माराडोना का दीवाना सारा ज़माना है, उन्होंने 1986 में अकेले दम पर अर्जेंटीना को फुटबॉल वर्ल्ड कप जिताया था. लेकिन बुधवार 25 नवंबर को हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया और यह महान खिलाड़ी दुनिया को अलविदा कह गया. माराडोना की उम्र 60 साल की थी और कुछ रोज़ पहले ही उनकी ब्रेन में ब्लड क्लॉट की सर्जरी हुई थी. उन्हें अस्पताल से छुट्टी भी मिल चुकी थी और वो घर आ गए थे लेकिन अचानक इस हार्ट अटैक ने उनकी जान ले ली.
अर्जेंटीना में तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा कर दी गई है. पिछले कुछ समय से वो कोकीन की लत और मोटापे का शिकार थे. वो अपने करियर के पीक पर ही नशे की लत में फंस चुके थे. वो बेहद गरीब परिवार से आए थे और उनके कुछ 7-8 भाई बहन थे, लेकिन फुटबॉल ने उन्हें शौहरत और पैसा सब दिया. वर्ल्ड कप के दौरान उन्होंने इंग्लैंड को बाहर का रास्ता दिखाते हुए एक ऐसा गोल किया जिसकी चर्चा आज भी होती है, इसे 'हैंड ऑफ गॉड' गोल कहा जाता है.
नशे की लत के चलते वो दिल की बीमारियों की गिरफ़्त में आ चुके थे क्योंकि उनका वज़न काफ़ी बढ़ चुका था. नशे की लत छुड़ाने के लिए भी इलाज उन्होंने ज़रूर कराया पर फिर खुलेआम कह दिया कि मैं ड्रग एडिक्ट था, हूं और रहूंगा.
बहरहाल उनके निधन पर सभी शोक में हैं और बॉलीवुड भी इससे अछूता नहीं. खेल, राजनीति व फ़िल्म जगत की सभी हस्तियाँ ट्वीट करके उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने भी गहरी संवेदना जताते हुए कहा कि मैदान पर उन्होंने बेहतरीन खेल दिखाया और उनका करिश्माई खेल हमें कई यादें दे गया.