- Entertainment
- Shopping
- Quiz
- Relationship & Romance
- Sex Life
- Recipes
- Health & Fitness
- Horoscope
- Beauty
- Others
कविता- तेरे लिए… (Kavita- Tere L...
Home » कविता- तेरे लिए… (Kavita- T...
कविता- तेरे लिए… (Kavita- Tere Liye…)

By Usha Gupta in Shayeri , Geet / Gazal , Short Stories
*
गुज़र जानी थी ये उम्र
किसी बेनाम कहानी की तरह
कि बियाबान में फैली
ख़ुशबू और उसकी रवानी की तरह
गर ये दिल की धड़कन
तेरी आंखों के
समंदर में न उतरी होती..
*
न अफ़साने न फ़साने होते
न ही तक़दीर का मसला होता
गर फ़रिश्तों ने तेरी रूह को
धरती पे न छोड़ा होता..
*
क्यूं
गुज़रती है ज़िंदगी
बार-बार
तेरी चौखट से
उम्मीद के दामन में
तेरी तमन्ना
अभी बाकी तो नहीं है…
– शिखर प्रयाग
यह भी पढ़े: Shayeri