कलाकार: देव पटेल, अनुपम खेर, जेसन आईसेक, आर्मी हेमर, नाजनीन बोनिडी, विपिन शर्मा, नताशा
निर्देशक: एंथोनी मारस
स्टारः 3.5
कहानीः यह फिल्म 26 नवंबर 2008 में मुंबई के पांच सितारा होटल ताज पर हुए आतंकवादी हमले पर आधारित है. इस आतंकवादी हमले में होटल के स्टाफ सहित होटल के मेहमान, स्टाफ और मुंबई पुलिस ने अपनी जाने गंवाई थीं. इसके साथ ही इस फिल्म में 26 नवंबर के ही दिन हुई छत्रपति शिवाजी स्टेशन और लियोपोल्ड कैफे में हुए आतंकी हमले को भी कुछ हद तक दिखाया गया है. फिल्म की कहानी की शुरुआत होती है लश्क ए तैयबा के 10 आतंकी मुंबई के तट पर पहुंचने से. मुंबई पहुंचकर ये आतंकी अपने टारगेट के लिए निकल जाते हैं. दूसरी तरफ ताज होटल अपने मेहमानों- डेविड डंकन (आर्मी हेमर) उनकी वाइफ जारा (नाजनीन बोनिडी), रशियन बिजनेसमैन वासिली गोर्दस्की (जेसन आईसेक) का स्वागत कर रहा है. होटल के चीफ शेफ हेमंत ओबरॉय (अनुपम खेर) वेटर अर्जुन (देव पटेल) सहित होटल के दूसरे स्टाफ को निर्देश दे रहे हैं कि कैसे मेहमाननवाजी करनी है. उसी वक्त अजमल कसाब और इस्माइल मुंबई के छत्रपति शिवाजी स्टेशन पर हमला बोल देते हैं, दूसरी तरफ लियोपोल्ड कैफे पर आतंकी गोलीबारी करते हैं. लियोपोल्ड कैफे की गोलीबारी से बचकर कई लोग ताज होटल में शरण लेते हैं. इन लोगों के साथ चार आतंकी- इमरान, होकाम, रशीद और अब्दुल्ला भी होटल के अंदर दाखिल होते हैं. इसके बाद शुरू होता है होटल ताज के अंदर नरसंहार, जो अगले दो दिन तक चलता है. अब हेमंत ओबरोय, अर्जुन समेत होटल का स्टाफ आतंकियों को चकमा देकर फंसे अपने मेहमानों को कैसे बचाता है. किस तरह से पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के आका उन्हें इंस्ट्रक्शन देते हैं. इसके लिए आपको होटल मुंबई देखनी होगी.
निर्देशनः ऑस्ट्रेलियन फिल्म मेकर एंथोनी मारस की यह डेब्यू फिल्म है. उन्होंने बहुत खूबसूरती से बनाई है. हर एक सीन डर और दहशत से भरा है, जो आपको मन ही मन दुआ करने के लिए मजबूर करता है. आतंकवादियों का बड़े आराम से मुंबई तक पहुंचना और फिर आम जनता में घुल-मिल जाना और टैक्सी लेकर अपनी-अपनी लोकेशन पर पहुंचना बहुत डरावना है. फिल्म जैसे-जैसे आगे बढ़ती है और ताज होटल में होने वाला हादसा और भी गंभीर, दर्दनाक और डरावना होने लगता है. फिल्म की एडिटिंग बहुत खूबसूरत है. बढ़िया सिनेमाटोग्राफी, साउंड डिजाइन और बैकग्राउंड स्कोर फिल्म को रियल बनाते हैं.
एक्टिंगः इस फिल्म में कोई मुख्य किरदार नहीं है. सभी कलाकारों ने अपने रोल के साथ पूरा न्याय किया है. फिल्म के एक्टर्स देव पटेल, अनुपम खेर, आर्मी हैमर, नाजनीन बोनैदी, टिल्डा कोहम-हार्वी और जेकब आईजैक ने बढ़िया परफॉरमेंस दी है. इनका डर, कंफ्यूजन और पैनिक देखने लायक है और इन सभी की एक्टिंग इस फिल्म को बेहतरीन बनाती है. आप इसे देखते हुए आप अपनी इमोशन्स और अपने आंसुओं को नहीं रोक पाएंगे.
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