प्रोटीन से भरे फूड
अगर आप नॉन-वेजिटेरियन हैं तो अपनी डाइट में चिकन, अंडा और मछली शामिल करें. वेजिटेरियन हैं तो प्रोटीन से भरपूर फूड्स, जैसे- अनाज, बादाम, बीन्स और डेयरी प्रोडक्ट्स खाएं.
कम नमक और सोडियम
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखने के लिए एक व्यक्ति को रोज़ाना 2,300 मिलिग्राम्स सोडियम की ज़रूरत होती है. शरीर में नमक और सोडियम की मात्रा को बैंलेस करने के लिए फास्ट फूड और फ्रोज़न फूड न खाएं. अपनी डाइट में कम सोडियम वाले पदार्थ, जैसे- नारियल पानी, करेला, चिकन, मछली, बिना नमक वाले नट्स आदि शामिल करें.
कम फास्फोरस
खाने में ज़्यादा फास्फोरस का सेवन हड्डियों में कैल्शियम की मात्रा को कम करते जाता है, जिस वजह इनके टूटने का ख़तरा ज़्यादा रहता है. इससे बचने के लिए ताज़े फल और सब्ज़ियां, चावल आदि को खाएं. वहीं, बीन्स, डेयरी प्रोडक्ट्स, चॉकलेट, दाल आदि का सेवन सीमित मात्रा में करें.
लिक्विड का सेवन
शरीर से नुक़सानदायक चीज़ें बाहर निकालनेके लिए किडनी को तरल माध्यमकी ज़रूरत होती है. इसके लिए दिनभर में कम से कम डेढ़ से दो लीटर पानी पीना ज़रूरी है. शारीरिक रूप से ज्यादा सक्रिय रहने वालों को इससे भी ज़्यादा पानी पीना चाहिए. साथ ही अन्य तरल चीज़ें जैसे जूस आदि का सेवन करें. अगर कोई डायलिसिस करवाते हैं तो उन्हें कम पानी की बहुत ज़्यादा ज़रूरत होती है.
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इन बातों का भी रखें ख़्याल
. ज़्यादा पेन किलर्स का सेवन करने से भी किडनी पर बुरा असर पड़ता है. अतः पेन किलर्स का कम से कम सेवन करें.
. अगर आपको किडनी की कोई बीमारी या शिकायत है तो आप रात को सोते व़क्त कुछ मुनक्कों को पानी में भिगोकर रखें. फिर सुबह के समय में मुनक्कों को पानी से निकालकर, इस पानी को पीना पीएं. ऐसा कुछ दिनों तक लगातार करने से गुर्दे के रोग जल्दी ही ठीक हो जाते हैं.
. ख़ून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाने से डायबिटीज जैसी बीमारियों का ख़तरा तो बढ़ता ही है, साथ ही इससे किडनी की आंतरिक नलिकाएं भी नष्ट हो सकती हैं. अगर इन नलिकाओं को नुक़सान पहुंच जाता है तो वे रक्त को ठीक से फिल्टर नहीं कर पातीं इसलिए हेल्थी किडनी के लिए ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रण जरूरी है.
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