बॉलीवुड के आइडियल कपल कहे जाते हैं शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) और गौरी खान (Gauri Khan). दोनों ने साल 1991 में शादी की थी, इंटरफेथ मैरेज होने की वजह से लोगों को लगा था इनका रिश्ता ज़्यादा टिक नहीं पाएगा. लेकिन 37 सालों से वे दुनिया के लिए आइडियल कपल बने हुए हैं. दोनों ने कभी अपने अपने धर्म को एक दूसरे पर थोपने की कोशिश नहीं की और एक दूसरे के धर्म का उतना ही सम्मान करते हैं. दीवाली की पूजा से लेकर पति के इस्लामी रीति-रिवाजों को समझने तक गौरी और किंग खान ने हमेशा बैलेंस मेंटेन किया है और उनकी हैप्पी मैरिड लाइफ का यही सीक्रेट भी है.

इस शादी से गौरी (Gauri Khan) के माता-पिता खुश नहीं थे. इसके चलते उन्होंने शाहरुख (Shah Rukh Khan) का नाम बदलकर अभिनव रखने की भी प्लानिंग कर ली थी, लेकिन बाद में उन्हें ये बचकाना लगने लगा. शादी के टाइम पर भी उन्हें चिंता थी कि कहीं गौरी शादी के बाद इस्लाम कबूल न कर लें. गौरी ने अपने एक इंटरव्यू में ये इस बात का ज़िक्र किया था कि उस समय उनके पैरेंट्स इस शादी के एकदम खिलाफ थे. उन्होंने कहा था, "हर इंसान को अपने धर्म का सम्मान करने और उसका पालन करने का हक है, बशर्ते किसी के विश्वास का अपमान न हो. जैसे शाहरुख मेरे धर्म का अनादर नहीं करते, वैसे ही मैं भी उनके धर्म का सम्मान करती हूं. ये सोच हमारे रिश्ते को और मजबूत बनाती है. त्योहारों के समय ये बैलेंस और भी खास हो जाता है. मैं घर में दीवाली की मनाती हूं हतो ईद की तैयारी शाहरुख करते हैं. मेरे बच्चे दोनों त्योहार पूरे दिल से मनाते हैं."

गौरी हमेशा कहती हैं कि वे शाहरुख के धर्म का सम्मान करती हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वह इस्लाम अपना लें.

शाहरुख खान ने भी 2013 में अपने एक इंटरव्यू में इस मुद्दे पर बात की थी. उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा था कि कभी-कभी उनके बच्चे इन दो धर्मों के माहौल में थोड़ा कन्फ्यूज हो जाते हैं. तब वे उन्हें हंसाते हुए कहते हैं कि सबसे पहले वे भारतीय हैं और उनकी असली पहचान इंसानियत है. इस तरह वे माहौल को हल्का बना देते हैं और बच्चों को एक खुले तौर पर सोचना सिखाते हैं.
