी सिर ज़मीन पर और पैर ऊपर की ओर हवा में सीधे.
- इसी स्थिति में पांच बार सांस लें व छोड़ें. धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आ जाएं.
- इससे शरीर का रक्त संचार सुधारता है और दर्द में आराम मिलता है.
10. विपरीत करणी
- योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं.
- सांस लेते हुए दोनों पैरों को ऊपर उठाएं. अपर बॉडी को मैट पर रखना है.
- पैरों को 90 डिग्री तक ऊपर उठाएं.
- कंफर्टेबल पोजीशन के लिए अपने हिप्स के नीचे तकिया और कंबल मोड़कर रख लें.
- इस पोजीशन में कम से कम 5 मिनट के लिए रुकें, फिर पूर्वावस्था में आ जाएं.
- इस आसन से शरीर को आराम मिलता है और दर्द होता है.