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कहीं आप भी बॉडी शेमिंग के शिकार तो नहीं? (How To Handle Body Shaming?)

मज़ाक में ही सही, पर अक्सर राज अपनी पत्नी अनीता के उसके मोटे शरीर को लेकर कोई-न-कोई टिप्पणी पास कर ही देता था. जैसे- “जो भी हो पर लगती तुम खाते-पीते घर की हो…" अपने दोस्त और रिश्तेदारों के सामने भी वह अनीता के मोटे शरीर को लेकर कुछ-न-कुछ बोल देता, जिससे वह आहत हो उठती थी. उसके सारे गुणों को अनदेखा कर राज बस उसके मोटे शरीर को ही लेकर ही उठता-बैठता रहता और जतलाता कि उसे तो पतली-छरहरी लड़की चाहिए थी, मगर उसकी क़िस्मत में मोटी लड़की ही लिखी थी, तो क्या किया जाए. मगर उसकी ऐसी बातों से अनीता के दिल पर क्या बीतती थी इससे वह अंजान था.
पति-पत्नी के रिश्ते में एक-दूसरे का सम्मान करना सबसे ज़्यादा अहमियत रखता है. लेकिन कई बार पुराने से पुराने रिश्ते में भी खटास तब पड़ने लगती है, जब किसी गैर के सामने पार्टनर एक-दूसरे का मज़ाक बनाने लगते हैं. पत्नी का बढ़ता मोटापा, उसे ओल्ड फैशन बोलकर उसका मज़ाक बनाना कहां तक उचित है? लोग नहीं समझते कि उनका बोला गया इस तरह के शब्द कैसे सामनेवाले पर गहरा प्रभाव डालता है.
जब भी आप लंबे समय बाद अपने किसी रिश्तेदार से मिलते हैं, तो वे कुछ-न-कुछ कमेंट्स पास ज़रूर करते हैं, जैसे- “अरे, कितनी मोटी हो गई तू! कुछ एक्सरसाइज़ किया कर…"
"तुम्हारा चेहरा कितना डल लग रहा है. क्या हुआ सब ठीक तो है? बहुत दुबले हो गए हो भाई. ज़रा घी-मक्खन खाया करो…" उनकी ऐसी बातों से मिलने का जो उत्साह होता है, ख़त्म हो जाता है. लगता है इनसे मिले ही क्यों? ना मिलते तो अच्छा होता.
किसी के कम-ज़्यादा वज़न पर जजमेंट पास करना दुनिया का सबसे आसान काम है. मज़ा आता है लोगों को दूसरों पर हंस कर. कोई रिश्तेदार या पड़ोसी जब हमें बिना मांगे सलाह देने लगते हैं कि हमें अपना वज़न थोड़ा कम करना चाहिए और इसके लिए हमें सुबह उठकर दौड़ लगानी चाहिए, खाने में तली-भूनी चीज़ों से परहेज़ करनी चाहिए. तो बड़ा ग़ुस्सा आता है. दोस्त जब ‘ये मोटी’ कहकर बुलाते हैं या हम जब अपने लिए ड्रेस का चुनाव करने लगते है और दुकानदार यह बोल देता हैं कि आपके नाप का कपड़ा यहां नहीं मिलेगा, तो हम अपने आप में ही लज्जित हो जाते हैं जैसे हमने कितना बड़ा गुनाह किया हो. बॉडी शेमिंग हर रोज़ की बातचीत में मस्ती-मज़ाक, चुटुकुला, निंदा का हिस्सा बन गया है.
सोशल मीडिया पर भी बॉडी शेमिंग के ऐसे कई मामले देखने को मिलते हैं. आलम यह है कि सिर्फ़ आम आदमी ही नहीं, बल्कि सेलिब्रिटी भी इससे बच नहीं पाए हैं. विद्या बालन, दीपिका पादुकोण, ऐश्वर्या राय, भूमि पेडनेकर, हुमा कुरैशी, शिल्पा शिंदे तक बॉडी शेमिंग का शिकार हुई हैं और सोशल मीडिया पर ट्रोल भी हो चुकी हैं. हालांकि इन लोगों ने इसका सामना किया और बोलनेवालों को करारा जवाब भी दिया, लेकिन फिर भी बोलनेवाले बाज नहीं आते हैं. जाने क्या मजा मिलता है इन्हें बॉडी शेमिंग करने में.
हर लड़की को अपनी ज़िंदगी में एक बार बॉडी शेमिंग का शिकार ज़रूर होना पड़ता है. और अगर बात सेलिब्रिटी की हो, तो चीज़ें और बिगड़ जाती है.

