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ग़ज़ल- जब भी मैंने देखा है… (Gazal- Jab Bhi Maine Dekha Hai…)

By Usha Gupta in Shayeri , Geet / Gazal , Short Stories
जब भी मैंने देखा है दिलदार तुम्हारी आंखों में
चाहत का इक़रार मिला हर बार तुम्हारी आंखों में
रमता जोगी भूल गया है रस्ता अपनी मंज़िल का
देख लिया है उसने अब इक़रार तुम्हारी आंखों में
जो सदियों से गुम था मेरा, आज मिला दिल क़िस्मत से
उसको मैंने ढूंढ़ लिया दिलदार तुम्हारी आंखों में
जिसको योगी ढूंढ़ रहे थे, युगों युगों से जंगल में
मैंने है वो खोज लिया इसरार तुम्हारी आंखों में
हर कोई मेरी जां का दुश्मन बना हुआ है महफ़िल में
जाने कितने 1फ़ितने हैं सरकार तुम्हारी आंखों में
वेद प्रकाश पाहवा ‘कंवल’
- शरारतें
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