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नज़्म- एहसास (Nazam- Ehsaas)
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नज़्म- एहसास (Nazam- Ehsaas)

By Usha Gupta in Shayeri , Geet / Gazal , Short Stories
किसी रिश्ते में
वादे और स्वीकारोक्ति
ज़रूरी तो नहीं
कई बार बिना आई लव यू
कहे भी तो प्यार होता है
और न जाने
कितने वादे और
आई लव यू
कहे रिश्ते
उम्र पूरी नहीं कर पाते
इसलिए मुझे
आई लव यू
कहना बेमानी लगता है
और मैं
प्यार को
सिर्फ़ एहसास में जीता हूं
किसी के कहे-अनकहे
शब्द में नहीं
वो एहसास
शब्द से कहीं अधिक क़ीमती होते हैं
जो बिना बोले
समझ लिए जाते हैं…
– शिखर प्रयाग
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