सोनू सूद को लोग आजकल एक मसीहा के रूप में देखते हैं, लॉकडाउन के दौरान जो उन्होंने लोगों की मदद करनी शुरू की वो अब एक अलग ही स्तर पर पहुंच चुकी है और सोनू के लिए ये अब उनकी ज़िंदगी का मक़सद बन गया है. यहां तक कि सोनू ने अपनी प्रॉपार्टीज़ भी गिरवी रखकर दस करोड़ का लोन भी लिया ताकि वो खुले दिल से लोगों की मदद कर सकें. ऐसे में सोनू के ख़िलाफ़ पुलिस में भला शिकायत क्यों की गई?
दरअसल BMC का आरोप है कि सोनू ने नियमों का उल्लंघन कर रिहायशी इमारत को होटेल में तब्दील कर दिया है. BMC ने जुहू पुलिस थाने में अपनी शिकायत दर्ज कराई है कि सोनू ने बिना ज़रूरी इजाज़त के छह मंज़िला रिहायशी इमारत को होटेल में बदल दिया है. ये इमारत एबी नायर रोड की शक्ति सागर बिल्डिंग है.
BMC ने पुलिस से लिखित शिकायत कर मांग की है कि सोनू के खिलाफ MRTP यानी महाराष्ट्र रीजन ऐंड टाउन प्लानिंग ऐक्ट के तहत ऐक्शन लिया जाना चाहिए. यह एक दंडनीय अपराध है. वहीं सोनू सूद ने भी मामले पर प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि उन्होंने पहले ही बीएमसी से यूज़र चेंज के लिए परमिशन ली थी. लेकिन BMC का कहना है कि सोनू ने रेज़िडेंशियल बिल्डिंग को कमर्शियल पर्पस के लिए यूज़ किया है और वो भी बिना किसी इजाज़त व मंज़ूरी के. सोनू ने ज़मीन के इस्तेमाल में बदलाव की कोई परमिशन ही नहीं ली.
BMC का यह भी आरोप है कि सोनू ने इस मामले में भेजे गए नोटिस को भी नज़रंदाज़ कर कोई जवाब नहीं दिया. बताया जा रहा है कि सोनू ने नोटिस के ख़िलाफ़ मुंबई सिविल कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी, लेकिन उन्हें अंतरिम राहत नहीं मिली थी. कोर्ट ने सोनू को हाई कोर्ट में अपील करने के लिए जो वक्त दिया था वो भी ख़त्म हो चुका है, इसलिए अब ये शिकायत दर्ज कराई गई है, क्योंकि सोनू ने एमआरटीपी ऐक्ट के सेक्शन 7 को फॉलो नहीं किया है, जो दंडनीय अपराध है. इसलिए बीएमसी ने पुलिस में केस दर्ज कारकर उचित कार्रवाई की मांग की है, वहीं पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और अब वो ज़रूरी जांच के बाद जो भी क़ानून के मुताबिक़ सही होगा वो ऐक्शन लेगी.
ग़ौरतलब है कि सोनू सूद ने कोरोना के कारण देश में लॉकडाउन के दौरान अपनी छह मंजिला इमारत को स्वास्थ्य कर्मचारियों के क्वारंटीन की सुविधा के लिए खोला था, लेकिन अब शिकायत यह है कि सोनू ने इस प्रॉपर्टी को रेज़िडेंशियल पर्पस के लिए लिया था तो इसको वो अब होटेल में तब्दील कर कमर्शियल पर्पस के लिए यूज़ कर रहे हैं वो भी बिना ज़रूरी परमिशन के.
सोनू सूद अब इस पूरे मामले के ख़िलाफ़ हाई कोर्ट जाएंगे क्योंकि उनका कहना है कि उन्होंने BMC से इजाज़त ली थी और वो सिर्फ़ महाराष्ट्र कोस्टल ज़ोन मैनेजमेंट अथॉरिटी की परमिशन के इंतज़ार में थे जो कि लॉकडाउन के चलते अधर में रह गई थी, इसलिए मेरी तरफ़ से कोई अनियमितता नहीं हुई है, मैं क़ानून का हमेशा पालन करता रहा हूं और यह होटेल कोरोना वॉरीअर्स के लिए इस्तेमाल किया गया था, यदि अभी महाराष्ट्र कोस्टल ज़ोन मैनेजमेंट अथॉरिटी की परमिशन नहीं मिलती है तो मैं इसे रिहायशी इमारत यानी रेज़िडेंशियल स्ट्रक्चर में रीस्टोर यानी पुनर्स्थापित कर दूंगा. फ़िलहाल मैं BMC की शिकायत के ख़िलाफ़ बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील कर रहा हूं.
photo Courtesy: Instagram