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एक इंटरव्यू के दौरान प्रियंका चोपड़ा ने क्रिटिसाइज़ किए जानेवाले सवाल पर अपने अनुभव शेयर किए. उन्होंने बताया कि बॉडी शेमिंग का शिकार हर कोई होता है. ख़ासकर फिल्म और मनोरंजन जगत में जहां हमेशा सभी पर बेहतर दिखने और शानदार लगने का दबाव बना रहता है. लोग ये कहकर प्रेशर डालते हैं कि पिछले महीने तो तुम्हें ये ड्रेस फिट हुआ था और अब नहीं हो रही ? सिर्फ़ एक्ट्रेस ही नहीं, बल्कि हर लड़की को एक ख़ास तरह से दिखना होता है, इसलिए वो भी इसका शिकार हुई हैं. लड़कियों को मैसेज देते हुए प्रियंका कहती हैं कि लड़कियों को अपनी ताकत पहचाननी चाहिए. लड़कियों को उन चीज़ों पर फोकस करनी चाहिए, जो उनके लिए अच्छी है. लोगों की बातों पर ध्यान न दें. उनका काम सिर्फ़ कहना है.

टीवी एक्ट्रेस वाहजिब का कहना है कि जब आप मोटे होते हैं तो लोग आपको कई तरह के नाम दे देते हैं. ऐसे निगेटिव नामों से आपका आत्मविश्वास कम होता है. कई बार ऐसा हुआ जब मैं ऐसे कमेंट्स सुनकर परेशान हो जाती थी और अपना आत्मविश्वास खो देती थी. लेकिन अब मैं अपने आप से ख़ुश हूं. रोज़ाना जिम जाती हूं.

अपनी छोटी सी उम्र से ही लंबी यात्रा तय करनेवाली एकता कपूर को भी बॉडी शेमिंग का शिकार होना पड़ा था. उनके वज़न और पहनावे को लेकर टीका-टिप्पणी हुई. लेकिन वे उन बातों की परवाह न कर अपने पथ पर आगे बढ़ती रही और समय आने पर अपनी प्रतिभा से सबको जवाब भी दे दिया. उनका कहना है कि एक स्त्री कैसी दिखती है या उसका पहनावा क्या है. इस पर ध्यान देने की बजाय आपको उसकी प्रतिभा पर ध्यान देना चाहिए.

परफेक्ट बॉडी किसी के पास नहीं होती, यह बात आपको स्वीकार करनी ही पड़ेगी और सबसे बड़ी बात कि सुंदरता कुछ दिनों की मेहमान होती है. तो ये किसी के जीवन को कैसे प्रभावित कर सकती है? यदि इसे गहराई से समझना है तो हमें चेन्नई की रूबी ब्यूटी से शिक्षा लेनी चाहिए. आज भले ही रूबी किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं, मगर उनके जीवन में जो घटा और जिस तरह से उन्होंने लड़कर पूरी दुनिया में ख़ुद को साबित किया वह क़ाबिल-ए-तारीफ़ तो है ही, लोगों के लिए एक प्रेरणा भी है.

