कलाकार- कंगना रनौत, अरविंद स्वामी, एम. नासर, राज अर्जुन, मधु, भाग्यश्री, शामना कासिम, जिशू सेनगुप्ता
निर्देशक- ए. एल. विजय
रेटिंग- 4/5
जब भी कोई बायोपिक फिल्म बनाई जाती है, तो उससे जुड़े तमाम सवाल खड़े होते ही हैं कि जिस पर यह फिल्म बनी है, उनके सभी पहलुआओं को लिया गया है कि नहीं है. फिल्म के हिसाब से काट-छांट तो नहीं की गई है. यही बात कंगना रनौत अभिनीत 'थलाइवी' फिल्म को लेकर भी हो रही है, जो आज ही सिनेमाघर में रिलीज हुई है. थलाइवी तमिल शब्द है, जिसका अर्थ होता है नेता यानी लीडर.
इसमें कोई दो राय नहीं कि कंगना ने अब तक की अपनी सबसे ज़बरदस्त बेस्ट परफॉर्मेंस दी है. साउथ की अभिनेत्री और तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता पर आधारित थलाइवी में कंगना ने कमाल का अभिनय किया है. उन्होंने जयललिता की हर भाव-भंगिमाओं और अदाओं का बारीकी से अध्ययन किया है, तभी वह बेहतरीन तरीके से अपनी अदाकारी को दिखा भी पाई हैं. उनका मेकअप, लुक और अम्मा यानी जयललिता की तरह कहने का अंदाज़ हर किसी को प्रभावित कर गया.
जब कंगना के माता-पिता ने स्पेशल स्क्रीनिंग पर यह फिल्म देखी, तो उन्होंने बेटी को पहले से ही एडवांस में राष्ट्रीय पुरस्कार की बधाई दे दी और कहा, "पांचवा नेशनल अवॉर्ड मुबारक हो!"
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कंगना को अब तक चार नेशनल अवॉर्ड मिल चुके हैं, जो फैशन (सहायक अभिनेत्री) क्वीन, मणिकर्णिका- द झांसी की रानी, पंगा हैं.
फिल्म की कहानी कुछ इस तरह है कि किस तरह से जयललिता ने अभिनेत्री से लेकर अपने राजनीतिक सफ़र को किया. उसमें कितनी बाधाएं उन्हें सहनी पड़ी. पहले तो उन्होंने पॉलिटिक्स में आने से मना कर दिया था. एम.जी. रामचंद्रन के साथ फिल्म इंडस्ट्री में नाम कमाया. दोनों की जोड़ी हिट रही और लोगों ने काफी पसंद किया उनकी जोड़ी को.
फिर बाद में एमजीआर ने दिग्गज राजनीतिज्ञ करुणानिधि की पार्टी डीएमके में शामिल हो गए और उन्होंने अपनी एक्टिंग से पॉलिटिक्स का सफर शुरू किया. उन्होंने जयललिता को भी इसमें शामिल होने के लिए कहा, पर उन्होंने मना कर दिया. लेकिन काफी सालों बाद वे एमजेआर से जुड़ी और उन्होंने अपना राजनीति का सफर शुरू किया. वे उनकी पार्टी की प्रवक्ता बनी है उनका प्रचार संभाला. धीरे-धीरे वे आगे बढ़ते हुए आखिरकार फिर तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनीं. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर में काफी उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन उनका साहस, जोश और महत्वपूर्ण फैसले ने उन्हें कभी पीछे नहीं हटने दिया और वे आगे बढ़ती गई.
यदि थोड़े में कहा जाए, तो जयललिता की मां ने अभिनय करने के बाद घर की आर्थिक स्थिति के कारण अपनी बेटी को भी छोटी उम्र से अभिनय की दुनिया में ले आईं. जयललिता ने भी बड़े छोटेपन से परिवार की जिम्मेदारी संभाली और फिर जिंदगीभर संभालती रहीं. बच्चे की जो उम्र पढ़ने-लिखने कुछ बनने की होती है, उस उम्र में जयललिता घर संभालते हुए अभिनय और पहचान बनाने के लिए संघर्ष करती दिखीं. उन्होंने धीरे-धीरे अपने शानदार अभिनय से फिल्म इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान बना ही ली. उनके और एमजीआर की जोड़ी को लोग ने खूब सराहा. दोनों ने मिलकर कई सुपर-डुपर हिट फिल्में भी दीं. दोनों के रिश्ते को लेकर भी तमाम बातें होती रहती थीं, लेकिन कभी भी उन्होंने सार्वजनिक रूप से इसे स्वीकार नहीं किया. लेकिन हर कोई जानता था कि दोनों के दिलों में एक-दूसरे के लिए खास जगह रही है.
यदि अभिनय की बात करें तो कंगना पूरी फिल्म में छाई रहती हैं. उन्होंने साबित कर दिखाया कि अच्छे विषय पर बनी फिल्मों में वे कितनी कड़ी मेहनत करती रही हैं. पिछले 2 साल से उन्होंने इस फिल्म के लिए खूब मेहनत की थी. वैसे यह फिल्म पिछले साल अप्रैल में ही रिलीज होनेवाली थी, लेकिन कोरोना के कारण फिल्म की रिलीज की अवधि आगे बढ़ गई. फिर इस साल 23 अप्रैल को रिलीज होनेवाली थी, पर वह भी न हो पाया और आखिरकार 7 महीने बाद सितंबर में आज फिल्म रिलीज हुई. फिल्म की रिलीज़ पर काफी लंबा इंतजार करना पड़ा और खासकर कंगना के फैंस भी काफी निराश थे देरी को लेकर. लेकिन अब फिल्म देखकर यकीनन उनकी खुशी दुगनी हो गई होगी.
