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काव्य- महिला दिवस… (Kavya- Mahila Diwas…)

कैसे मनाएंगे महिला दिवस?
केक कटवाकर
गुब्बारे लगाकर
ख़ूब हल्ला-गुल्ला
शोर मचाकर?
या फिर वो शोर ढूंढ़ेंगे
जो किसी की चुप्पी में
सालों से क़ैद है!
भले ही आज उपहार न देना
बधाई न देना
लेकिन आज के दिन
ताने भी मत देना
कि तुम्हारे लिए कुछ भी कर लो
तुम ख़ुश क्यों नहीं होती हो,
बल्कि सिर पर हाथ फेरकर
माथा चूमकर पूछना
तुम इतनी चुप क्यों रहती हो?..

Lucky Rajiv
लकी राजीव

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Kavita

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