कौन है रूबी ब्यूटी?
किसी ज़माने में अपने मोटापे के कारण अपने पति के आंखों की किरकिरी बनी, रूबी ब्यूटी आज देश की जानी-मानी बॉडी बिल्डर है. रूबी देश के लिए लगातार गोल्ड जीतनेवाली वह महिला है, जिसे उसके पति ने सिर्फ़ उसके मोटापे के चलते उसे छोड़ दिया था. अपना दुख बयां करते हुए उन्होंने बताया कि शादी के बाद उनका वज़न लगातार बढ़ता रहा और एक दिन उसके पति ने उसे साफ़ कह दिया कि उसके वज़न के कारण अब उसे रूबी में कोई रुचि नहीं रही. लेकिन 6 साल के बेटे की मां रूबी के लिए इस समस्या से निकलना आसान नहीं था. लेकिन रूबी ने हार नहीं मानी और अपना वज़न कम करने के लिए बॉडी बिल्डिंग का रास्ता चुना. आज हालत ये है कि समाज में बहुत-सी ऐसी लड़कियां हैं, जो रूबी की तरह ही बनना चाहती है.
आम तर्क है कि वज़न, लुक्स, स्ट्रेच मार्क्स आदि को लेकर टिप्पणी की जाए, तो लोग उस ओर ध्यान देने लगते हैं, लेकिन यह सरासर ग़लत है. एक स्टडी में भी साबित हो चुका है कि वज़न के इस पूर्वाग्रह से जुड़े तर्क वास्तव में ख़राब स्वास्थ्य की ओर ले जाता है. रिसर्च के मुताबिक़, वज़न आपके बायोलोजिकल, जेनिटिक, एंवायरलमेंटल और अन्य कारकों के एक कॉम्प्लेक्स सेट से निर्धारित होता है और यह केवल इस पर नहीं टिका होता है कि आपने कितना खाया और पीया है. केवल दुबले होने का मतलब होना ही हेल्दी रहने की गारंटी नहीं है और न ही फैट का मतलब ख़राब स्वास्थ्य से है.

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लोग अपने वज़न को लेकर शर्मिंदगी महसूस करते हैं, उनमें आत्मसम्मान की कमी आ जाती है. कोई-कोई तो अवसाद से घिर जाते हैं. इसके कारण उनमें कई तरह की बीमारियां पनपने लगती है. किसी के शरीर को लेकर मज़ाक बनना उसे अंदर तक आहत कर देता है. लेकिन मज़ाक उड़ानेवाले उस इंसान के बारे में नहीं सोचते कि उस के दिल पर क्या बीत रही है.
यह एक कड़वा सच है कि जिस तरह के समाज में हम रहते हैं वहां अगर आपकी बॉडी टाइप यानी शरीर की बनावट थोड़ी भिन्न है, तो लोग आपको अलग नज़र से देखने लगते हैं. हमें आकर्षक मैगजीन कवर, बॉलीवुड या टीवी सेलिब्रिटी के माध्यम से यह मानने के लिए बाध्य किया जाता है कि यही आदर्श शरीर यानी फिट और आइडियल बॉडी होती है. इतना ही नहीं सब इस बात को धीरे-धीरे स्वीकार भी कर लेते हैं और वैसी ही बिल्कुल फिट बॉडी पाने की ख़्वाहिश करने लगते हैं.

