पूर्णता की चाहत लिए
प्रतीक्षारत कविताएं..
कुछ अधमिटे शब्दों की
प्रस्तावित व्याख्याएं..
कब से, पल-पल संजोई हुई
आशान्वित कल्पनाएं..
संभावनाओं की देहरी पर
राह तकती आकांक्षाएं..
और
मन्नतों के धागों में पिरोई हुई
अनगिनत गांठें..
सुनो,
..ऐसा है मेरा ये आंचल!..
यह भी पढ़े: Shayeri
Link Copied