
कंगना रनौत ने आज 'राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस' पर इससे जुड़े कार्यक्रम में सम्मिलित होकर सभी बुनकरों व कारीगरों के कार्यों की सराहना की. वे गर्वित भी हुईं कि उन्हें इस तरह के उल्लेखनीय कार्य करने वालों की मेहनत, हुनर को क़रीब से जानने का मौक़ा मिला.

उन्होंने अपने सोशल मीडिया के इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपनी भावनाओं को बयां करते हुए कहा-
आज भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित 11वें 'राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस' के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्रिय मंत्री श्री गिरिराज सिंह जी सहित अनेक गणमान्य जनों के साथ सम्मिलित होकर गर्व की अनुभूति हुई.
यह दिन उन बुनकरों और कारीगरों को समर्पित है, जिनकी कला, परंपरा और मेहनत से भारत की सांस्कृतिक विरासत जीवंत है. माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा बुनकरों को सशक्त बनाने के जो प्रयास किए जा रहे हैं, वे वास्तव में ‘vocal for local' से ‘Global Recognition' की दिशा में एक सशक्त कदम है.
आइए, हम अपने स्थानीय कारीगरों के परिश्रम को सम्मान दें, हैंडलूम उत्पादों को प्राथमिकता दें और अपनी समृद्ध विरासत को अगली पीढ़ियों तक पहुंचाएं.

कंगना रनौत ने हथकरघा यानी हैंडलूम से जुड़े बुनकरों की न केवल हौसलाअफ़जाई की, बल्कि देश के विकास में उनके प्रशंसनीय योगदान की भी सराहना की.

इस पोस्ट के साथ साउंड ऑफ ईशा- देश के सुमधुर संगीत के साथ उन्होंने उपरोक्त कार्यक्रम से जुड़ी कई तस्वीरें भी साझा कीं. जहां कहीं वे हथकरघा सीख रही हैं, तो कहीं गिरिराज जी से उनके अनुभवों को समझ रही हैं. कहीं कारीगरों को सम्मानित करते हुए वे ख़ुद भी गौरवान्वित महसूस कर रही हैं.

इस प्रोग्राम में हरे रंग की ख़ूबसूरत साड़ी के साथ लाल रंग के ब्लाउज़ में उनकी पर्सनैलिटी निखर-निखर रही है. फैंस ने भी उनके लुक और वर्क पर जमकर कमेंट्स किए.


जब से कंगना अपने होम टाउन मंडी से जीती हैं, तब से स्थानीय लोगों के लिए बढ़-चढ़कर काम कर रही हैं. इन दिनों हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदाएं भी ख़ूब हो रही हैं. इसे लेकर लोगों की मदद करना, उनकी बात संसद में रखना, पीड़ित लागों से मिलना, वहां का दौरा करना आदि उनका बदस्तूर जारी है.



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