40 साल की रेणु का कहना है कि वह बचपन से ही मोटी रही हैं. अक्सर अपने मोटापे को लेकर वह शर्मिंदा होती रही. याद है, जब भी उसके घर कोई मेहमान आते थे वह अपने कमरे में बंद हो जाती थी. क्योंकि कहीं उसके मोटे शरीर को लेकर कोई कुछ बोल न दे. स्कूल में भी लगता उसके दोस्त उसके मोटे शरीर को लेकर ही बातें कर रहे होंगे. बहुत रोती वह, सोचती बस किसी तरह दुबली हो जाऊं. इसके लिए उसने खाना कम कर दिया. लेकिन एक दिन उसके पापा ने समझाया कि क्या फर्क़ पड़ता है जो तुम मोटी हो? मायने यह रखता है कि तुम स्वस्थ हो और अपने जीवन में आगे बढ़ रही हो. लोगों का क्या है वो तो कुछ भी बोलेंगे. और फिर जब तुम्हें कोई समस्या नहीं है अपने शरीर से, तो फिर लोगों की बातें मत सुनो. और फिर धीरे-धीरे रेणु में पाॅज़िटिविटी आने लगी. फिर क्या था, बोलनेवालों को वह ऐसा करारा जवाब देती कि फिर उनकी हिम्मत नहीं पड़ती कुछ बोलने की.
सालों पहले महिलाओं को 36-28-36 साइज़ को ही परफेक्ट बताया गया है. यही नहीं महिलाओं के मन में इस बात को गहरे से बिठा दिया गया है कि अगर ये साइज़ आपका नहीं है, तो आप कुरूप या कोई फूहड़ की श्रेणी में आती हैं. समय के साथ-साथ ख़ूबसूरती के इस लिस्ट में कई नए सिरे आ गए हैं, जैसे- बिकनी बॉडी, जांघों के बीच का अंतर और पतले होने के कई ऐसे ट्रेंड को हमारे आसपास ऐसे डाल दिया गया है जैसे कि यही लड़की की ज़िंदगी हों. लेकिन अब लोगों की सोच बदल रही है.
सोशल मीडिया पर अब महिलाएं अपने निकले हुए पेट को दिखाने में हिचक महसूस नहीं कर रही हैं. ऐसा तब करता है इंसान जब उसमें आत्मविश्वास भर जाता है. पॉज़िटिव सोच होने लगती है.

क्या है बॉडी पाॅज़िटिविटी?
बॉडी पाॅज़िटिविटी यानी की सकारात्मक, जैसे कि नाम से ही ज़ाहिर है. अपने शरीर को पूरी पाॅज़िटिविटी के साथ स्वीकार करना ही बॉडी पाॅज़िटिविटी है. फिर चाहे वो हमारा शरीर हो या फिर किसी और का. सभी बेहद ख़ूबसूरत हैं. इस सोच से कोसों दूर कि सिर्फ़ सेलिब्रिटी का बॉडी शेप ही परफेक्ट होता है, बल्कि हर तरह का बॉडी टाइप तारीफ़ें क़ाबिल है. मायने यह रखता है कि आप आत्मविश्वासी और स्वस्थ हैं, न की आपकी बॉडी टाइप या फिर बॉडी शेप कैसा है. हमारे लिए यह समझना बहुत ज़रूरी है कि हम अपने आप से और अपने बॉडी से कितना प्यार करते हैं. फिर चाहे वह कैसा भी क्यों न हो. लोगों की बातों, उनके कमेंट्स, उनकी टोका-टाकी का हमारे ऊपर कोई निगेटिव असर नहीं होना चाहिए.
शरीर की बनावट को लेकर कमेंट्स सिर्फ़ लड़कियों को नहीं सुननी पड़ती है, बल्कि लड़के भी इसमें शामिल हैं. उन्हें भी अपने बॉडी शेप को लेकर लोगों के कमेट्स सुनने पड़ते हैं. जैसे कि मटके जैसा पेट निकला होना, मोटा होना आदि. हर जेंडर के लोगों को बॉडी पाॅज़िटिव होना बेहद ज़रूरी है, इसीलिए बॉडी पाॅज़िटिव किसी एक जेंडर तक सीमित नहीं है.
इंदौर की काउंसलिंग साइकोलाॅजिस्ट नेहा मूलचंदानी बताती हैं कि कई बार आपको नहीं पता होता है कि आप ख़ुद बॉडी शेमिंग का शिकार हो गई हैं.