एमजेआर की भूमिका में अरविंद स्वामी ने भी प्रभावशाली अभिनय किया है. कई जगह पर तो ऐसे लगा ही नहीं कि वह अरविंद स्वामी हैं और ऐसे लगा कि एमजी रामचंद्रन है. इस किरदार को उन्होंने फिल्म में लाजवाब निभाया है. इतनी बढ़िया अदायगी बहुत कम देखने को मिलती है. अरविंद स्वामी ने अपनी एक्टिंग से यह साबित कर दिखाया कि आज भी उनमें खूब जोश-जुनून है, जो रोजा और बाम्बे फिल्म के समय था.
एम करुणानिधि की भूमिका में नासर ने कमाल का जलवा दिखाया है. कह सकते कि उन्होंने करुणानिधि की भूमिका को आत्मसात किया और अपनी गहरी छाप छोड़ी. इनके अलावा भाग्यश्री, मधु और राज अर्जुन ने भी अपनी भूमिका के साथ न्याय किया और खुद को साबित कर दिखाया.
लेखक के. वी. विजयेंद्र प्रसाद और रजत अरोड़ा ने कहानी लिखने में काफी सावधानी बरती है. जयललिता के उन्हीं पहलू पर अधिक प्रकाश डाला गया, जो काफी पॉजिटिव और प्रभावशाली रहे थे. फिल्म के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए उन्होंने उन सब विवादों और उनसे जुड़े भ्रष्टाचार को दिखाने की कोशिश नहीं की, जिसकी वजह से उनकी छवि प्रभावित हुई थी.
निर्माता शैलेश आर. सिंह ने एक बेहतरीन फिल्म का तोहफा लोगों को दिया है, जिसे लोग लंबे समय तक याद रखेंगे, ना केवल कंगना की एक्टिंग, बढ़िया कहानी और पटकथा के लिए बल्कि एक ऐसे सब्जेक्ट पर पूरी सावधानी से बनाई गई फिल्म के लिए भी.
चूंकि फिल्म हिंदी के अलावा तमिल और तेलुगू में भी बनी है इस कारण इस के संगीत डिपार्टमेंट में भी उसी के हिसाब से गायक और संगीतकारों की भरमार है. वैसे इरशाद कामिल के गीत अपना अलग छाप छोड़ते हैं. साथ ही गायक शंकर महादेवन, अरमान मलिक और पारुल मिश्रा भी प्रभावित करते हैं. अंकित बलहारा, संचित बलहारा और जी.वी. प्रकाश कुमार का साउंडट्रैक संगीत ठीक-ठाक है. सिनेमैटोग्राफी में विशाल विट्ठल थोड़ी और मेहनत कर सकते थे, तो कुछ और आनंद देखने को मिलता.
कंगना रनौत ने कल दिल्ली में राजनीतिज्ञों के लिए थलाइवी की स्पेशल स्क्रीनिंग रखी थी, जिसमें कई जाने-माने पॉलिटिशन के अलावा खासतौर से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी शामिल हुई थीं. उन्होंने फिल्म देखकर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि बहुत बढ़िया फिल्म है और कंगना की जमकर तारीफ भी की. कंगना ने भी आभार व्यक्त कर अपने इंस्टाग्राम स्टोरी पर उनके साथ तस्वीर शेयर करते हुए स्मृति ईरानी को रियल लाइफ की थलाइवी कहा.
भारतभर में जहां पर भी सिनेमाघर खुले हुए हैं, वहां पर आज थलाइवी प्रदर्शित हो गई है. फिलहाल मुंबई, महाराष्ट्र में सिनेमाघर बंद है, तो यहां पर रिलीज नहीं हो पाई है. लेकिन अन्य राज्यों में जहां पर सिनेमा हॉल खुला हुआ है, वहां पर यह फिल्म प्रदर्शित हुई है और लोगों को बेहद पसंद आ रही है. लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी जमकर अपने रिएक्शन दे रहे हैं.
महिलाओं के जीवन पर आधारित वैसे कई फिल्में बनी हैं, जैसे- मैरी कॉम जिसमें प्रियंका चोपड़ा ने शीर्षक किरदार निभाया था. गुंजन सक्सेना पर जाह्नवी कपूर… ऐसी तमाम फिल्में बनीं. लेकिन इन सब फिल्मों के ऊपर एक नज़र डालने के बाद यह कह सकते हैं कि थलाइवी इन सबसे अलग है और बेमिसाल भी. कंगना रनौत के फैंस बहुत खुश होंगे, क्योंकि उनके अब तक के करियर में यह फिल्म मील का पत्थर साबित होगी. इसमें कोई दो राय नहीं कि कंगना ने एक से एक बेहतरीन फिल्में की हैं. हर फिल्म में उन्होंने ख़ुद को साबित किया, फिर चाहे वह क्वीन, फैशन, मणिकर्णिका हो या पंगा ही क्यों ना हो. इस बार पंगा गर्ल ने सब जगह अपने अभिनय के झंडे गाड़ दिए हैं और एक बेहतरीन फिल्म का तोहफा हमें दिया है. आज गणेश चतुर्थी के अवसर पर कंगना अपने भाई के घर की गणपति में भी शामिल हुईं. उसकी खूबसूरत फोटो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर की. दिल्ली में हुए थलाइवी की स्पेशल स्क्रीनिंग में भी शालीन पहनावे में बेहद आकर्षक नजर आईं कंगना. देखते हैं उन तस्वीरों को भी…
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