सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या से अभी भी उनके फैन्स उभर नहीं पाए हैं. काम की कमी और गुटबाज़ी का शिकार होनेवाले सुशांत जैसे टैलेंटेड और पॉप्युलर एक्टर का जाना सभी को खल रहा है. बॉलीवुड में ऐसे कई टैलेंटेड ऐक्टर्स हैं, जिनकी धमाकेदार शुरुआत के बावजूद वो इंडस्ट्री में कुछ ख़ास नहीं कर पाए. टैलेंटेड होने के बावजूद काम की कमी ने इन एक्टर्स को स्ट्रगल करने पर मजबूर कर दिया. कौन से हैं वो एक्टर्स जो शुरुआती दौर में सफलता का स्वाद चखने के बाद काम न मिलने से अचानक स्ट्रगल करने लगे.
बॉबी देओल
फ़िल्म बरसात की रिलीज़ के बाद रातोंरात स्टार बने बॉबी देओल को देखकर हर किसी को यही लगता था कि बॉलीवुड का नया सुपरस्टार आ गया है. बॉबी की लोकप्रियता उस समय चरम पर थी. लड़कियां उनके लुक्स की दीवानी थीं, तो लड़के उनके स्टाइल के. उनकी अदाकारी ने दर्शकों को अपना दीवाना बना दिया था, लेकिन कुछ समय तक बड़े बड़े बैनर्स में काम करने के बावजूद बॉबी को वो स्टारडम वापस नहीं मिला. बॉबी देओल के ख़िलाफ़ भी गुटबाज़ी ऐसी हुई कि उन्हें अच्छी अच्छी फिल्में मिलते मिलते रह गईं. एक इंटरव्यू में बॉबी ने बताया था कि फ़िल्म जब वी मेट पहले मुझे ऑफर हुई थी, लेकिन करीना कपूर के कहने पर यह फ़िल्म उनके बॉयफ्रेंड शाहिद कपूर को मिल गई थी. स्टारडम खोने का झटका बॉबी को भी लगा था और इसीलिए उन्होंने ख़ुद को शराब में डुबोने की भी कोशिश की. एक समय ऐसा भी आया था, जब बॉबी को लगा कि वो पूरी तरह एल्कोहलिक हो जाएंगे.
विवेक ओबेरॉय
कंपनी जैसी सुपरहिट फिल्म देनेवाले विवेक ओबेरॉय को देखकर क्रिटिक्स भी यही कहते हैं कि वो ऐसे स्टार हैं, जो सुपरस्टार बनते बनते रह गए. डेब्यू फिल्म कंपनी में मिली अपार सफलता के बाद फ़िल्म साथिया ने विवेक को लोकप्रियता की बुलंदियों तक पहुंचा दिया. लड़कियां नए नए चॉकलेट बॉय बने विवेक के लिए क्रेज़ी थीं. लेकिन सलमान खान के साथ उनके पर्सनल विवाद के चलते उन्हें काम मिलना बंद हो गया. बॉलीवुड के साथ ही विवेक ने साउथ इंडियन मूवीज़ में भी खलनायक की भूमिका निभाई, पर आज भी वो स्ट्रगल ही कर रहे हैं.
अभय देओल
फ़िल्म 'सोचा ना था' जैसी बेहतरीन फ़िल्म से बॉलीवुड में एंट्री करनेवाले अभय देओल को भी दर्शकों से काफ़ी सराहना मिली. फिल्म देव डी के बाद उन्हें ज़्यादातर फिल्मों में सपोर्टिंग ऐक्टर का ही किरदार मिला. हाल ही में सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद नेपोटिज़्म और बॉलीवुड की गुटबाज़ी के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाते हुए अभय देओल ने कहा भी था कि ज़िंदगी ना मिलेगी दोबारा में उनके किरदार को सभी अवॉर्ड फंक्शन्स में लीड से हटाकर सपोर्टिंग कर दिया गया था, क्योंकि उनके मुताबिक ऋतिक रोशन लीड और बाकी के दोनों एक्टर्स सपोर्टिंग में थे. अभय ने एक बार कहा भी था कि जिस तरह की फिल्में मैं करना चाहता हूं, वैसी मुझे मिल ही नहीं रहीं. हाल ही में वो वेब सीरीज़ चॉपस्टिक में नज़र आए थे. हालांकि अभय देओल की फिल्में कमर्शियली बहुत ज़्यादा हिट नहीं हुई थीं, पर बतौर एक्टर उनके काम और अदाकारी को हमेशा सराहा गया.
दीया मिर्ज़ा
साल 2000 में मिस एशिया पैसिफिक का ब्यूटी टाइटल जीतनेवाली दीया वाकई बेहद ख़ूबसूरत हैं. रहना है तेरे दिल में जैसी कामयाब फ़िल्म देने के बाद दीया मिर्ज़ा की तुलना बाकी ब्यूटी टाइटल जीतनेवाली लारा दत्ता और प्रियंका चोपड़ा से की जा रही थी, जहां दीया उनके मुकाबले काफ़ी स्ट्रॉन्ग मानी जाती थीं. लेकिन उसके बाद धीरे धीरे सपोर्टिंग एक्ट्रेस का किरदार निभाने के बाद अचानक से उन्हें काम मिलना बंद हो गया. दीया से जब एक इंटरव्यू में पूछा गया था, तो उन्होंए कहा था कि अगर मैं कहूं कि मुझे स्टारडम चले जाने से फ़र्क नहीं पड़ता, तो वो झूठ होगा.
इमरान खान
फ़िल्म जाने तू या जाने ना से बॉलीवुड में डेब्यू करनेवाले इमरान खान उस समय बॉलीवुड के अगले स्टार माने जा रहे थे. इमरान के अचानक से कई फ्रेंड्स हो गए थे, लेकिन जैसे ही उनकी अगली फिल्में अच्छा नहीं कर पाई, तो सभी गायब हो गए.
आफ़ताब शिवदसानी
फ़िल्म मस्त से बॉलीवुड में मस्त डेब्यू करनेवाले आफ़ताब ने रातोंरात पॉप्युलैरिटी हासिल कर ली. उनके चार्म और एक्टिंग की हर तरफ़ तारीफ़ें हो रही थीं. बेस्ट मेल डेब्यू का अवॉर्ड और मोस्ट प्रॉमिसिंग मेल एक्टर का अवॉर्ड जीतनेवाले आफ़ताब ने सोचा भी नहीं था कि उनकी धमाकेदार शुरुआत के बावजूद उनके लिए काम का अकाल पड़ जाएगा.
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