प्रभु इतनी सद्बुद्धि देना हमें उज्जवल सबकी दिवाली हो कोई न घायल या बीमार पड़े कल भी घर में ख़ुशहाली…
अगले दिन, दिन चढ़ने पर रंगोली के रंग एक-दूसरे पर चढ़े हुए कुछ बदरंग से दिखे. दीयों से तेल सूख…
चित्रकारों के सामने समस्या यह थी कि एक आंख न होने पर चित्र सुन्दर नहीं लगेगा और ग़ुस्से में राजा…
आप हर वक़्त मुझे मेरे फर्ज़ और कर्तव्य की याद दिलाते रहे, लेकिन कभी यह जानने की ज़रूरत नहीं समझी…
उस पहाड़ी नज़र ने उसके इश्क़िया अंदाज़ को भांप लिया और उस चाय बेचनेवाले युवक से उसको संदेश भिजवाया और…
सुनो-सुनो मज़े की एक कहानी उस दुनिया की जो हुई सयानी है कुछ साल पहले की बात दिवाली के कुछ…
पक्षी को देख कर साफ़ लग रहा था कि उसने उड़कर जान बचाने की कोशिश नही की थी. यह देखकर…
सामने दलिया या खिचड़ी के आते ही तलाशने लगती उसकी सूखी आंखें अचार के किसी मर्तबान या स्टोर रूम के…
जीवन की आपाधापी में शौक सिंगार का सोया सा फिर पुलक उठा, मुस्काया सखी फिर करवा चौथ आया दीवान के…
''सिया उठो, सरगी का टाइम हो गया, मां बुला रही हैं.'' मैंने जान-बूझकर करवट ले ली. मन ही मन भगवान…