आलिया भट्ट इन दिनों शादी के एक विज्ञापन को लेकर काफ़ी चर्चा में हैं, जिसमें वो दुल्हन के रूप में नज़र आ रही हैं लेकिन कन्यादान जैसी परंपरा से वो सहमत नहीं हैं. लोगों ने जबसे ये विज्ञापन देखा है इस पर चर्चा शुरू हो गई और साथ ही विवाद भी. कुछ लोगों को ये सोच सही लग रही तो कुछ को ये हमारी परंपरा विरोधी.
इस विज्ञापन में आलिया शादी के मंडप में बैठ कुछ बातें कहती हैं, जैसे- लड़कियों को पराया धन क्यों कहा जाता है, नानी कहती हैं जब अपने घर जाएगी… तो क्या ये घर मेरा नहीं, मां की चिड़िया हूं, पर चिड़िया का तो पूरा आसमान होता है… कन्यादान क्यों, क्या मैं कोई चीज़ हूं जिसे दान में दिया जाए, कन्यादान नहीं, कन्यामान हो… यहां देखिए वो विज्ञापन…
इस तरह इस विज्ञापन के ज़रिए रूढ़िवादी सोच को बदलने की बात कही गई है, लेकिन इस विज्ञापन पर कंगना रनौत भड़क गई हैं और उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक लंबी पोस्ट शेयर की है, जिसमें उन्होंने लिखा है- हम अक्सर टीवी पर देखते हैं कि जब भी सीमा पर कोई जवान शहीद हो जाता है, तो उसके पिता गर्व से गरजते हुए कहते हैं कि कोई बात नहीं, मेरा एक बेटा और है मैं धरती मां के लिए उसे भी दान करूंगा. कन्यादान हो या पुत्रदान, समाज इस तरह की संकल्पना को जैसे देखता है, उससे हमारे मूल संस्कारों का पता चलता है… कंगना की ये पोस्ट काफ़ी लंबी है और इसके साथ ही कंगना ने कैप्शन में लिखा है कि सभी ब्रैंड्स से विनम्र निवेदन है कि चीज़ें बेचने के लिए धर्म, अल्पसंख्यक, बहुसंख्यक राजनीति का इस्तेमाल न करें. इस तरह के विज्ञापनों से भोले-भाले ग्राहकों को भ्रमित न करें जिनमें बांटने वाले विचार हों.
ये विज्ञापन एक मशहूर ब्राइडल आउटफिट ब्रांड का है और कंगना ने कैप्शन में उनको व आलिया को भी टैग किया है. सोशल मीडिया पर भी इस विज्ञापन पर विवाद हो रहा है, कोई इसको सराह रहा है तो कोई इसको फेक फ़ेमिनिज़्म कह रहा है, लोगों का कहना है कि हिंदू धर्म को ही निशाना बनाया जाता है और हमारी परम्पराओं को ग़लत तरीक़े से प्रस्तुत किया जाता है, क्योंकि हम सब सहते हैं इसलिए ये सबको आसान लगता है.
कुछ लोग इस विज्ञापन को बैन करने की भी मांग के रहे हैं और कंगना का समर्थन कर रहे हैं.
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