ब्लड प्रेशर की दवा
जब हम सोते हैं तो हमारा ब्लड प्रेशर 10 से 20 प्रतिशत तक कम हो जाता है, लेकिन आमतौर पर हाई ब्लड प्रेशर व 55 वर्ष से अधिक उम्रवालों के ब्लड प्रेशर में गिरावट नहीं आती है. नतीजतन सोते समय स्ट्रोक व हार्ट अटैक का ख़तरा बढ़ जाता है. हाल ही में स्पेन में हुए अध्ययन से सिद्ध हुआ है कि जो लोग रात में सोने से पहले हाई ब्लड प्रेशर की दवा खाते हैं, उन्हें हार्ट अटैक व स्ट्रोक होने का ख़तरा 33 फ़ीसदी तक कम होता है. शोधकर्ताओं के अनुसार, रात के समय ब्लड प्रेशर कम करने की दवा लेने से हमारी आर्टरीज़ को आराम मिलता है. अतः हाई ब्लड प्रेशर की दवा रात में सोने से पहले लें.
हाई कोलेस्ट्रॉल की दवा
लिवर में कोलेस्ट्रॉल का प्रोडक्शन रात में दिन, विशेषकर दोपहर की तुलना में ज़्यादा होता है. यही वजह है कि कोलेस्ट्रॉल की दवाएं रात में ग्रहण करने से ज़्यादा फ़ायदा मिलता है. अतः इन्हें रात में सोने से पहले खाना चाहिए.
हार्टबर्न की दवा
रात में 10 बजे से लेकर 2 बजे तक हमारा पेट सबसे ज़्यादा एसिड प्रोड्यूस करता है. अगर आप एसिड को कम करने वाली एचटू मेडिसिन्स लेते हैं, तो इसे खाने से 30 मिनट पहले ग्रहण करें. ऐसा करने से रात के समय बननेवाले एसिड को नियंत्रित करने में ज़्यादा मदद मिलती है.
आस्टियोआर्थराइटिस की दवा
इस बीमारी में अलग-अलग लोगों को अलग-अलग समय पर दर्द, सूजन इत्यादि की समस्या होती है. फ्रेंच शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, आस्टियोआर्थराइटिस में ली जानेवाली दवाओं को दर्द शुरू होने के छह घंटे पहले ग्रहण करना चाहिए. इसलिए यदि आपको दोपहर के समय ज़्यादा दर्द होता है, तो सुबह दवा खाएं. इसी तरह यदि रात के समय दर्द उभरता है तो दोपहर में दवा ग्रहण करें.
एलर्जी की दवा
एलर्जी के लिए ली जानेवाली एंटी हिस्टामाइन्स टैबलेट्स लेने से नींद आती है. ऐसे में दिन के समय ग्रहण करने से काम करने में द़िक्क़त हो सकती है. अतः एलर्जी की दवाएं रात में ग्रहण करें.
डिप्रेशन की दवा
डिप्रेशन व स्ट्रेस को दूर करने के लिए ली जानेवाली एंटी डिप्रेसेंट से बहुत से लोगों को नींद आती है. इसलिए इसे सोने से पहले लेना बेहतर होता है.
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पेप्टिक अल्सर की दवा
रात के समय पेट में एसिड का लेवल बैलेंस रहता है, जिससे एंटी अल्सर दवाओं को हील करने में ज़्यादा मदद मिलती है. अतः रात के समय ही अल्सर की दवाएं लें.
हे फीवर की दवा
यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोरैडो द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, हे फीवर में नाक बंद होने व छींकने की समस्या सुबह के समय ज़्यादा होती है. इसलिए इसकी दवा रात में 7 से 9 बजे के बीच लेनी चाहिए, ताकि दवा रात के बाद असर दिखा सके.
अल्सर की दवा
एंटी-अल्सर मेडिसिन रात में 10 बजे के आसपास लेनी चाहिए. दिन के समय स्टमक एसिड का लेवल ऊपर-नीचे होते रहता है. अल्सर के लक्षण सुबह-सुबह ज़्यादा उभरते हैं ऐसे में रात के समय अल्सर की दवा लेने से यह ज़्यादा असरकारी होता है.
रूमेटाइड आर्थराइटिस की दवा
कई अध्ययनों से सिद्ध हुआ है कि रूमेटाइड आर्थराइटिस से पीड़ित लोगों को सुबह के समय सबसे ज़्यादा तकलीफ़ होती है. इसलिए शाम के समय दवा लेने से रातभर में दर्द बढ़ने की प्रक्रिया को रोका जा सकता है.
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