कैसे पहचानें की आप बॉडी शेमिंग का शिकार हो रही हैं?
• अगर आप लोंगो के सामने जाने से कतराती हैं. आपको लगता है लोग आपके वज़न को लेकर कुछ-न-कुछ बोल देंगे, इसलिए आप लोगों का सामना नहीं करना चाहती है, तो यह है बॉडी शेमिंग.
• जब अपनी तुलना दूसरों के शरीर से करने लगती हैं यानी की दूसरों के कमर और कंधों को देखकर यह सोचने लगती हैं कि आपके इतने मोटे क्यों हैं? उनके जैसा क्यों नहीं है? तो ये हैं बॉडी शेमिंग.
• आपको अपनी सहेली के बॉयफ्रेंड को देखकर जलन की भावना पैदा होती है. आपको लगता है कि आपके बेडौल शरीर के कारण ही आज तक आप सिंगल हैं और भविष्य में भी आपको कोई बॉयफ्रेंड नहीं मिलने वाला तो ये है बॉडी शेमिंग.
• दूसरी लड़कियों के ड्रेस फिटिंग और आकर्षित कर देनेवाली ड्रेस को देखकर अगर आपको लगता है कि आप ऐसी ड्रेस नहीं पहन सकती, क्योंकि आप मोटी हैं तो ये है बॉडी शेमिंग.

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बॉडी शेमिंग से कैसे बचें?
• अपनी तारीफ़ ख़ुद करने की आदत डालिए. आपकी तारीफ़ आपके घरवाले, दोस्त, रिश्तेदार, पड़ोसी भले ही न करें, पर आप ख़ुद अपने गुणों की बखान ज़रूर करें. ख़ुद से प्यार करना सीखिए.
• लोग कह रहे हैं, इसलिए मुझे अपना वज़न कम करना चाहिए, ग़लत है. आप ख़ुद क्या चाहती हैं इस पर गौर करिए.
• वो कहते हैं न हाथी चले बाज़ार कुत्ता भूंके हज़ार… इसलिए आपकी फिटनेस को लेकर लोगों की कमेंट्स पर बिल्कुल भी ध्यान मत दीजिए, क्योंकि आपके गुण एक दिन लोगों के मुंह अवश्य ही बंद कर देंगे.
• कभी भी अपनी तुलना किसी और से मत करिए, क्योंकि गुण-अवगुण दुनिया के हर एक इंसान में मौजूद होती है और आपके अंदर जो कमी है उसे आप बहुत जल्द ही दूर कर लेगी यह विश्‍वास रखें.
• एक लक्ष्य बनाइए कि आप इतने दिनों में अपना वज़न कम कर लेंगी, लेकिन जो भी लक्ष्य बनाएं उस पर गंभीरता से अमल करें.
• दूसरों से प्यार करना सीखें. जब हम चारों ओर नफ़रत और निगेटिविटी फैलाते हैं, तो इसे अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं. लेकिन जब हम ख़ुद में सुंदरता देखना शुरू कर देते हैं, तो हम ऐसे अपने आसपास भी देखना शुरू कर सकते हैं. इसलिए बॉडी पाॅज़िटिविटी के साथ ख़ुद से प्यार करना सीखिए. दुनिया अपने आप ख़ूबसूरत लगने लगेगी. याद रखिए, जब तक आप अपने आपसे प्यार करना नहीं सीखेंगे, दूसरे भी आपको प्यार की नज़र से नहीं देखेंगे.
• हमारे समाज में लड़कियों को कैसा दिखना चाहिए, उसके शरीर का बनावट कैसा होना चाहिए, उसे किस तरह से बात करनी चाहिए संबंधित कई ग़लत धारणाएं हैं. ख़ासतौर पर जब आप फिल्म लाइन में होते हैं, तो लोग आपको ज़्यादा ही जज करने लगते हैं. आपके एक-एक चीज़ पर लोगों की नज़र टिकी होती है और आप बॉडी शेमिंग का शिकार हो जाते हैं. वक़्त के साथ हरेक इंसान के शरीर में कई उतार-चढ़ाव आते ही हैं और लोगों को इस बात से कोई प्रॉब्लम नहीं होनी चाहिए.

- मिनी सिंह

Body Shaming

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