सुदीप्तो सेन (Sudipto Sen) की फिल्म ‘दि केरल स्टोरी’ (The Kerala Story) भले ही लाख विरोध हो, लेकिन फिल्म ब्लॉक बस्टर (The Kerala Story blockbuster) घोषित हो चुकी है. फिल्म अब इंटरनेशनल भी हो चुकी है. फिल्म अमेरिका और कनाडा (The Kerala Story releases internationally) की 200 से ज्यादा स्क्रीन्स पर रिलीज हो गई है और वहां भी फिल्म को लोगों को बहुत पसंद आ रही है. इसके बावजूद एक बड़ा तबका आज भी फिल्म को गलत बताने और इसका विरोध (The Kerala Story Controversies) करने मे लगा हुआ है. यहाँ तक कि फिल्म के टीम मेंबर्स को धमकियां भी मिल रही हैं.
इस बीच अब फिल्म को लेकर हो रहे विवाद पर फिल्म की एक्ट्रेस योगिता बिहानी (Yogita Bihani) ने पहली बार बात की है और बताया है कि उनकी फैमिली इन सबके बीच कैसा फील कर रही है.
योगिता बिहानी ने बताया कि उनके पिता जब ये सारी न्यूज़ सुनते हैं तो उन्हें डर लगता है. इनफैक्ट वे काफी डरे हुए हैं. उन्होंने कहा, 'इस विवाद के चलते मेरे पिता डरे हुए हैं. वह मुझसे रोज़ पूछते हैं कि तुम आराम से घर जा रही हो ना? वह डरे हुए हैं, लेकिन मैं उन्हें सिर्फ अच्छी चीजें बताती हूं. मैं उन्हें ये यकीन दिलाने की कोशिश करती हूं कि सब कुछ ठीक चल रहा है. मैं उन्हें और नहीं डरा सकती, इसलिए मैं उन्हें उतना ही बताती हूं."
योगिता बिहानी हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान बात कर रही थीं. उन्होंने कहा, "हमने बहुत ही ईमानदारी से फिल्म को बनाया है. हमारे लिए ये फिल्म एक कॉलेज प्रोजेक्ट की तरह थी और हमने इस पर पूरे डेडिकेशन के साथ काम किया और इसे सबमिट कर दिया. हमें पता नहीं था कि रिजल्ट ये होगा. यह फिल्म लोगों को इतना पसंद आ रही है और ये देखकर हम हर दिन हैरान हो रहे हैं. हम सोच रहे है कि अच्छा यह भी हो सकता है."
बता दें कि फिल्म में योगिता बिहानी ने निमा मैथ्यू का किरदार निभाया है और उनकी एक्टिंग भी लोगों को बेहद पसंद आ रही है. हालांकि ये योगिता की पहली फिल्म नहीं है. इससे पहले भी वो कुछ फिल्मों और टीवी शोज़ में काम कर चुकी हैं, लेकिन सक्सेस उन्हें अब जाकर इस फिल्म से मिली है. ज़ाहिर है योगिता फिलहाल सातवें आसमान पर हैं और अपना सक्सेस सेलिब्रेट कर रही हैं.
फिल्म को लेकर हो रहे विवादों पर योगिता ने कहा, "हमने इन तीन लड़कियों की कहानी बताने के लिए फिल्म बनाई, ताकि लोगों में अवेयरनेस आए कि ऐसा भी हो सकता है. हम उन सरवाईवर्स को हिम्मत देना चाहते थे कि हम हैं उनके साथ, उनकी तकलीफ सुनने समझने के लिए. बाकी लोगों को क्या लगता है, इस बारे में मैं क्या कहूं. मैं उन लोगों को कोई जवाब देना ही नहीं चाहती, क्योंकि हमारा वो एजेंडा था ही नहीं."