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काव्य- तुम्हारी मैं… (Kavay- Tumhari Main…)

Kavay मैं तुम्हारी हर चीज़ से प्यार करती हूं न चाहते हुए भी जैसे तुम्हारे सिगार की महक बिस्तर पर फेंकी हुई तुम्हारी टाई ज़मीन पर पड़े बेतरतीब जूते बाथरूम में पड़ा शेविंग रेजर वैसे तुम्हारी किताब में रखे सूखे गुलाब भी समझते हैं मेरे मौन को और मोबाइल में रखी ढेर सारी तस्वीरें भी मुझे परेशान नहीं करती क्योंकि तुम्हारा साथ तो पा लिया पर प्यार नहीं पाया फिर भी मैं प्यार करती हूं तुम्हारी सब प्रेमिकाओं से हां मैं तुम्हारी हर चीज़ से प्यार करती हूं...               - नीरज कुमार मिश्रा यह भी पढ़ेShayeri

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