देशवासियों के लिए आज एक नई खुशखबरी यह आई है कि आज से नया उपभोक्ता क़ानून लागू हो गया है. जी हां, आपको विक्रेताओं की धोखाधड़ी से बचाने के लिए सरकार ने बना दिया है किंग और दे दिए हैं ऐसे कई नए अधिकार, जो पहलेवाले कंज़्यूमर एक्ट में नहीं थे. क्या हैं वो अधिकार और कौन से हैं नए बदलाव आइए देखते हैं.
- साल 2019 का यह नया कंज़्यूमर एक्ट पुराने कंज़्यूमर एक्ट 1986 की जगह लेगा.
- हालांकि यह क़ानून काफ़ी पहले ही तैयार हो गया था, लेकिन महामारी और लॉकडाउन के कारण यह पिछले कई महीनों से लागू नहीं हुआ था.
- नए क़ानून के तहत आप कंज़्यूमर कोर्ट में जनहित याचिका भी दाखिल कर सकते हैं, जो पहलेवाले क़ानून में नहीं था.
- नए ऐक्ट के तहत भ्रामक और गुमराह करनेवाले विज्ञापनों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. ऐसा करने के लिए मैन्युफैक्चरर को 2 साल की सज़ा और 10 लाख तक का जुर्माना हो सकता है. दोबारा दोहाई पाए जाने पर 5 साल की सज़ा और 50 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है.
- डिस्ट्रिक फोरम का नाम अब डिस्ट्रिक्ट कमीशन होगा और यहां 1 करोड़ तक के मामलों की सुनवाई होगी, जो पहले 20 लाख थी.
- वहीं स्टेट कमीशन में 10 करोड़ तक और नेशनल कमीशन में 10 करोड़ के ऊपर के मामलों की सुनवाई होगी.
- इसके अलावा मीडिएटर अपॉइंट करने का भी प्रावधान इस क़ानून में है, जो दोनों पार्टी के बीच सुलह की कोशिश कर सकते हैं और उनका ऑर्डर कोर्ट के ऑर्डर के समान होगा.
- अगर फ़ैसला ग्राहक के पक्ष में आता है और दूसरा पक्ष स्टेट कमीशन में अपील करने चाहता है, तो उससे पहले उसे डिस्ट्रिक्ट कमीशन द्वारा बताई गई रकम का 50% अमाउंट वहां जमा करना होगा.
- नए क़ानून में ई कॉमर्स और ऑनलाइन बिज़नेस को भी शामिल किया गया है.
ग्राहकों को मिले हैं ये नए अधिकार
- सबसे महत्वपूर्ण अधिकार जो आपको मिला है, वो यह है कि अब आप जहां भी रहते हैं, वहीं से विक्रेता के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कर सकते हैं. पहले आपको विक्रेता के क्षेत्र में जाकर शिकायत दर्ज करनी पड़ती थी, जिसे अब बदल दिया गया है.
- दूसरा जो महत्वपूर्ण अधिकार आपको मिल है, वो यह कि अब किसी घटिया माल की खऱीद के लिए आपको 1 लाख तक का मुआवज़ा मिल सकता है. इसके अलावा विक्रेता को 6 महीने की जेल भी हो सकती है.
- लेकिन अगर उस घटिया या खराब प्रोडक्ट के कारण ग्राहक को कोई नुकसान पहुंचता है, तो उसे 5 लाख तक का मुआवज़ा मिल सकता है और विक्रेता को 7 साल की जेल भी हो सकती है.
- अगर दुर्भाग्यवश उस प्रोडक्ट के कारण ग्राहक की मौत हो जाती है, तो ग्राहक को 10 लाख तक का मुआवज़ा और विक्रेता को उम्रकैद की सज़ा हो सकती है.
- ग्राहकों को पूरा अधिकार है कि विक्रेता उन्हें प्रोडक्ट्स और सर्विसेज़ की गुणवत्ता, शुद्धता और स्टैंडर्ड दाम के बारे में जानकारी दें.
- अब ग्राहकों की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी, जिससे उन्हें जल्दी न्याय मिलेगा.
- ग्राहकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार सेंट्रल कंज़्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी का गठन करेगी.
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